अंतरिक्ष में 7687 किमी ऊपर तक गई किम जोंग की मिसाइल :

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प्योंगयांग । उत्तर कोरिया के तानाशाह शासक किम जोंग ने अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया है। यह मिसाइल 7687 किमी की ऊंचाई तक पहुंची। जापान और रूस के बीच समुद्र में गिरने से पहले दक्षिण कोरिया और जापान ने अंतरिक्ष में इस मिसाइल की उड़ान पर नजर रखी थी। इसे उत्तर कोरिया की सबसे शक्तिशाली मिसाइलों में से एक माना जा रहा है, जिसके परीक्षण का आदेश सीधे तानाशाह किम जोंग उन ने दिया था। उन्होंने इस परीक्षण को एक उचित सैन्य कार्रवाई बताया है। किम जोंग उन ने एक बयान में कहा, मैं पुष्टि करता हूं कि डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरियन अपने परमाणु बलों को मजबूत करने की अपनी नीति में कभी बदलाव नहीं करेगा। दक्षिण कोरिया और जापान ने बताया कि उत्तर कोरिया की इस मिसाइल की 87 मिनट की उड़ान प्योंगयांग के पास एक साइट से शुरू हुई और जापान के ओकुशिरी द्वीप से लगभग 200 किलोमीटर पश्चिम में समुद्र में गिरने से पहले लगभग 1,000 किलोमीटर की दूरी तय की। ह्वासोंग-19 मिसाइल ने काफी तेज गति से उड़ान भरी। सियोल स्थित सैन्य विश्लेषकों ने कहा कि यह प्रक्षेपण संभवतः रूसी सहायता के साथ, मौजूदा बैलिस्टिक मिसाइल में बूस्टर सुधारों का परीक्षण करने के लिए हुआ था।  दक्षिण कोरिया, जापान और अमेरिका ने किए गए प्रक्षेपण की निंदा की। व्हाइट हाउस के एक बयान में कहा गया है, यह प्रक्षेपण संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के कई प्रस्तावों का घोर उल्लंघन है। यह प्रक्षेपण अनावश्यक रूप से तनाव बढ़ाता है।


प्योंगयांग । उत्तर कोरिया के तानाशाह शासक किम जोंग ने अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया है। यह मिसाइल 7687 किमी की ऊंचाई तक पहुंची। जापान और रूस के बीच समुद्र में गिरने से पहले दक्षिण कोरिया और जापान ने अंतरिक्ष में इस मिसाइल की उड़ान पर नजर रखी थी। इसे उत्तर कोरिया की सबसे शक्तिशाली मिसाइलों में से एक माना जा रहा है, जिसके परीक्षण का आदेश सीधे तानाशाह किम जोंग उन ने दिया था। उन्होंने इस परीक्षण को एक उचित सैन्य कार्रवाई बताया है। किम जोंग उन ने एक बयान में कहा, मैं पुष्टि करता हूं कि डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरियन अपने परमाणु बलों को मजबूत करने की अपनी नीति में कभी बदलाव नहीं करेगा। दक्षिण कोरिया और जापान ने बताया कि उत्तर कोरिया की इस मिसाइल की 87 मिनट की उड़ान प्योंगयांग के पास एक साइट से शुरू हुई और जापान के ओकुशिरी द्वीप से लगभग 200 किलोमीटर पश्चिम में समुद्र में गिरने से पहले लगभग 1,000 किलोमीटर की दूरी तय की। ह्वासोंग-19 मिसाइल ने काफी तेज गति से उड़ान भरी। सियोल स्थित सैन्य विश्लेषकों ने कहा कि यह प्रक्षेपण संभवतः रूसी सहायता के साथ, मौजूदा बैलिस्टिक मिसाइल में बूस्टर सुधारों का परीक्षण करने के लिए हुआ था।  दक्षिण कोरिया, जापान और अमेरिका ने किए गए प्रक्षेपण की निंदा की। व्हाइट हाउस के एक बयान में कहा गया है, यह प्रक्षेपण संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के कई प्रस्तावों का घोर उल्लंघन है। यह प्रक्षेपण अनावश्यक रूप से तनाव बढ़ाता है।


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