अमेरिका के इन दो व्यक्तियों ने भारत के सामने टेके घुटने, एक ने मांगी माफी, जानिए...:

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अमेरिका की दो प्रमुख कंपनियों ने भारत के प्रति अपना रुख बदलते हुए 24
घंटे में बड़े फैसले लिए हैं। मार्क जुकरबर्ग की मेटा और हिंडनबर्ग रिसर्च,
जो अपने-अपने क्षेत्र की दिग्गज कंपनियां हैं, ने हाल ही में भारत के
सामने घुटने टेक दिए हैं। मेटा, जो कि फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सऐप
जैसी सेवाओं के लिए जानी जाती है। मेटा दुनियाभर में भारत के खिलाफ गलत
जानकारी फैला रही थी। लेकिन जुकरबर्ग की कंपनी को अपनी गलती स्वीकार करते
हुए माफी मांगी है।



दूसरी ओर, हिंडनबर्ग रिसर्च, जिसने भारतीय उद्योगपति गौतम अदाणी और उनके
समूह के खिलाफ रिपोर्ट जारी कर विवाद खड़ा किया था। कंपनी ने शुक्रवार को
शटर डाउन करने का ऐलान किया। हालांकि इसके पीछे का कोई ठोस वजह नहीं बताई।


हिंडनबर्ग की रिपोर्ट और अदाणी समूह पर विवाद


हिंडनबर्ग रिसर्च ने 2023 में एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें अदाणी समूह
पर गंभीर वित्तीय गड़बड़ियों और शेयरों के भाव में हेराफेरी के आरोप लगाए
गए थे। यह रिपोर्ट आने के बाद अदाणी समूह को भारी वित्तीय झटका लगा और
भारतीय अरबपति गौतम अदाणी की संपत्ति में अरबों डॉलर की कमी आई।


रिपोर्ट का प्रभाव


रिपोर्ट के कारण अदाणी समूह की साख पर सवाल उठे, जिससे निवेशकों का
भरोसा भी डगमगा गया। हालांकि, अदाणी और उनकी कंपनियों ने हिंडनबर्ग के
आरोपों को सिरे से खारिज किया और इसे बेबुनियाद करार दिया।



अमेरिका में सत्ता परिवर्तन के बीच लिया गया बड़ा निर्णय


हिंडनबर्ग रिसर्च, जो अमेरिका की जानी-मानी निवेश और रिसर्च कंपनी है,
को बंद करने का फैसला लिया गया है। यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब
अमेरिका में सत्ता का ट्रांसफर होने वाला है। कंपनी के संस्थापक नाथन
एंडरसेन ने 2017 में इसकी शुरुआत की थी।


एंडरसन ने इंटरव्यू में बताई भविष्य की योजनाएं


कंपनी के संस्थापक नाथन एंडरसन ने एक इंटरव्यू में अपनी भविष्य की
योजनाओं का खुलासा किया। उन्होंने कहा कि वह अब अपने शौक पूरे करने, दुनिया
घूमने और अपनी पत्नी तथा उनके बच्चे के साथ समय बिताने के लिए उत्साहित
हूं। एंडरसन ने बताया कि उन्होंने भविष्य के लिए पर्याप्त धन संचित कर लिया
है, जिससे वह अपनी जिंदगी को तनाव-मुक्त तरीके से जी सकें।


मेटा ने मार्क जुकरबर्ग की टिप्पणी पर मांगी माफी


फेसबुक की मूल कंपनी मेटा ने हाल ही में अपने सीईओ मार्क जुकरबर्ग की एक
विवादित टिप्पणी पर माफी मांगी है। जुकरबर्ग ने एक पॉडकास्ट के दौरान कहा
था कि भारत सहित कई देशों की मौजूदा सरकारों को कोविड महामारी के बाद हुए
2024 के चुनावों में हार का सामना करना पड़ा।


केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने की आलोचना


भारत सरकार ने मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग के एक बयान पर कड़ी आपत्ति
जताई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि कोविड-19 महामारी के बाद 2024 के
चुनावों में भारत समेत कई मौजूदा सरकारों को हार का सामना करना पड़ा।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जुकरबर्ग के इस बयान को भ्रामक और
तथ्यात्मक रूप से गलत बताया है। अश्विनी वैष्णव ने 13 जनवरी को सोशल मीडिया
प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि जुकरबर्ग का दावा न केवल
तथ्यात्मक रूप से गलत है।


अमेरिका की दो प्रमुख कंपनियों ने भारत के प्रति अपना रुख बदलते हुए 24
घंटे में बड़े फैसले लिए हैं। मार्क जुकरबर्ग की मेटा और हिंडनबर्ग रिसर्च,
जो अपने-अपने क्षेत्र की दिग्गज कंपनियां हैं, ने हाल ही में भारत के
सामने घुटने टेक दिए हैं। मेटा, जो कि फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सऐप
जैसी सेवाओं के लिए जानी जाती है। मेटा दुनियाभर में भारत के खिलाफ गलत
जानकारी फैला रही थी। लेकिन जुकरबर्ग की कंपनी को अपनी गलती स्वीकार करते
हुए माफी मांगी है।



दूसरी ओर, हिंडनबर्ग रिसर्च, जिसने भारतीय उद्योगपति गौतम अदाणी और उनके
समूह के खिलाफ रिपोर्ट जारी कर विवाद खड़ा किया था। कंपनी ने शुक्रवार को
शटर डाउन करने का ऐलान किया। हालांकि इसके पीछे का कोई ठोस वजह नहीं बताई।


हिंडनबर्ग की रिपोर्ट और अदाणी समूह पर विवाद


हिंडनबर्ग रिसर्च ने 2023 में एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें अदाणी समूह
पर गंभीर वित्तीय गड़बड़ियों और शेयरों के भाव में हेराफेरी के आरोप लगाए
गए थे। यह रिपोर्ट आने के बाद अदाणी समूह को भारी वित्तीय झटका लगा और
भारतीय अरबपति गौतम अदाणी की संपत्ति में अरबों डॉलर की कमी आई।


रिपोर्ट का प्रभाव


रिपोर्ट के कारण अदाणी समूह की साख पर सवाल उठे, जिससे निवेशकों का
भरोसा भी डगमगा गया। हालांकि, अदाणी और उनकी कंपनियों ने हिंडनबर्ग के
आरोपों को सिरे से खारिज किया और इसे बेबुनियाद करार दिया।



अमेरिका में सत्ता परिवर्तन के बीच लिया गया बड़ा निर्णय


हिंडनबर्ग रिसर्च, जो अमेरिका की जानी-मानी निवेश और रिसर्च कंपनी है,
को बंद करने का फैसला लिया गया है। यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब
अमेरिका में सत्ता का ट्रांसफर होने वाला है। कंपनी के संस्थापक नाथन
एंडरसेन ने 2017 में इसकी शुरुआत की थी।


एंडरसन ने इंटरव्यू में बताई भविष्य की योजनाएं


कंपनी के संस्थापक नाथन एंडरसन ने एक इंटरव्यू में अपनी भविष्य की
योजनाओं का खुलासा किया। उन्होंने कहा कि वह अब अपने शौक पूरे करने, दुनिया
घूमने और अपनी पत्नी तथा उनके बच्चे के साथ समय बिताने के लिए उत्साहित
हूं। एंडरसन ने बताया कि उन्होंने भविष्य के लिए पर्याप्त धन संचित कर लिया
है, जिससे वह अपनी जिंदगी को तनाव-मुक्त तरीके से जी सकें।


मेटा ने मार्क जुकरबर्ग की टिप्पणी पर मांगी माफी


फेसबुक की मूल कंपनी मेटा ने हाल ही में अपने सीईओ मार्क जुकरबर्ग की एक
विवादित टिप्पणी पर माफी मांगी है। जुकरबर्ग ने एक पॉडकास्ट के दौरान कहा
था कि भारत सहित कई देशों की मौजूदा सरकारों को कोविड महामारी के बाद हुए
2024 के चुनावों में हार का सामना करना पड़ा।


केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने की आलोचना


भारत सरकार ने मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग के एक बयान पर कड़ी आपत्ति
जताई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि कोविड-19 महामारी के बाद 2024 के
चुनावों में भारत समेत कई मौजूदा सरकारों को हार का सामना करना पड़ा।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जुकरबर्ग के इस बयान को भ्रामक और
तथ्यात्मक रूप से गलत बताया है। अश्विनी वैष्णव ने 13 जनवरी को सोशल मीडिया
प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि जुकरबर्ग का दावा न केवल
तथ्यात्मक रूप से गलत है।


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