बालोद। छत्तीसगढ़ की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त, सृदृढ़ और आत्मनिर्भर बनाने संचालित की जा रही महतारी वंदन योजना से अब महिलाएं स्वयं से फैसले लेकर बेहतर कार्य कर रहीं हैं। ऐसा ही एक कार्य बालोद जिले के वनांचल क्षेत्र डौण्डी विकासखण्ड के ग्राम आमाडुला की गीता बाई सोनवानी ने किया है। गीता बाई ने एक माँ का फर्ज निभाते हुए अपने बेटे के इलाज में महतारी वंदन योजना से प्राप्त हो रही राशि का उपयोग किया है।
गीता बाई ने बताया कि खेती किसानी और रोजी मजदूरी करके उनका जीवन बसर हो रहा है। ऐसे समय में एक दिन उनके बेटे चंद्रशेखर का दुर्घटना में कमर से पैर तक की हड्डियाँ टूटने से वे बेबस और लाचार हो गए थे। उनका बेटा 02 महीने अस्पताल में इलाज कराने के पश्चात् भी घर में ठीक से उठना-बैठना भी नही कर पा रहा था। जिससे उन्हें काफी परेशानियों का सामना भी करना पड़ा। गीता बाई ने बताया कि अपने बेटे की हालत को देखते हुए उसने महतारी वंदन योजना से प्रतिमाह प्राप्त हो रही 01 हजार रुपए राशि का उपयोग बेटे के खान-पान और बेहतर इलाज के लिए किया।
जिसका नतीजा यह हुआ कि आज उनका बेटा घर में चलना-फिरना कर पा रहा है। गीता बाई ने खुशी-खुशी बताया कि बेटे के ठीक होने से घर में खुशियों का दिन आ गया है। उसने बताया कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की महतारी वंदन योजना हम महिलाओं के लिए बहुत ही अच्छी योजना है। जिससे महिलाएं अपने छोटे-छोटे खर्च के साथ ही कुछ बड़े फैसले लेकर इस राशि का उपयोग बेहतर ढंग से कर पा रहीं है। गीता बाई ने महतारी वंदन योजना के बेहतर संचालन और प्रतिमाह आर्थिक संबल प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को खुशी-खुशी धन्यवाद दिया है।
बालोद। छत्तीसगढ़ की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त, सृदृढ़ और आत्मनिर्भर बनाने संचालित की जा रही महतारी वंदन योजना से अब महिलाएं स्वयं से फैसले लेकर बेहतर कार्य कर रहीं हैं। ऐसा ही एक कार्य बालोद जिले के वनांचल क्षेत्र डौण्डी विकासखण्ड के ग्राम आमाडुला की गीता बाई सोनवानी ने किया है। गीता बाई ने एक माँ का फर्ज निभाते हुए अपने बेटे के इलाज में महतारी वंदन योजना से प्राप्त हो रही राशि का उपयोग किया है।
गीता बाई ने बताया कि खेती किसानी और रोजी मजदूरी करके उनका जीवन बसर हो रहा है। ऐसे समय में एक दिन उनके बेटे चंद्रशेखर का दुर्घटना में कमर से पैर तक की हड्डियाँ टूटने से वे बेबस और लाचार हो गए थे। उनका बेटा 02 महीने अस्पताल में इलाज कराने के पश्चात् भी घर में ठीक से उठना-बैठना भी नही कर पा रहा था। जिससे उन्हें काफी परेशानियों का सामना भी करना पड़ा। गीता बाई ने बताया कि अपने बेटे की हालत को देखते हुए उसने महतारी वंदन योजना से प्रतिमाह प्राप्त हो रही 01 हजार रुपए राशि का उपयोग बेटे के खान-पान और बेहतर इलाज के लिए किया।
जिसका नतीजा यह हुआ कि आज उनका बेटा घर में चलना-फिरना कर पा रहा है। गीता बाई ने खुशी-खुशी बताया कि बेटे के ठीक होने से घर में खुशियों का दिन आ गया है। उसने बताया कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की महतारी वंदन योजना हम महिलाओं के लिए बहुत ही अच्छी योजना है। जिससे महिलाएं अपने छोटे-छोटे खर्च के साथ ही कुछ बड़े फैसले लेकर इस राशि का उपयोग बेहतर ढंग से कर पा रहीं है। गीता बाई ने महतारी वंदन योजना के बेहतर संचालन और प्रतिमाह आर्थिक संबल प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को खुशी-खुशी धन्यवाद दिया है।