कोरबा: अविभाजित मध्यप्रदेश के पूर्व डिप्टी सीएम रहे
प्यारेलाल कंवर के बेटे हरीश कंवर, बहू सुमित्रा कंवर और 4 साल की पोती
याशिका कंवर की हत्या के मामले में कोरबा जिला एवं सत्र न्यायालय के
न्यायाधीश ने 5 आरोपियों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की कठोर सजा
सुनाई है. आरोपियों में 4 पुरुष और एक महिला है. ट्रिपल हत्याकांड का यह नृशंस मामला कोरबा जिले के रामपुर विधानसभा
क्षेत्र के भैसमां में 21 अप्रैल 2021 को सामने आया था. बुधवार की देर शाम
कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया. मामले के सभी आरोपी जेल में बंद थे.
पूर्व डिप्टी सीएम के पूरे परिवार की हुई थी नृशंस हत्या : जिला एवं
सत्र न्यायालय कोरबा के अतिरिक्त शासकीय अभिभाषक अधिकारी कृष्ण कुमार
द्विवेदी ने बताया कि उरगा थाना क्षेत्र के ग्राम भैसमा में 21 अप्रैल 2021
की सुबह लगभग चार बजे हत्या की नृशंस घटना हुई थी. हत्यारों ने अविभाजित
मध्यप्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री रहे प्यारेलाल कंवर के बेटे हरीश कंवर,
हरीश की पत्नी सुमित्रा और 4 साल की बेटी याशिका की हत्या कर दी थी.
हत्यारों ने तीनों के चेहरे, सिर, गर्दन, मुंह, नाक, कान, पैर पर कई बार
हमला किया था. हरीश कंवर के गर्दन के कई टुकड़े-टुकड़े हो गए थे. जिससे उनकी
दर्दनाक मौत हुई थी.
हत्या का दोषी हरभजन सिंह पूर्व डिप्टी सीएम स्व. प्यारेलाल का कंवर का
बड़ा बेटा है. जिसने पत्नी, अपने साले और अन्य लोगों के साथ मिलकर अपने ही
छोटे भाई हरीश कंवर और उसके पूरे परिवार को खत्म करने की साजिश रची. हरीश कंवर उसकी पत्नी और मासूम बच्ची की हत्या का कारण घरेलू विवाद बना.
कोर्ट ने जिन्हें हत्या का दोषी ठहराया है, उसमें हरीश का बड़ा भाई हरभजन
सिंह कंवर, उसकी पत्नी धनकुंवर और साला परमेश्वर कंवर के अलावा परमेश्वर के
दोस्त रामप्रसाद मन्नेवार और सुरेंद्र सिंह कंवर शामिल हैं. इस मामले में
पुलिस ने मोबाइल फोन से एक टेक्स्ट मैसेज को सबूत के तौर पर इस्तेमाल किया
था. जिसमें लिखा गया था कि “घर खाली है, आप लोग आ जाइए”. ये मैसेज हरभजन के
परिवार की ओर से परमेश्वर कंवर के मोबाइल फोन पर भेजा गया था. इसी संदेश
ने हत्याकांड के राज खोले थे और पुलिस ने एक-एक कर घटना में शामिल सभी
आरोपियों को गिरफ्तार किया था. हत्या को अंजाम देने के लिए परमेश्वर अपने
दोस्त सुरेंद्र और रामप्रसाद मन्नेवार के साथ बाइक पर सवार होकर हरीश के घर
पहुंचा था.
हरीश की हत्या की साजिश पहले ही रची गई थी और घटना घटित होने से थोड़ी
देर पहले हरीश का बड़ा भाई हरभजन अपनी पत्नी धनकुंवर और बेटी के साथ सुबह की
सैर के लिए निकल गया था. घर का दरवाजा खुला छोड़ा गया था और हरीश परिवार
के साथ कमरे में सोया था. इसी दौरान हत्यारों ने धारदार हथियार से तीनों की
हत्या कर दी थी. हरीश कंवर उनकी पत्नी और चार साल की बेटी को बुरी तरह से
काटा गया था. पूरा कमरा लहूलुहान था. जिसे देखकर पुलिस अधिकारियों के भी
रोंगटे खड़े हो गए थे. दो भाइयों के बीच पारिवारिक कलह और संपत्ति का विवाद
इस घटना की प्रमुख वजह थी.
प्राप्त जानकारी के अनुसार दोषियों को सजा दिलाने में हरीश कंवर की मां
जानकी बाई पति स्व. प्यारे लाल कंवर की गवाही बेहद महत्वपूर्ण रही. घटना के
समय जानकी बाई घर में मौजूद थी और हत्यारों ने जानकी की हत्या नहीं की थी.
ट्रिपल मर्डर के हत्याकांड को अंजाम देने के दौरान हत्यारे ने जानकी बाई
का गला दबाकर ही उन्हें डराने-धमकाने का प्रयास किया फिर बेहोश होने पर
उन्हें छोड़ दिया. जब हत्यारे हरीश, उसकी पत्नी और बेटी पर वार कर रहे थे तब
जानकी बाई घर में मौजूद थी और उसने अपने बड़े बेटे हरभजन के साले परमेश्वर
कंवर को पहचान लिया था.
हत्यारों ने हत्या में इस्तेमाल किए गए लोहे के दो कट्टे को भैसमा के
पास एक डेम में फेंक दिया था. घटना के बाद आरोपी फरार हो गए थे. सबूत नष्ट
करने की कोशिश के मामले में पुलिस ने हत्या और सबूत नष्ट करने का भी अपराध
दर्ज किया था. अतिरिक्त शासकीय अभिभाषक अधिकारी कृष्ण कुमार द्विवेदी ने बताया कि इस
मामले की सुनवाई कोरबा के तृतीय अपर सत्र न्यायालय में चल रही थी.
न्यायाधीश सुनील कुमार नंदे की अदालत ने मामले में गिरफ्तार किए गए पांच
आरोपियों को दोषी ठहराया. सभी को आईपीसी की धारा 120बी/34 (साजिश), 201
(सबूत नष्ट करना), 302 (हत्या) एवं 406 (विश्वासघात करना) के तहत कोर्ट ने
आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया है. इसमें परमेश्वर कंवर, रामप्रसाद
मन्नेवार, हरभजन सिंह कंवर, धनकुंवर और सुरेंद्र सिंह कंवर शामिल हैं.
जब कोर्ट में सजा सुनाई गई तब दोषी कटघरे में खड़े थे. सजा सुनकर इस
मामले की दोषी धनकुंवर के आंखों से आंसू बहने लगे. अन्य दोषी भी बेहद मायूस
नजर आए. कोर्ट का फैसला आते ही पुलिस ने दोषियों को गिरफ्तार कर लिया.
फिलहाल उन्हें पुलिस सुरक्षा में कोरबा के जेल भेजा गया है.
कोरबा: अविभाजित मध्यप्रदेश के पूर्व डिप्टी सीएम रहे
प्यारेलाल कंवर के बेटे हरीश कंवर, बहू सुमित्रा कंवर और 4 साल की पोती
याशिका कंवर की हत्या के मामले में कोरबा जिला एवं सत्र न्यायालय के
न्यायाधीश ने 5 आरोपियों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की कठोर सजा
सुनाई है. आरोपियों में 4 पुरुष और एक महिला है. ट्रिपल हत्याकांड का यह नृशंस मामला कोरबा जिले के रामपुर विधानसभा
क्षेत्र के भैसमां में 21 अप्रैल 2021 को सामने आया था. बुधवार की देर शाम
कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया. मामले के सभी आरोपी जेल में बंद थे.
पूर्व डिप्टी सीएम के पूरे परिवार की हुई थी नृशंस हत्या : जिला एवं
सत्र न्यायालय कोरबा के अतिरिक्त शासकीय अभिभाषक अधिकारी कृष्ण कुमार
द्विवेदी ने बताया कि उरगा थाना क्षेत्र के ग्राम भैसमा में 21 अप्रैल 2021
की सुबह लगभग चार बजे हत्या की नृशंस घटना हुई थी. हत्यारों ने अविभाजित
मध्यप्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री रहे प्यारेलाल कंवर के बेटे हरीश कंवर,
हरीश की पत्नी सुमित्रा और 4 साल की बेटी याशिका की हत्या कर दी थी.
हत्यारों ने तीनों के चेहरे, सिर, गर्दन, मुंह, नाक, कान, पैर पर कई बार
हमला किया था. हरीश कंवर के गर्दन के कई टुकड़े-टुकड़े हो गए थे. जिससे उनकी
दर्दनाक मौत हुई थी.
हत्या का दोषी हरभजन सिंह पूर्व डिप्टी सीएम स्व. प्यारेलाल का कंवर का
बड़ा बेटा है. जिसने पत्नी, अपने साले और अन्य लोगों के साथ मिलकर अपने ही
छोटे भाई हरीश कंवर और उसके पूरे परिवार को खत्म करने की साजिश रची. हरीश कंवर उसकी पत्नी और मासूम बच्ची की हत्या का कारण घरेलू विवाद बना.
कोर्ट ने जिन्हें हत्या का दोषी ठहराया है, उसमें हरीश का बड़ा भाई हरभजन
सिंह कंवर, उसकी पत्नी धनकुंवर और साला परमेश्वर कंवर के अलावा परमेश्वर के
दोस्त रामप्रसाद मन्नेवार और सुरेंद्र सिंह कंवर शामिल हैं. इस मामले में
पुलिस ने मोबाइल फोन से एक टेक्स्ट मैसेज को सबूत के तौर पर इस्तेमाल किया
था. जिसमें लिखा गया था कि “घर खाली है, आप लोग आ जाइए”. ये मैसेज हरभजन के
परिवार की ओर से परमेश्वर कंवर के मोबाइल फोन पर भेजा गया था. इसी संदेश
ने हत्याकांड के राज खोले थे और पुलिस ने एक-एक कर घटना में शामिल सभी
आरोपियों को गिरफ्तार किया था. हत्या को अंजाम देने के लिए परमेश्वर अपने
दोस्त सुरेंद्र और रामप्रसाद मन्नेवार के साथ बाइक पर सवार होकर हरीश के घर
पहुंचा था.
हरीश की हत्या की साजिश पहले ही रची गई थी और घटना घटित होने से थोड़ी
देर पहले हरीश का बड़ा भाई हरभजन अपनी पत्नी धनकुंवर और बेटी के साथ सुबह की
सैर के लिए निकल गया था. घर का दरवाजा खुला छोड़ा गया था और हरीश परिवार
के साथ कमरे में सोया था. इसी दौरान हत्यारों ने धारदार हथियार से तीनों की
हत्या कर दी थी. हरीश कंवर उनकी पत्नी और चार साल की बेटी को बुरी तरह से
काटा गया था. पूरा कमरा लहूलुहान था. जिसे देखकर पुलिस अधिकारियों के भी
रोंगटे खड़े हो गए थे. दो भाइयों के बीच पारिवारिक कलह और संपत्ति का विवाद
इस घटना की प्रमुख वजह थी.
प्राप्त जानकारी के अनुसार दोषियों को सजा दिलाने में हरीश कंवर की मां
जानकी बाई पति स्व. प्यारे लाल कंवर की गवाही बेहद महत्वपूर्ण रही. घटना के
समय जानकी बाई घर में मौजूद थी और हत्यारों ने जानकी की हत्या नहीं की थी.
ट्रिपल मर्डर के हत्याकांड को अंजाम देने के दौरान हत्यारे ने जानकी बाई
का गला दबाकर ही उन्हें डराने-धमकाने का प्रयास किया फिर बेहोश होने पर
उन्हें छोड़ दिया. जब हत्यारे हरीश, उसकी पत्नी और बेटी पर वार कर रहे थे तब
जानकी बाई घर में मौजूद थी और उसने अपने बड़े बेटे हरभजन के साले परमेश्वर
कंवर को पहचान लिया था.
हत्यारों ने हत्या में इस्तेमाल किए गए लोहे के दो कट्टे को भैसमा के
पास एक डेम में फेंक दिया था. घटना के बाद आरोपी फरार हो गए थे. सबूत नष्ट
करने की कोशिश के मामले में पुलिस ने हत्या और सबूत नष्ट करने का भी अपराध
दर्ज किया था. अतिरिक्त शासकीय अभिभाषक अधिकारी कृष्ण कुमार द्विवेदी ने बताया कि इस
मामले की सुनवाई कोरबा के तृतीय अपर सत्र न्यायालय में चल रही थी.
न्यायाधीश सुनील कुमार नंदे की अदालत ने मामले में गिरफ्तार किए गए पांच
आरोपियों को दोषी ठहराया. सभी को आईपीसी की धारा 120बी/34 (साजिश), 201
(सबूत नष्ट करना), 302 (हत्या) एवं 406 (विश्वासघात करना) के तहत कोर्ट ने
आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया है. इसमें परमेश्वर कंवर, रामप्रसाद
मन्नेवार, हरभजन सिंह कंवर, धनकुंवर और सुरेंद्र सिंह कंवर शामिल हैं.
जब कोर्ट में सजा सुनाई गई तब दोषी कटघरे में खड़े थे. सजा सुनकर इस
मामले की दोषी धनकुंवर के आंखों से आंसू बहने लगे. अन्य दोषी भी बेहद मायूस
नजर आए. कोर्ट का फैसला आते ही पुलिस ने दोषियों को गिरफ्तार कर लिया.
फिलहाल उन्हें पुलिस सुरक्षा में कोरबा के जेल भेजा गया है.