कपल ने आधार जैसा छपवा दिया शादी का कार्ड:

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एक कपल ने अपने शादी के कार्ड को यादगार बनाने के लिए उसे आधार कार्ड जैसा छपवा दिया। सोशल मीडिया पर इसकी तस्वीर डलते ही वायरल हो गई। लोगों ने मजे लेने शुरू कर दिए।

कुछ अलग और यादगार करने की इच्छा लोगों में शुरुआत से ही मौजूद रहती है। शादी जैसे समारोह को यादगार बनाने का एक और तरीका होता है शादी के कार्ड को अनूठा बनाना।आज से कुछ समय पहले तक शादी के कार्डों पर धार्मिक चित्र और साधारण तरीके से सजावज की जाती थी। लेकिन सोशल मीडिया के दौर ने सबकुछ बदल दिया है। हाल ही में एक कपल ने अपने शादी के कार्ड को इस तरह से बनवाया कि यह सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। लोगों ने जब इसे पहली बार देखा तो यह किसी आधार कार्ड की तरह लगा। हालांकि बाद में सही तरीके से देखने पर समझ आया कि यह वास्तव में शादी का कार्ड ही है।

सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर साझा किया गया यह कार्ड पूरी तरह से आधार कार्ड की तरह लगता है। इसकी फॉन्ट शैली लेआउट पूरी तरह से एक आधिकारिक आधार कार्ड की तरह दिखता है। करीब से और ध्यान से देखने के बाद ही एक इसके शादी का कार्ड होने का पता चलता है। शादी के कार्ड को देखने से पता चलता है कि यह मध्यप्रदेश के पिपरिया गांव के रहने वाले दूल्हा प्रह्लाद और वर्षा की शादी का कार्ड है। कार्ड में सामान्य आधार संख्या की जगह उनकी शादी की तारीख लिखी हुई है, जो कि 22 जून 2017 सामने आती है। तस्वीर की जगह पर दोनों दूल्हा और दुल्हन की साथ में एक फोटो लगी हुई है। इसके अलावा नीचे एक बारकोड भी बनाया हुआ है।

शादी के कार्ड को अनूठा बनाने का यह प्रयास पहली बार नहीं है। हाल ही में एक और कार्ड अपने अनोखे रूप के चलते वायरल हुआ था। वह कार्ड मैकबुक प्रो लैपटॉप जैसा था। सोशल मीडिया पर वायरल होने के क्रेज के चलते शादी के कार्डों में अनोखेपन का फैशन सा चला हुआ है। कई कपल अपनी शादी के कार्डों में क्षेत्रीय बोलियों और राजनीतिक पार्टी के समर्थन की बातें भी लिखवाते हैं।

सोशल मीडिया पर इस कार्ड की तस्वीर पर लोगों ने अलग-अलग तरह से प्रतिक्रिया दी। एक यूजर ने कहा कि यह सब कितना अलग है लेकिन हमें इसकी भी एक सीमा रखनी चाहिए। दूसरे यूजर ने लिखा कि पहले आधार बच्चों के बनते थे अब तो लगता है कि शादी के भी आधार कार्ड बन रहे हैं। एक और यूजर ने लिखा कि ऐसे आधार कार्ड के तरीके से इसे बनवाना बिल्कुल सही नहीं है। वहीं एक और यूजर ने लिखा कि यह बहुत पुरानी तारीख का है, मुझे इसकी वास्तविकता पर शक है।


एक कपल ने अपने शादी के कार्ड को यादगार बनाने के लिए उसे आधार कार्ड जैसा छपवा दिया। सोशल मीडिया पर इसकी तस्वीर डलते ही वायरल हो गई। लोगों ने मजे लेने शुरू कर दिए।

कुछ अलग और यादगार करने की इच्छा लोगों में शुरुआत से ही मौजूद रहती है। शादी जैसे समारोह को यादगार बनाने का एक और तरीका होता है शादी के कार्ड को अनूठा बनाना।आज से कुछ समय पहले तक शादी के कार्डों पर धार्मिक चित्र और साधारण तरीके से सजावज की जाती थी। लेकिन सोशल मीडिया के दौर ने सबकुछ बदल दिया है। हाल ही में एक कपल ने अपने शादी के कार्ड को इस तरह से बनवाया कि यह सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। लोगों ने जब इसे पहली बार देखा तो यह किसी आधार कार्ड की तरह लगा। हालांकि बाद में सही तरीके से देखने पर समझ आया कि यह वास्तव में शादी का कार्ड ही है।

सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर साझा किया गया यह कार्ड पूरी तरह से आधार कार्ड की तरह लगता है। इसकी फॉन्ट शैली लेआउट पूरी तरह से एक आधिकारिक आधार कार्ड की तरह दिखता है। करीब से और ध्यान से देखने के बाद ही एक इसके शादी का कार्ड होने का पता चलता है। शादी के कार्ड को देखने से पता चलता है कि यह मध्यप्रदेश के पिपरिया गांव के रहने वाले दूल्हा प्रह्लाद और वर्षा की शादी का कार्ड है। कार्ड में सामान्य आधार संख्या की जगह उनकी शादी की तारीख लिखी हुई है, जो कि 22 जून 2017 सामने आती है। तस्वीर की जगह पर दोनों दूल्हा और दुल्हन की साथ में एक फोटो लगी हुई है। इसके अलावा नीचे एक बारकोड भी बनाया हुआ है।

शादी के कार्ड को अनूठा बनाने का यह प्रयास पहली बार नहीं है। हाल ही में एक और कार्ड अपने अनोखे रूप के चलते वायरल हुआ था। वह कार्ड मैकबुक प्रो लैपटॉप जैसा था। सोशल मीडिया पर वायरल होने के क्रेज के चलते शादी के कार्डों में अनोखेपन का फैशन सा चला हुआ है। कई कपल अपनी शादी के कार्डों में क्षेत्रीय बोलियों और राजनीतिक पार्टी के समर्थन की बातें भी लिखवाते हैं।

सोशल मीडिया पर इस कार्ड की तस्वीर पर लोगों ने अलग-अलग तरह से प्रतिक्रिया दी। एक यूजर ने कहा कि यह सब कितना अलग है लेकिन हमें इसकी भी एक सीमा रखनी चाहिए। दूसरे यूजर ने लिखा कि पहले आधार बच्चों के बनते थे अब तो लगता है कि शादी के भी आधार कार्ड बन रहे हैं। एक और यूजर ने लिखा कि ऐसे आधार कार्ड के तरीके से इसे बनवाना बिल्कुल सही नहीं है। वहीं एक और यूजर ने लिखा कि यह बहुत पुरानी तारीख का है, मुझे इसकी वास्तविकता पर शक है।


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