रायपुर-मोहन भागवत के दौरे के मद्देनजर सरकारी कर्मचारियों की ड्यूटी लगाए जाने के आदेश पर प्रदेश में जमकर सियासत मची है। कल सोमवार को इस मामले पर प्रदेश के पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने राज्य सरकार और जिला प्रशासन पर निशाना साधा था। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर इससे जुड़ा पोस्ट करते हुए लिखा था कि, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत किसी संवैधानिक पद पर नहीं हैं। हालांकि, भाजपा नेताओं पर उनका प्रभाव इतना ज्यादा है कि वे उनके नाम से भी डरते हैं। ऐसे में जिला कलेक्टर किस अधिकार से उनका कार्यक्रम जारी कर रहे हैं? डॉक्टरों और अन्य कर्मचारियों की ड्यूटी किस आधार पर लगाई जा रही है? वही भूपेश बघेल के इस सवाल पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्य के वनमंत्री केदार कश्यप ने पूर्व सीएम पर तीखा पलटवार किया है। उन्होंने कहा, 'भ्रष्टाचार भूपेश बघेल का पीछा नहीं छोड़ रहा। कभी मंत्री, कभी करीबी, कभी निज सचिव घेरे में आते हैं। इससे भूपेश बघेल मानसिक रुप से विक्षिप्त हो चुके है। मोहन भागत आरएसएस के सरसंघचालक है और उन्हें जेड सुरक्षा प्राप्त है। प्रोटोकॉल के अनुसार सुरक्षा व सुविधा दी जाती है।
रायपुर-मोहन भागवत के दौरे के मद्देनजर सरकारी कर्मचारियों की ड्यूटी लगाए जाने के आदेश पर प्रदेश में जमकर सियासत मची है। कल सोमवार को इस मामले पर प्रदेश के पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने राज्य सरकार और जिला प्रशासन पर निशाना साधा था। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर इससे जुड़ा पोस्ट करते हुए लिखा था कि, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत किसी संवैधानिक पद पर नहीं हैं। हालांकि, भाजपा नेताओं पर उनका प्रभाव इतना ज्यादा है कि वे उनके नाम से भी डरते हैं। ऐसे में जिला कलेक्टर किस अधिकार से उनका कार्यक्रम जारी कर रहे हैं? डॉक्टरों और अन्य कर्मचारियों की ड्यूटी किस आधार पर लगाई जा रही है? वही भूपेश बघेल के इस सवाल पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्य के वनमंत्री केदार कश्यप ने पूर्व सीएम पर तीखा पलटवार किया है। उन्होंने कहा, 'भ्रष्टाचार भूपेश बघेल का पीछा नहीं छोड़ रहा। कभी मंत्री, कभी करीबी, कभी निज सचिव घेरे में आते हैं। इससे भूपेश बघेल मानसिक रुप से विक्षिप्त हो चुके है। मोहन भागत आरएसएस के सरसंघचालक है और उन्हें जेड सुरक्षा प्राप्त है। प्रोटोकॉल के अनुसार सुरक्षा व सुविधा दी जाती है।