रायपुर। छत्तीसगढ़ में ओबीसी (पिछड़ा वर्ग) आरक्षण को लेकर राजनीति गरमा गई है। जिला पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण की प्रक्रिया पूरी हो गई, लेकिन ओबीसी के लिए एक भी पद आरक्षित नहीं किया गया, जिसको लेकर कांग्रेस पार्टी ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। पूर्व प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) अध्यक्ष धनेन्द्र साहू ने ओबीसी को उचित आरक्षण न मिलने पर चुनाव स्थगित करने की मांग की है। उनका कहना है कि यदि इस मुद्दे पर सरकार ने जल्द सुधार नहीं किया, तो कांग्रेस पार्टी प्रदेशव्यापी आंदोलन करेगी।
कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि भाजपा सरकार ओबीसी आरक्षण को खत्म करने की साजिश कर रही है और यह सरकार के दावों के विपरीत है, जिसमें मुख्यमंत्री ने ओबीसी को 50% आरक्षण देने की बात कही थी। धनेन्द्र साहू ने इसे ओबीसी समुदाय के साथ अन्याय करार दिया और चेतावनी दी कि यदि स्थिति में बदलाव नहीं आया, तो कांग्रेस बड़े पैमाने पर आंदोलन करेगी।
इसके विपरीत, छत्तीसगढ़ में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की आरक्षण प्रक्रिया 11 जनवरी को पूरी हो गई। इस प्रक्रिया में आदिवासी (ST) और अनुसूचित जाति (SC) वर्ग के लिए आरक्षित सीटें तय की गईं, लेकिन ओबीसी के लिए कोई आरक्षण नहीं रखा गया। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस पर सवाल उठाए और सरकार से संशोधित सूची जारी करने की मांग की। उन्होंने कहा कि यह स्थिति उन लाखों ओबीसी मतदाताओं के प्रति सरकार की उपेक्षा को दर्शाती है, जो राज्य की आबादी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
रायपुर। छत्तीसगढ़ में ओबीसी (पिछड़ा वर्ग) आरक्षण को लेकर राजनीति गरमा गई है। जिला पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण की प्रक्रिया पूरी हो गई, लेकिन ओबीसी के लिए एक भी पद आरक्षित नहीं किया गया, जिसको लेकर कांग्रेस पार्टी ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। पूर्व प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) अध्यक्ष धनेन्द्र साहू ने ओबीसी को उचित आरक्षण न मिलने पर चुनाव स्थगित करने की मांग की है। उनका कहना है कि यदि इस मुद्दे पर सरकार ने जल्द सुधार नहीं किया, तो कांग्रेस पार्टी प्रदेशव्यापी आंदोलन करेगी।
कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि भाजपा सरकार ओबीसी आरक्षण को खत्म करने की साजिश कर रही है और यह सरकार के दावों के विपरीत है, जिसमें मुख्यमंत्री ने ओबीसी को 50% आरक्षण देने की बात कही थी। धनेन्द्र साहू ने इसे ओबीसी समुदाय के साथ अन्याय करार दिया और चेतावनी दी कि यदि स्थिति में बदलाव नहीं आया, तो कांग्रेस बड़े पैमाने पर आंदोलन करेगी।
इसके विपरीत, छत्तीसगढ़ में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की आरक्षण प्रक्रिया 11 जनवरी को पूरी हो गई। इस प्रक्रिया में आदिवासी (ST) और अनुसूचित जाति (SC) वर्ग के लिए आरक्षित सीटें तय की गईं, लेकिन ओबीसी के लिए कोई आरक्षण नहीं रखा गया। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस पर सवाल उठाए और सरकार से संशोधित सूची जारी करने की मांग की। उन्होंने कहा कि यह स्थिति उन लाखों ओबीसी मतदाताओं के प्रति सरकार की उपेक्षा को दर्शाती है, जो राज्य की आबादी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।