रयागराज में चल रहे महाकुंभ में गंगा में आस्था की डूबकी लगाने के लिए देश विदेश से श्रद्धालुओं का आना शुरू हैं. यूपी सरकार द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक़ त्रिवेणी संगम पर आज 22.79 लाख से अधिक तथा अब तक 8.26 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने स्नान किया.
वहीं कुंभ मेले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात में दिव्य महाकुंभ का महत्व भी बताया. मन की बात के 118वें संबोधन में बोले, महाकुंभ समता समरसता का असाधारण संगम है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' के 118वें एपिसोड में कहा, "मेरे प्यारे देशवासियों, प्रयागराज में महाकुंभ का श्रीगणेश हो चुका है. यह चिरस्मरणीय जन-सैलाब, अकल्पनीय दृश्य समता-समरसता का असाधारण संगम है. इस बार कुंभ में कई दिव्य योग भी बन रहे हैं.
वहीं आगे प्रधानमंत्री ने कहा हजारों वर्षों से चली आ रही इस परंपरा में कहीं भी कोई भेदभाव और जातिवाद नहीं है. इसमें भारत के दक्षिण, पूर्व और पश्चिम से लोग आते हैं। कुंभ में गरीब-अमीर सब एक हो जाते हैं. सब लोग संगम में डुबकी लगाते हैं, एक साथ भंडारों में भोजन करते हैं और प्रसाद ग्रहण करते हैं. तभी तो 'कुंभ' एकता का महाकुंभ है. कुंभ का आयोजन हमें ये भी बताता है कि कैसे हमारी परंपराएं पूरे भारत को एक सूत्र में बांधती हैं.
महाकुंभ मेला 26 फरवरी 2025 तक चलेगा
प्रयागराज में चल रहा महाकुंभ मेला 13 जनवरी 2025 से शुरू होकर 26 फरवरी 2025 तक चलेगा. इस दौरान देश-विदेश से लगभग 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है. महाकुंभ का यह आयोजन हर 12 साल में होता है और यह दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक मेलों में से एक माना जाता है. श्रद्धालु गंगा के पवित्र जल में आस्था की डुबकी लगाने के लिए यहां आते हैं.
रयागराज में चल रहे महाकुंभ में गंगा में आस्था की डूबकी लगाने के लिए देश विदेश से श्रद्धालुओं का आना शुरू हैं. यूपी सरकार द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक़ त्रिवेणी संगम पर आज 22.79 लाख से अधिक तथा अब तक 8.26 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने स्नान किया.
वहीं कुंभ मेले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात में दिव्य महाकुंभ का महत्व भी बताया. मन की बात के 118वें संबोधन में बोले, महाकुंभ समता समरसता का असाधारण संगम है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' के 118वें एपिसोड में कहा, "मेरे प्यारे देशवासियों, प्रयागराज में महाकुंभ का श्रीगणेश हो चुका है. यह चिरस्मरणीय जन-सैलाब, अकल्पनीय दृश्य समता-समरसता का असाधारण संगम है. इस बार कुंभ में कई दिव्य योग भी बन रहे हैं.
वहीं आगे प्रधानमंत्री ने कहा हजारों वर्षों से चली आ रही इस परंपरा में कहीं भी कोई भेदभाव और जातिवाद नहीं है. इसमें भारत के दक्षिण, पूर्व और पश्चिम से लोग आते हैं। कुंभ में गरीब-अमीर सब एक हो जाते हैं. सब लोग संगम में डुबकी लगाते हैं, एक साथ भंडारों में भोजन करते हैं और प्रसाद ग्रहण करते हैं. तभी तो 'कुंभ' एकता का महाकुंभ है. कुंभ का आयोजन हमें ये भी बताता है कि कैसे हमारी परंपराएं पूरे भारत को एक सूत्र में बांधती हैं.
महाकुंभ मेला 26 फरवरी 2025 तक चलेगा
प्रयागराज में चल रहा महाकुंभ मेला 13 जनवरी 2025 से शुरू होकर 26 फरवरी 2025 तक चलेगा. इस दौरान देश-विदेश से लगभग 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है. महाकुंभ का यह आयोजन हर 12 साल में होता है और यह दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक मेलों में से एक माना जाता है. श्रद्धालु गंगा के पवित्र जल में आस्था की डुबकी लगाने के लिए यहां आते हैं.