Mp ; मंत्रालय में लागू होगी नई अटेंडेंस व्यवस्था:

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भोपाल । मंत्रालय में जल्द ही आधार बेस्ड फेस अटेंडेंस शुरू हो जाएगी। नई व्यवस्था के तहत कर्मचारियों को मंत्रालय में प्रवेश और निकास के समय अपना चेहरा और आंखों का रेटीना स्कैन कराना होगा। यह आधुनिक सिस्टम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग कर उम्र के साथ चेहरे में आने वाले बदलावों को भी पहचान सकता है। सामान्य प्रशासन विभाग ने इसके लिए प्रोजेक्ट ई-मिशन टीम गठित कर 3 नोडल अधिकारियों की नियुक्ति कर दी है। जीएडी के नोडल अधिकारी अजय कटेसरिया ने बताया कि हर विभाग को अपने कर्मचारियों का पंजीकरण कराना होगा। इसके बाद अन्य सरकारी संस्थानों में भी इस प्रणाली को लागू किया जाएगा।
वर्तमान में मंत्रालय में मैन्युअल अटेंडेंस या खराब पड़ी थंब मशीनों का उपयोग किया जा रहा है, जिससे कर्मचारियों की वास्तविक उपस्थिति का पता नहीं चल पाता। नई व्यवस्था कर्मचारियों की समय पर उपस्थिति सुनिश्चित करने और मंत्रालय की सुरक्षा बढ़ाने में मदद करेगी। ई-मिशन की एक विशेष टीम कर्मचारियों की आईडी बनाने में सहायता करेगी। यह कदम मंत्रालय में पहले से लागू ई-फाइल सिस्टम के साथ डिजिटल कार्य संस्कृति को बढ़ावा देगा। गौरतलब है कि मप्र सरकार ने करीब पौने चार साल पहले केंद्र सरकार की तर्ज पर प्रदेश के सरकारी कार्यालयों में फाइव डेज वीक लागू किया था। सामान्य प्रशासन विभाग ने 8 अप्रैल, 2021 को इस संबंध में आदेश जारी किया था। आदेश । आदेश के अनुसार कार्यालयों के पूर्व के समय (सुबह 10.30 से शाम 5.30 बजे) में संशोधन करते हुए सभी सरकारी कार्यालयों का समय सुबह 10 से शाम 6 बजे तक कर दिया गया है। जीएडी के आदेश के बाद रविवार के साथ ही हर शनिवार को सरकारी कार्यालयों में अवकाश रहने लगा है, जबकि कोरोना काल से पूर्व महीने के पहले और चौथे शनिवार को सरकारी कार्यालय बंद रहते थे।


रेटीना स्कैन कराना होगा
जानकारी के अनुसार राज्य मंत्रालय में कार्यरत 1700 अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए नई बायोमेट्रिक अटेंडेंस व्यवस्था लागू की जा रही है। सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश पर 24 जनवरी तक सभी कर्मचारियों को आधार-आधारित फेस अटेंडेंस आईडी बनवानी होगी। नई व्यवस्था के तहत कर्मचारियों को मंत्रालय में प्रवेश और निकास के समय अपना चेहरा और आंखों का रेटीना स्कैन कराना होगा। यह आधुनिक सिस्टम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग कर उम्र के साथ चेहरे में आने वाले बदलावों को भी पहचान सकता है। आधार बेस्ड फेस अटेंडेंस सिस्टम स्कैनर की मदद से व्यक्ति का चेहरा स्कैन करता है। स्कैन चेहरे को आधार डेटाबेस में मौजूद उस व्यक्ति के चेहरे के डेटा से मैच करते हैं। कर्मचारी का आधार नंबर फेस अटेंडेंस प्रोफाइल से जोड़ा जाता है।
तीन नोडल अधिकारी नियुक्त किए
कर्मचारियों की लेटलतीफी को देखते हुए सरकार मंत्रालय में अटेंडेंस की नई तकनीकी आधारित व्यवस्था शुरू करने जा रही है। मंत्रालय में जल्द ही आधार बेस्ड फेस अटेंडेंस शुरू होगी। इसके लिए मंत्रालय के सभी अधिकारी-कर्मचारियों को 24 जनवरी तक रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। सामान्य प्रशासन विभाग ने इसके लिए तीन नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं। अधिकतर विभागों में अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव से लेकर एलडीसी स्तर के कर्मचारी आधार बेस्ड फेस अटेंडेंस के लिए रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। जीएडी के अधिकारियों का कहना है कि मंत्रालय के अलावा अन्य सरकारी कार्यालयों में भी आधार बेस्ड फेस अटेंडेंस लागू की जाएगी। मंत्रालय में कर्मचारियों की संख्या करीब 1700 है। दरअसल मंत्रालय में कई अधिकारी कर्मचारियों की लेटलतीफी को देखते हुए शासन ने पिछले साल जून में सख्ती बरतते हुए अटेंडेंस को लेकर नई व्यवस्था शुरू की थी। इस व्यवस्था में कर्मचारियों को को मंत्राल मंत्रालय पहुंचकर सबसे पहले अटेंडेंस रजिस्टर में हस्ताक्षर करना होते थे। सभी विभागों के सचिव स्तर के अफसरों को रोजाना दोपहर डेढ़ बजे सामान्य प्रशासन विभाग को रिपोर्ट सौंपना होती थी कि कर्मचारी समय पर ऑफिस आए या नहीं? लेट पहुंचने वाले कर्मचारियों की सीएल लगा दी जाती थी। इस सख्ती का नतीजा यह हुआ कि कर्मचारी समय पर कार्यालय पहुंचने लगे, लेकिन कुछ महीनों बाद जैसे ही विभागों ने अटेंडेंस की डेली रिपोर्ट सौंपे जाने को लेकर नरमी बरती, कर्मचारियों का वही पुराना ढर्रा शुरू हो गया। पूर्व की तरह वे देरी से मंत्रालय पहुंचने लगे हैं। कुछ कर्मचारी ऐसे हैं, जो समय पर मंत्रालय पहुंचते हैं और रजिस्टर में अटेंडेंस लगाकर ग्रुप्स में चाय पीने चले जाते हैं, जिससे अधिकारियों को काम में मुश्किल होती है। अब शासन ने कर्मचारियों की लेटलतीफी पर अंकुश लगाने के लिए आधार बेस्ड फेस अटेंडेंस अनिवार्य करने की तैयारी पूरी कर ली है। संभवत: फरवरी से यह व्यवस्था शुरू हो जाएगी। नई व्यवस्था के तहत कर्मचारियों को मंत्रालय में प्रवेश करते समय और ड्यूटी के बाद बाहर निकलते समय अपना चेहरा और रेटिना स्कैन करवाना होगा। इससे कर्मचारियों की मंत्रालय में वास्तविक उपस्थिति का पता चल पाएगा। सभी कर्मचारियों के साथ उच्च स्तर के अधिकारियों के लिए भी आधार बेस्ड फेस अटेंडेंस अनिवार्य की जा रही है। इसकी वजह यह है कि मंत्रालय के कर्मचारियों की शिकायत रहती है कि समय पर ऑफिस आने की अनिवार्यता उनके लिए ही क्यों है, अधिकारियों को इससे बाहर क्यों रखा गया है?



भोपाल । मंत्रालय में जल्द ही आधार बेस्ड फेस अटेंडेंस शुरू हो जाएगी। नई व्यवस्था के तहत कर्मचारियों को मंत्रालय में प्रवेश और निकास के समय अपना चेहरा और आंखों का रेटीना स्कैन कराना होगा। यह आधुनिक सिस्टम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग कर उम्र के साथ चेहरे में आने वाले बदलावों को भी पहचान सकता है। सामान्य प्रशासन विभाग ने इसके लिए प्रोजेक्ट ई-मिशन टीम गठित कर 3 नोडल अधिकारियों की नियुक्ति कर दी है। जीएडी के नोडल अधिकारी अजय कटेसरिया ने बताया कि हर विभाग को अपने कर्मचारियों का पंजीकरण कराना होगा। इसके बाद अन्य सरकारी संस्थानों में भी इस प्रणाली को लागू किया जाएगा।
वर्तमान में मंत्रालय में मैन्युअल अटेंडेंस या खराब पड़ी थंब मशीनों का उपयोग किया जा रहा है, जिससे कर्मचारियों की वास्तविक उपस्थिति का पता नहीं चल पाता। नई व्यवस्था कर्मचारियों की समय पर उपस्थिति सुनिश्चित करने और मंत्रालय की सुरक्षा बढ़ाने में मदद करेगी। ई-मिशन की एक विशेष टीम कर्मचारियों की आईडी बनाने में सहायता करेगी। यह कदम मंत्रालय में पहले से लागू ई-फाइल सिस्टम के साथ डिजिटल कार्य संस्कृति को बढ़ावा देगा। गौरतलब है कि मप्र सरकार ने करीब पौने चार साल पहले केंद्र सरकार की तर्ज पर प्रदेश के सरकारी कार्यालयों में फाइव डेज वीक लागू किया था। सामान्य प्रशासन विभाग ने 8 अप्रैल, 2021 को इस संबंध में आदेश जारी किया था। आदेश । आदेश के अनुसार कार्यालयों के पूर्व के समय (सुबह 10.30 से शाम 5.30 बजे) में संशोधन करते हुए सभी सरकारी कार्यालयों का समय सुबह 10 से शाम 6 बजे तक कर दिया गया है। जीएडी के आदेश के बाद रविवार के साथ ही हर शनिवार को सरकारी कार्यालयों में अवकाश रहने लगा है, जबकि कोरोना काल से पूर्व महीने के पहले और चौथे शनिवार को सरकारी कार्यालय बंद रहते थे।


रेटीना स्कैन कराना होगा
जानकारी के अनुसार राज्य मंत्रालय में कार्यरत 1700 अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए नई बायोमेट्रिक अटेंडेंस व्यवस्था लागू की जा रही है। सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश पर 24 जनवरी तक सभी कर्मचारियों को आधार-आधारित फेस अटेंडेंस आईडी बनवानी होगी। नई व्यवस्था के तहत कर्मचारियों को मंत्रालय में प्रवेश और निकास के समय अपना चेहरा और आंखों का रेटीना स्कैन कराना होगा। यह आधुनिक सिस्टम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग कर उम्र के साथ चेहरे में आने वाले बदलावों को भी पहचान सकता है। आधार बेस्ड फेस अटेंडेंस सिस्टम स्कैनर की मदद से व्यक्ति का चेहरा स्कैन करता है। स्कैन चेहरे को आधार डेटाबेस में मौजूद उस व्यक्ति के चेहरे के डेटा से मैच करते हैं। कर्मचारी का आधार नंबर फेस अटेंडेंस प्रोफाइल से जोड़ा जाता है।
तीन नोडल अधिकारी नियुक्त किए
कर्मचारियों की लेटलतीफी को देखते हुए सरकार मंत्रालय में अटेंडेंस की नई तकनीकी आधारित व्यवस्था शुरू करने जा रही है। मंत्रालय में जल्द ही आधार बेस्ड फेस अटेंडेंस शुरू होगी। इसके लिए मंत्रालय के सभी अधिकारी-कर्मचारियों को 24 जनवरी तक रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। सामान्य प्रशासन विभाग ने इसके लिए तीन नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं। अधिकतर विभागों में अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव से लेकर एलडीसी स्तर के कर्मचारी आधार बेस्ड फेस अटेंडेंस के लिए रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। जीएडी के अधिकारियों का कहना है कि मंत्रालय के अलावा अन्य सरकारी कार्यालयों में भी आधार बेस्ड फेस अटेंडेंस लागू की जाएगी। मंत्रालय में कर्मचारियों की संख्या करीब 1700 है। दरअसल मंत्रालय में कई अधिकारी कर्मचारियों की लेटलतीफी को देखते हुए शासन ने पिछले साल जून में सख्ती बरतते हुए अटेंडेंस को लेकर नई व्यवस्था शुरू की थी। इस व्यवस्था में कर्मचारियों को को मंत्राल मंत्रालय पहुंचकर सबसे पहले अटेंडेंस रजिस्टर में हस्ताक्षर करना होते थे। सभी विभागों के सचिव स्तर के अफसरों को रोजाना दोपहर डेढ़ बजे सामान्य प्रशासन विभाग को रिपोर्ट सौंपना होती थी कि कर्मचारी समय पर ऑफिस आए या नहीं? लेट पहुंचने वाले कर्मचारियों की सीएल लगा दी जाती थी। इस सख्ती का नतीजा यह हुआ कि कर्मचारी समय पर कार्यालय पहुंचने लगे, लेकिन कुछ महीनों बाद जैसे ही विभागों ने अटेंडेंस की डेली रिपोर्ट सौंपे जाने को लेकर नरमी बरती, कर्मचारियों का वही पुराना ढर्रा शुरू हो गया। पूर्व की तरह वे देरी से मंत्रालय पहुंचने लगे हैं। कुछ कर्मचारी ऐसे हैं, जो समय पर मंत्रालय पहुंचते हैं और रजिस्टर में अटेंडेंस लगाकर ग्रुप्स में चाय पीने चले जाते हैं, जिससे अधिकारियों को काम में मुश्किल होती है। अब शासन ने कर्मचारियों की लेटलतीफी पर अंकुश लगाने के लिए आधार बेस्ड फेस अटेंडेंस अनिवार्य करने की तैयारी पूरी कर ली है। संभवत: फरवरी से यह व्यवस्था शुरू हो जाएगी। नई व्यवस्था के तहत कर्मचारियों को मंत्रालय में प्रवेश करते समय और ड्यूटी के बाद बाहर निकलते समय अपना चेहरा और रेटिना स्कैन करवाना होगा। इससे कर्मचारियों की मंत्रालय में वास्तविक उपस्थिति का पता चल पाएगा। सभी कर्मचारियों के साथ उच्च स्तर के अधिकारियों के लिए भी आधार बेस्ड फेस अटेंडेंस अनिवार्य की जा रही है। इसकी वजह यह है कि मंत्रालय के कर्मचारियों की शिकायत रहती है कि समय पर ऑफिस आने की अनिवार्यता उनके लिए ही क्यों है, अधिकारियों को इससे बाहर क्यों रखा गया है?


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