प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में मौनी अमावस्या का विशेष महत्व है. माना जाता है कि इस दिन गंगा का पानी अमृत के समान हो जाता है. इस दिन स्नान और दान करने से पाप नष्ट होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस बार मौनी अमावस्या 29 जनवरी 2025 को पड़ रही है. इस पावन अवसर पर संगम में डुबकी लगाने के लिए करीब 10 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है. अमावस्या पर शाही स्नान के लिए अभी से श्रद्धालुओं का तांता लगना शुरू हो गया है.
प्रशासन और पुलिस ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए खास इंतजाम किए हैं. मेला क्षेत्र को नो-व्हीकल जोन घोषित किया गया है और पार्किंग क्षेत्रों को सक्रिय कर दिया गया है. इस बार विशेष व्यवस्था के तहत 2,000 साइनेज बोर्ड लगाए गए हैं ताकि श्रद्धालु सही दिशा में मार्गदर्शन प्राप्त कर सकें. इसके अलावा, मेला प्रशासन ने एक चैटबॉट लॉन्च किया है जो श्रद्धालुओं की यात्रा को और भी सुविधाजनक बनाएगा.
मौनी अमावस्या का शुभ मुहूर्त
मौनी अमावस्या का ब्रह्म मुहूर्त 29 जनवरी को सुबह 5:25 से 6:18 बजे तक रहेगा. इस समय में स्नान करने से अधिक पुण्य प्राप्त होता है. इसके बाद, व्रत का संकल्प लेकर भगवान विष्णु की पूजा करें और तुलसी के पौधे की 108 बार परिक्रमा करें. इसके बाद गरीबों को दान दें और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करें.
इसके अलावा इस दिन की विशेष पूजा से आस्था और संतुलन में वृद्धि होती है, साथ ही जीवन में मानसिक शांति मिलती है.
प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में मौनी अमावस्या का विशेष महत्व है. माना जाता है कि इस दिन गंगा का पानी अमृत के समान हो जाता है. इस दिन स्नान और दान करने से पाप नष्ट होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस बार मौनी अमावस्या 29 जनवरी 2025 को पड़ रही है. इस पावन अवसर पर संगम में डुबकी लगाने के लिए करीब 10 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है. अमावस्या पर शाही स्नान के लिए अभी से श्रद्धालुओं का तांता लगना शुरू हो गया है.
प्रशासन और पुलिस ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए खास इंतजाम किए हैं. मेला क्षेत्र को नो-व्हीकल जोन घोषित किया गया है और पार्किंग क्षेत्रों को सक्रिय कर दिया गया है. इस बार विशेष व्यवस्था के तहत 2,000 साइनेज बोर्ड लगाए गए हैं ताकि श्रद्धालु सही दिशा में मार्गदर्शन प्राप्त कर सकें. इसके अलावा, मेला प्रशासन ने एक चैटबॉट लॉन्च किया है जो श्रद्धालुओं की यात्रा को और भी सुविधाजनक बनाएगा.
मौनी अमावस्या का शुभ मुहूर्त
मौनी अमावस्या का ब्रह्म मुहूर्त 29 जनवरी को सुबह 5:25 से 6:18 बजे तक रहेगा. इस समय में स्नान करने से अधिक पुण्य प्राप्त होता है. इसके बाद, व्रत का संकल्प लेकर भगवान विष्णु की पूजा करें और तुलसी के पौधे की 108 बार परिक्रमा करें. इसके बाद गरीबों को दान दें और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करें.
इसके अलावा इस दिन की विशेष पूजा से आस्था और संतुलन में वृद्धि होती है, साथ ही जीवन में मानसिक शांति मिलती है.