रायपुर। प्रदेश में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ राज्य ऊर्जा अक्षय विकास एजेंसी (क्रेडा) ने हाउसिंग सोसायटियों को सौर ऊर्जा से रोशन करने की तैयारी कर ली है। क्रेडा के अधिकारी आवासीय सोसायटियों का सर्वे भी कर रहे हैं। हाल ही में क्रेडा ने हाउसिंग सोसायटियों की बैठक भी की थी।
अधिकारियों का कहना है कि आवासीय सोसायटियों में सोलर प्लांट लगाने से यहां के निवासियों को फायदा होगा। इसका खर्च भी आवासीय सोसायटियों और रेस्को (अक्षय ऊर्जा सेवा कंपनी) मिलकर उठाएंगे। वहीं केंद्र सरकार ने 2030 तक देश में सौर ऊर्जा से 500 अरब वाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा है।
दो योजनाएं शुरू होंगी
सोसायटियों में सोलर प्लांट लगाने के लिए रेस्को और कैपेक्स जैसी दो योजनाएं शुरू की जा रही हैं। कैपेक्स मॉडल के तहत सोसायटियों को पूरा खर्च उठाना होगा। वहीं रेस्को के तहत वेंडर पूरा सिस्टम लगाएगा और कॉलोनी के लोग न्यूनतम दर पर बिजली खरीदेंगे। क्रेडा के सीईओ राजेश सिंह राणा ने बताया कि प्रदेश की सभी छोटी-बड़ी कॉलोनियों को ग्रीन एनर्जी से जोड़ने के लिए इस दिशा में काम किया जा रहा है। सर्वे शुरू हो गया है। इससे बिजली बिल में भी कमी आएगी।
यह है रेस्को मॉडल
रिन्यूएबल एनर्जी सर्विस कंपनी (रेस्को) मॉडल के तहत बिजली की मांग के अनुसार सोसायटी में सोलर पावर प्लांट लगाया जाता है। इसमें शुरुआती खर्च रेस्को वहन करता है। उत्पादित बिजली को आवासीय सोसायटी को तय कीमत पर बेचा जाता है। यह बिजली बिल का एक तिहाई होता है। एक समय बाद यह प्लांट सोसायटी को सौंप दिया जाता है।
रायपुर। प्रदेश में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ राज्य ऊर्जा अक्षय विकास एजेंसी (क्रेडा) ने हाउसिंग सोसायटियों को सौर ऊर्जा से रोशन करने की तैयारी कर ली है। क्रेडा के अधिकारी आवासीय सोसायटियों का सर्वे भी कर रहे हैं। हाल ही में क्रेडा ने हाउसिंग सोसायटियों की बैठक भी की थी।
अधिकारियों का कहना है कि आवासीय सोसायटियों में सोलर प्लांट लगाने से यहां के निवासियों को फायदा होगा। इसका खर्च भी आवासीय सोसायटियों और रेस्को (अक्षय ऊर्जा सेवा कंपनी) मिलकर उठाएंगे। वहीं केंद्र सरकार ने 2030 तक देश में सौर ऊर्जा से 500 अरब वाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा है।
दो योजनाएं शुरू होंगी
सोसायटियों में सोलर प्लांट लगाने के लिए रेस्को और कैपेक्स जैसी दो योजनाएं शुरू की जा रही हैं। कैपेक्स मॉडल के तहत सोसायटियों को पूरा खर्च उठाना होगा। वहीं रेस्को के तहत वेंडर पूरा सिस्टम लगाएगा और कॉलोनी के लोग न्यूनतम दर पर बिजली खरीदेंगे। क्रेडा के सीईओ राजेश सिंह राणा ने बताया कि प्रदेश की सभी छोटी-बड़ी कॉलोनियों को ग्रीन एनर्जी से जोड़ने के लिए इस दिशा में काम किया जा रहा है। सर्वे शुरू हो गया है। इससे बिजली बिल में भी कमी आएगी।
यह है रेस्को मॉडल
रिन्यूएबल एनर्जी सर्विस कंपनी (रेस्को) मॉडल के तहत बिजली की मांग के अनुसार सोसायटी में सोलर पावर प्लांट लगाया जाता है। इसमें शुरुआती खर्च रेस्को वहन करता है। उत्पादित बिजली को आवासीय सोसायटी को तय कीमत पर बेचा जाता है। यह बिजली बिल का एक तिहाई होता है। एक समय बाद यह प्लांट सोसायटी को सौंप दिया जाता है।