विपक्ष की शिकायत पर EC का बड़ा ऐक्शन, महाराष्ट्र DGP रश्मि शुक्ला का ट्रांसफर; फोन टैपिंग के आरोप:

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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले इलेक्शन कमिशन ने बड़ा ऐक्शन लिया है। आयोग ने विपक्ष की शिकायत पर राज्य की शीर्ष पुलिस अधिकारी रश्मि शुक्ला का ट्रांसफर कर दिया है। आयोग ने चीफ सेक्रेटरी सुजाता सौनिक से डीजीपी के पद पर नियुक्ति के लिए तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के नाम मांगे हैं। इनमें से ही किसी एक अधिकारी को कार्यवाहक डीजीपी के तौर पर नियुक्ति मिल सकती है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने आरोप लगाया था कि रश्मि शुक्ला ने फिर विपक्षी नेताओं के फोन टैप कराने का आदेश दिया है। इसलिए उन्हें पद से हटाया जाए।


अब चुनाव आयोग ने रश्मि शुक्ला को डेप्युटेशन पर सशस्त्र सीमा बल में भेजा गया है। शुक्ला को भाजपा और शिवसेना की सरकार ने दो साल का सेवा विस्तार दिया है। बीते सप्ताह ही चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र में राजनीति से प्रेरित अपराधों को लेकर चिंता जताई थी और डीजीपी रश्मि शुक्ला से कहा था कि वे इन पर रोक लगाएं। इसके बाद भी जब विपक्ष ने रश्मि शुक्ला की शिकायतें कीं तो चुनाव आयोग ने यह फैसला लिया है। कुछ दिन पहले ही मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने समीक्षा की थी। इसमें उन्होंने राजनीति से प्रेरित अपराधों को लेकर चिंता जताई थी। उनका कहना था कि इससे चुनावी माहौल खराब होगा और लेवल प्लेइंग फील्ड जैसी स्थिति नहीं रहेगी।


रश्मि शुक्ला के नाम से कई विवाद जुड़े रहे हैं। 1988 बैच की आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला जब महाराष्ट्र में इंटेलिजेंस कमिश्नर थीं तो उन पर आरोप लगे थे कि फोन टैपिंग के आदेश दिए हैं। इसके अलावा महाविकास अघाड़ी के दलों का आरोप रहा है कि वह भाजपा के करीब रही हैं। रश्मि शुक्ला को जून 2024 में ही रिटायर होना था, लेकिन उन्हें 2 साल का सेवा विस्तार मिल गया था। इसके बाद उनकी भाजपा से करीबी होने के आरोपों ने और जोर पकड़ लिया था। रश्मि शुक्ला पुणे की पुलिस कमिश्नर भी रही हैं। हालांकि वह सबसे ज्यादा विवादों में तब रहीं, जब इंटेलिजेंस कमिश्नर के पद पर तैनात थीं।


महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले इलेक्शन कमिशन ने बड़ा ऐक्शन लिया है। आयोग ने विपक्ष की शिकायत पर राज्य की शीर्ष पुलिस अधिकारी रश्मि शुक्ला का ट्रांसफर कर दिया है। आयोग ने चीफ सेक्रेटरी सुजाता सौनिक से डीजीपी के पद पर नियुक्ति के लिए तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के नाम मांगे हैं। इनमें से ही किसी एक अधिकारी को कार्यवाहक डीजीपी के तौर पर नियुक्ति मिल सकती है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने आरोप लगाया था कि रश्मि शुक्ला ने फिर विपक्षी नेताओं के फोन टैप कराने का आदेश दिया है। इसलिए उन्हें पद से हटाया जाए।


अब चुनाव आयोग ने रश्मि शुक्ला को डेप्युटेशन पर सशस्त्र सीमा बल में भेजा गया है। शुक्ला को भाजपा और शिवसेना की सरकार ने दो साल का सेवा विस्तार दिया है। बीते सप्ताह ही चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र में राजनीति से प्रेरित अपराधों को लेकर चिंता जताई थी और डीजीपी रश्मि शुक्ला से कहा था कि वे इन पर रोक लगाएं। इसके बाद भी जब विपक्ष ने रश्मि शुक्ला की शिकायतें कीं तो चुनाव आयोग ने यह फैसला लिया है। कुछ दिन पहले ही मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने समीक्षा की थी। इसमें उन्होंने राजनीति से प्रेरित अपराधों को लेकर चिंता जताई थी। उनका कहना था कि इससे चुनावी माहौल खराब होगा और लेवल प्लेइंग फील्ड जैसी स्थिति नहीं रहेगी।


रश्मि शुक्ला के नाम से कई विवाद जुड़े रहे हैं। 1988 बैच की आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला जब महाराष्ट्र में इंटेलिजेंस कमिश्नर थीं तो उन पर आरोप लगे थे कि फोन टैपिंग के आदेश दिए हैं। इसके अलावा महाविकास अघाड़ी के दलों का आरोप रहा है कि वह भाजपा के करीब रही हैं। रश्मि शुक्ला को जून 2024 में ही रिटायर होना था, लेकिन उन्हें 2 साल का सेवा विस्तार मिल गया था। इसके बाद उनकी भाजपा से करीबी होने के आरोपों ने और जोर पकड़ लिया था। रश्मि शुक्ला पुणे की पुलिस कमिश्नर भी रही हैं। हालांकि वह सबसे ज्यादा विवादों में तब रहीं, जब इंटेलिजेंस कमिश्नर के पद पर तैनात थीं।


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