BCCI ने बॉम्बे हाई कोर्ट से किया वादा, दो हफ्ते में बोर्ड चुका देगा पुलिस का बकाया पैसा:

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नई दिल्ली.  भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआई ने शुक्रवार (10 जनवरी, 2025) को बॉम्बे हाईकोर्ट को सूचित कर दिया है कि वह इंडियन प्रीमियर लीग यानी आईपीएल के मैचों के दौरान पुलिस सुरक्षा प्रदान करने के लिए मुंबई, पिंपरी चिंचवाड़ और नवी मुंबई पुलिस को अपना सारा बकाया दो सप्ताह के भीतर चुका देगा। बीसीसीआई ने 29 अगस्त, 2024 को मुंबई के आरटीआई (सूचना का अधिकार) एक्टविस्ट अनिल वेदव्यास गलगली द्वारा दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) का जवाब दिया है।

द हिन्दू की रिपोर्ट के मुताबिक, गलगली की याचिका में महाराष्ट्र सरकार के पुलिस सुरक्षा लागत को कम करने और 2011 से आईपीएल मैचों को प्रदान की गई पुलिस सेवाओं के बकाया को माफ करने के फैसले को चुनौती दी गई थी। अगस्त 2024 में हाई कोर्ट ने आईपीएल मैचों के लिए पुलिस सुरक्षा शुल्क की दर कम करने के महाराष्ट्र सरकार के फैसले की निंदा की थी। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (एमसीए) पर 2013 से 2018 के बीच मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम और ब्रेबोर्न स्टेडियम में आयोजित आईपीएल मैचों के दौरान पुलिस सुरक्षा के लिए अभी भी 14.82 करोड़ रुपये बकाया हैं। हालांकि, बीसीसीआई ने बहुत कम राशि स्वीकार की है।

शुक्रवार को बीसीसीआई ने एक हलफनामे में याचिका का जवाब दिया और कहा कि उस पर पिंपरी चिंचवाड़ पुलिस का 1.7 करोड़ रुपये, नवी मुंबई पुलिस का 3.3 करोड़ रुपये और मुंबई पुलिस का 1.03 करोड़ रुपये बकाया है। बोर्ड की ओर ये कहा गया है कि वह इस बकाया राशि की भुगतान दो सप्ताह में कर देगा। बीसीसीआई ने अपने हलफनामे में कहा है, "बीसीसीआई का पुलिस को बकाया राशि से वंचित करने का कोई इरादा नहीं है और वह संबंधित पुलिस अधिकारियों के साथ खातों के समाधान के 90 दिनों के भीतर विवादित राशि का भुगतान करने का वचन देता है। बीसीसीआई केवल आईपीएल के क्वॉलिफायर, एलिमिनेटर और फाइनल मैचों, महिला प्रीमियर लीग मैचों और असाधारण परिस्थितियों में आयोजित किसी भी अन्य मैच के लिए ही पैसा देता है।"

इसी दलील के साथ क्रिकेट बोर्ड ने हाई कोर्ट से गलगली द्वारा दायर याचिका को खारिज करने की मांग की, क्योंकि क्रिकेट मैचों के लिए पुलिस सुरक्षा के लिए लगाए गए शुल्क का सवाल पुलिस का फैसला था। वहीं, गलगली की याचिका में कहा गया है कि वर्ष 2017 और 2018 में जारी किए गए दो सरकारी प्रस्तावों (जीआर) के अनुसार, आयोजकों को दोनों स्टेडियमों में आयोजित प्रत्येक टी20 और एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच के लिए लगभग 66 लाख रुपये से 75 लाख रुपये और एक टेस्ट मैच के लिए 55 लाख रुपये का भुगतान करना था। याचिका में आरोप लगाया गया है कि 26 जून, 2023 के परिपत्र के माध्यम से राज्य सरकार ने पूर्वव्यापी प्रभाव से आईपीएल आयोजकों के लिए सुरक्षा शुल्क 25 लाख रुपये से घटाकर 10 लाख रुपये कर दिया था और राज्य द्वारा बकाया माफ करने के इस फैसले से सरकारी खजाने को नुकसान हो रहा है।


नई दिल्ली.  भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआई ने शुक्रवार (10 जनवरी, 2025) को बॉम्बे हाईकोर्ट को सूचित कर दिया है कि वह इंडियन प्रीमियर लीग यानी आईपीएल के मैचों के दौरान पुलिस सुरक्षा प्रदान करने के लिए मुंबई, पिंपरी चिंचवाड़ और नवी मुंबई पुलिस को अपना सारा बकाया दो सप्ताह के भीतर चुका देगा। बीसीसीआई ने 29 अगस्त, 2024 को मुंबई के आरटीआई (सूचना का अधिकार) एक्टविस्ट अनिल वेदव्यास गलगली द्वारा दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) का जवाब दिया है।

द हिन्दू की रिपोर्ट के मुताबिक, गलगली की याचिका में महाराष्ट्र सरकार के पुलिस सुरक्षा लागत को कम करने और 2011 से आईपीएल मैचों को प्रदान की गई पुलिस सेवाओं के बकाया को माफ करने के फैसले को चुनौती दी गई थी। अगस्त 2024 में हाई कोर्ट ने आईपीएल मैचों के लिए पुलिस सुरक्षा शुल्क की दर कम करने के महाराष्ट्र सरकार के फैसले की निंदा की थी। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (एमसीए) पर 2013 से 2018 के बीच मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम और ब्रेबोर्न स्टेडियम में आयोजित आईपीएल मैचों के दौरान पुलिस सुरक्षा के लिए अभी भी 14.82 करोड़ रुपये बकाया हैं। हालांकि, बीसीसीआई ने बहुत कम राशि स्वीकार की है।

शुक्रवार को बीसीसीआई ने एक हलफनामे में याचिका का जवाब दिया और कहा कि उस पर पिंपरी चिंचवाड़ पुलिस का 1.7 करोड़ रुपये, नवी मुंबई पुलिस का 3.3 करोड़ रुपये और मुंबई पुलिस का 1.03 करोड़ रुपये बकाया है। बोर्ड की ओर ये कहा गया है कि वह इस बकाया राशि की भुगतान दो सप्ताह में कर देगा। बीसीसीआई ने अपने हलफनामे में कहा है, "बीसीसीआई का पुलिस को बकाया राशि से वंचित करने का कोई इरादा नहीं है और वह संबंधित पुलिस अधिकारियों के साथ खातों के समाधान के 90 दिनों के भीतर विवादित राशि का भुगतान करने का वचन देता है। बीसीसीआई केवल आईपीएल के क्वॉलिफायर, एलिमिनेटर और फाइनल मैचों, महिला प्रीमियर लीग मैचों और असाधारण परिस्थितियों में आयोजित किसी भी अन्य मैच के लिए ही पैसा देता है।"

इसी दलील के साथ क्रिकेट बोर्ड ने हाई कोर्ट से गलगली द्वारा दायर याचिका को खारिज करने की मांग की, क्योंकि क्रिकेट मैचों के लिए पुलिस सुरक्षा के लिए लगाए गए शुल्क का सवाल पुलिस का फैसला था। वहीं, गलगली की याचिका में कहा गया है कि वर्ष 2017 और 2018 में जारी किए गए दो सरकारी प्रस्तावों (जीआर) के अनुसार, आयोजकों को दोनों स्टेडियमों में आयोजित प्रत्येक टी20 और एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच के लिए लगभग 66 लाख रुपये से 75 लाख रुपये और एक टेस्ट मैच के लिए 55 लाख रुपये का भुगतान करना था। याचिका में आरोप लगाया गया है कि 26 जून, 2023 के परिपत्र के माध्यम से राज्य सरकार ने पूर्वव्यापी प्रभाव से आईपीएल आयोजकों के लिए सुरक्षा शुल्क 25 लाख रुपये से घटाकर 10 लाख रुपये कर दिया था और राज्य द्वारा बकाया माफ करने के इस फैसले से सरकारी खजाने को नुकसान हो रहा है।


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