बिलासपुर । कथित 2200 करोड़ के शराब घोटाले में आरोपी आबकारी विभाग के निलंबित अफसर अरुणपति त्रिपाठी और त्रिलोक ढिल्लन की जमानत अर्जी को हाईकोर्ट ने एक बार फिर से खारिज कर दिया है।
जस्टिस अरविन्द कुमार वर्मा की कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज की है। कोर्ट ने माना, भ्रष्टाचार वास्तव में मानव अधिकारों का उल्लंघन है। भ्रष्ट लोकसेवकों का पता लगाना और ऐसे व्यक्तियों को दंडित करना ही भ्रष्टाचार अधिनियम का मकसद है। उल्लेखनीय है कि, बीते माह हाईकोर्ट ने जमानत अर्जी पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। उल्लेखनीय है कि, EOW ने शराब घोटाला, नकली होलोग्राम मामले में एफआईआर दर्ज की है। EOW द्वारा गिरफ्तारी के बाद एपी त्रिपाठी और कारोबारी त्रिलोक ढिल्लन ने हाईकोर्ट में जमानत के लिए अलग- अलग अर्जी लगाई थी।
बिलासपुर । कथित 2200 करोड़ के शराब घोटाले में आरोपी आबकारी विभाग के निलंबित अफसर अरुणपति त्रिपाठी और त्रिलोक ढिल्लन की जमानत अर्जी को हाईकोर्ट ने एक बार फिर से खारिज कर दिया है।
जस्टिस अरविन्द कुमार वर्मा की कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज की है। कोर्ट ने माना, भ्रष्टाचार वास्तव में मानव अधिकारों का उल्लंघन है। भ्रष्ट लोकसेवकों का पता लगाना और ऐसे व्यक्तियों को दंडित करना ही भ्रष्टाचार अधिनियम का मकसद है। उल्लेखनीय है कि, बीते माह हाईकोर्ट ने जमानत अर्जी पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। उल्लेखनीय है कि, EOW ने शराब घोटाला, नकली होलोग्राम मामले में एफआईआर दर्ज की है। EOW द्वारा गिरफ्तारी के बाद एपी त्रिपाठी और कारोबारी त्रिलोक ढिल्लन ने हाईकोर्ट में जमानत के लिए अलग- अलग अर्जी लगाई थी।