छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खात्मे के लिए जंग लंबे अरसे से जारी है. 4 दशक
से जवान और नक्सली आमने-सामने की लड़ाई लड़ते आ रहे है, लेकिन अब लड़ाई
निर्णायक मोड़ पर है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सलवाद के खात्मे
की तारीख तय कर दी है. केंद्र और राज्य सरकार की संयुक्त कार्रवाई में
नक्सली मारे जा रहे हैं या सरेंडर कर रहे हैं. गौरतलब है लाल आतंक के नाम से कुख्यात माओवादी की हरकतों से आज भी बस्तर
जिला प्रभावित है, जहां आज भी बारूद की गंध और गोलियों की आवाजें आती रहती
है. यहां की मिट्टी जवानों की शाहदत से लाल है, लेकिन अब इस लाल आतंक के
लड़ाकों को मुंह की खानी पड़ रही है. उनके खात्मे के लिए सरकार और जवान
लगातार काम कर रही है.
बीते कुछ महीने में केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयास से नक्सल
प्रभावित छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में हुए कई मुठभेड़ों में 210 से अधिक
नक्सली मारे गाए है. अभी भी बस्तर के बीहड़ों में नक्सली मौजूद है, जिनके
खिलाफ कार्रवाई के लिए सुरक्षाबल प्रयासरत हैं. लेवी वसूली जैसा काम और
माड़ में सप्लाई का काम का जिम्मा इन्हीं नक्सलियों के पास था. कांकेर में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में नक्सली शंकर राव, दर्शन पड्डा,
नागेश, ममता सहित कई बड़े नक्सली लीडर मारे जा चुके है. ये वो लीडर थे, जो न
केवल कई बड़े हमले में शामिल होकर कई जवानों की हत्या में शामिल रहे है,
बल्कि युवाओं का माइंड वाश करके उन्हें नक्सलवाद से जोड़ने में अहम भूमिका
निभाते थे.
साल 2024 में विभिन्न कैडर के 40 नक्सली मुठभेड़ में मार गिराए गए -
रिपोर्ट
के मुताबिक सुरक्षाबलों के हाथों मारे गए 40 नक्सलियों में 2 नक्सली
डीव्हीसी कैडर, 2 मिलिट्री कंपनी सदस्य, 5 एरिया कमेटी सदस्य, 1
पीपीसीएम/एसएमसी कमांडर, 1 एलजीएस कमांडर, 11 पीपीसीएम/एसएमसी स्टॉफ, 1
पीपीसीएम सब जोनल एक्शन टीम कमांडर, 9 पीएलजीए सदस्य, 5 पार्टी सदस्य और 3
जनमिलिशिया सदस्य शामिल है.
छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खात्मे के लिए जंग लंबे अरसे से जारी है. 4 दशक
से जवान और नक्सली आमने-सामने की लड़ाई लड़ते आ रहे है, लेकिन अब लड़ाई
निर्णायक मोड़ पर है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सलवाद के खात्मे
की तारीख तय कर दी है. केंद्र और राज्य सरकार की संयुक्त कार्रवाई में
नक्सली मारे जा रहे हैं या सरेंडर कर रहे हैं. गौरतलब है लाल आतंक के नाम से कुख्यात माओवादी की हरकतों से आज भी बस्तर
जिला प्रभावित है, जहां आज भी बारूद की गंध और गोलियों की आवाजें आती रहती
है. यहां की मिट्टी जवानों की शाहदत से लाल है, लेकिन अब इस लाल आतंक के
लड़ाकों को मुंह की खानी पड़ रही है. उनके खात्मे के लिए सरकार और जवान
लगातार काम कर रही है.
बीते कुछ महीने में केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयास से नक्सल
प्रभावित छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में हुए कई मुठभेड़ों में 210 से अधिक
नक्सली मारे गाए है. अभी भी बस्तर के बीहड़ों में नक्सली मौजूद है, जिनके
खिलाफ कार्रवाई के लिए सुरक्षाबल प्रयासरत हैं. लेवी वसूली जैसा काम और
माड़ में सप्लाई का काम का जिम्मा इन्हीं नक्सलियों के पास था. कांकेर में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में नक्सली शंकर राव, दर्शन पड्डा,
नागेश, ममता सहित कई बड़े नक्सली लीडर मारे जा चुके है. ये वो लीडर थे, जो न
केवल कई बड़े हमले में शामिल होकर कई जवानों की हत्या में शामिल रहे है,
बल्कि युवाओं का माइंड वाश करके उन्हें नक्सलवाद से जोड़ने में अहम भूमिका
निभाते थे.
साल 2024 में विभिन्न कैडर के 40 नक्सली मुठभेड़ में मार गिराए गए -
रिपोर्ट
के मुताबिक सुरक्षाबलों के हाथों मारे गए 40 नक्सलियों में 2 नक्सली
डीव्हीसी कैडर, 2 मिलिट्री कंपनी सदस्य, 5 एरिया कमेटी सदस्य, 1
पीपीसीएम/एसएमसी कमांडर, 1 एलजीएस कमांडर, 11 पीपीसीएम/एसएमसी स्टॉफ, 1
पीपीसीएम सब जोनल एक्शन टीम कमांडर, 9 पीएलजीए सदस्य, 5 पार्टी सदस्य और 3
जनमिलिशिया सदस्य शामिल है.