मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर उन्हें नमन किया:

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बिलासपुर। किसानों के खातों से लाखों रुपये की हेराफेरी के आरोप में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की उपसमिति ने 9 कर्मचारियों पर कार्रवाई करते हुए जूनियर क्लर्क हर्षिता पांडेय और धर्मेंद्र साहू को नौकरी से बर्खास्त किया गया। इसके साथ ही रुचि पांडेय और अनामिका साव को निम्न वेतनमान में पदावनत किया गया। साथ ही अनुपमा तिवारी और अशोक कुमार पटेल की दो वेतन वृद्धि रोक दी गई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार नेहरू चौक शाखा के खातेदार रामकुमार कौशिक ने शिकायत दर्ज कराई कि उनके बचत खाते से एटीएम के माध्यम से 5,57,000 रुपये की अवैध निकासी की गई। पुलिस जांच में पुष्टि होने पर बैंक ने इस रकम को ब्याज सहित वसूली का निर्णय लिया और सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 64/84 के तहत वाद दायर किया।
कर्मचारी हर्षिता पांडेय के विरुद्ध खातों से अनाधिकृत निकासी की जांच के बाद कार्रवाई की गई। धर्मेंद्र साहू के मामले में यह भी पाया गया कि भर्ती के दौरान छत्तीसगढ़ के निवासी होने का प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं था। स्थानीय निवास प्रमाण पत्र कई वर्षों बाद तैयार किया गया। कर्मचारी रुचि पांडेय ने बीजीएल खाते से 1,43,988 रुपये अपने निजी खाते में स्थानांतरित कर बैंक को नुकसान पहुंचाया। अनामिका साव और अनुपमा तिवारी की आईडी का रुचि पांडेय द्वारा गबन की गई राशि में उपयोग हुआ। अशोक कुमार पटेल ने कैशियर रहते हुए छोटे रकबे वाले किसानों के लिए अधिक रकबा दर्शाकर रकम निकासी की। सभी मामलों में जांच रिपोर्ट और साक्ष्यों के आधार पर दोषियों पर कार्रवाई की गई। इसके साथ ही बैंक ने न्यायालय में मामले दर्ज करने और भविष्य में इस तरह की अनियमितताओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की बात कही है।


बिलासपुर। किसानों के खातों से लाखों रुपये की हेराफेरी के आरोप में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की उपसमिति ने 9 कर्मचारियों पर कार्रवाई करते हुए जूनियर क्लर्क हर्षिता पांडेय और धर्मेंद्र साहू को नौकरी से बर्खास्त किया गया। इसके साथ ही रुचि पांडेय और अनामिका साव को निम्न वेतनमान में पदावनत किया गया। साथ ही अनुपमा तिवारी और अशोक कुमार पटेल की दो वेतन वृद्धि रोक दी गई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार नेहरू चौक शाखा के खातेदार रामकुमार कौशिक ने शिकायत दर्ज कराई कि उनके बचत खाते से एटीएम के माध्यम से 5,57,000 रुपये की अवैध निकासी की गई। पुलिस जांच में पुष्टि होने पर बैंक ने इस रकम को ब्याज सहित वसूली का निर्णय लिया और सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 64/84 के तहत वाद दायर किया।
कर्मचारी हर्षिता पांडेय के विरुद्ध खातों से अनाधिकृत निकासी की जांच के बाद कार्रवाई की गई। धर्मेंद्र साहू के मामले में यह भी पाया गया कि भर्ती के दौरान छत्तीसगढ़ के निवासी होने का प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं था। स्थानीय निवास प्रमाण पत्र कई वर्षों बाद तैयार किया गया। कर्मचारी रुचि पांडेय ने बीजीएल खाते से 1,43,988 रुपये अपने निजी खाते में स्थानांतरित कर बैंक को नुकसान पहुंचाया। अनामिका साव और अनुपमा तिवारी की आईडी का रुचि पांडेय द्वारा गबन की गई राशि में उपयोग हुआ। अशोक कुमार पटेल ने कैशियर रहते हुए छोटे रकबे वाले किसानों के लिए अधिक रकबा दर्शाकर रकम निकासी की। सभी मामलों में जांच रिपोर्ट और साक्ष्यों के आधार पर दोषियों पर कार्रवाई की गई। इसके साथ ही बैंक ने न्यायालय में मामले दर्ज करने और भविष्य में इस तरह की अनियमितताओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की बात कही है।


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