144 दवाओं की कीमत में अनहोनी बढ़ोतरी, जांच कर रहे अधिकारी पर उठे सवाल:

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छत्तीसगढ़ दवा निगम (सीजीएमससी) में उपकरण और रिएजेंट
घोटाले के बाद अब दवा खरीदी में भी घोटाला सामने आया है। वहीं, जिस अधिकारी
ने इसकी खरीदी की है, उसी को इस पूरे मामले की जांच का जिम्मा दे दिया गया
है।दरअसल, सीजीएमएससी ने बिना जांच किए ही 100 गुना अधिक दाम पर 100 करोड़
रुपये की दवाएं लोकल कंपनी 9 एम फार्मा से खरीदी थीं। इन्हीं दवाओं की
खरीदी राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कार्पोरेशन (आरएमएससीएल) ने आधे से भी कम
दाम में की है।यह सब लोकल दवा कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया है।
इस पूरे मामले की जांच के निर्देश स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल
ने दिए थे। वहीं, दवा निगम द्वारा जीएम टेक्निकल (मेडिसिन) हिरेन पटेल को
इसकी जांच की जिम्मेदारी दी गई थी, जबकि उन्हीं के द्वारा उक्त खरीदी की गई
है।



इसी बीच स्वास्थ्य मंत्री के जांच के निर्देश के 10 दिन बाद ही कंपनी को
पूरा भुगतान भी कर दिया गया। बता दें कुछ इसी तरह रिएजेंट और उपकरण खरीदी
में मोक्षित कार्पोरेशन को सीजीएमएससी के अधिकारियों ने फायदा पहुंचाया था।





सामाजिक कार्यकर्ता श्याम अवतार केडिया की शिकायत पर स्वास्थ्य मंत्री
ने 25 अक्टूबर 2024 को प्रबंध संचालक को जांच कर 10 दिन मे रिपोर्ट देने का
निर्देशित किया था। प्रबंध संचालक ने आरोपित महाप्रबंधक तकनीकी हिरेन पटेल
को ही जांच करने के लिए निर्देशित कर दिया।



इसके पूर्व एएनजी लाइफ साइंसेस कंपनी के आयकर विभाग के नोटिस की अवहेलना
वाले मामले मे भी इन्हीं आरोपित अधिकारी को अपनी ही जांच करने के निर्देश
प्रबंध संचालक द्वारा दे दिए थे।





ऐसे में क्रय समिति में मौजूद तकनीकी महाप्रबंधक (मेडिसिन) हिरेन पटले
की जिम्मेदारी थी कि अन्य दवा निगम की प्रचलित दरों का मिलान करें। उक्त
कंपनी द्वारा भरी गई सिंगल बिड के तर्कसंगत होने की पुष्टि करें। मगर,
अधिकारियों ने बिना जांचे ही मनमाने दर पर रेट कांट्रेक्ट कर दिया। कंपनी
से कुल 132 करोड़ की खरीदी गई। उक्त उपकरण और दवाएं 20 करोड़ अधिक में
खरीदी हुई।





पूरी खरीदी में शासन को 20 करोड़ 39 लाख रुपये से ज्यादा राशि का नुकसान
पहुंचा दिया गया। नईदुनिया को मिले दस्तावेजों मुताबिक, जिन दवाओं की
खरीदी राजस्थान मेडिकल कार्पोरेशन ने सस्ते में की है, उन्हीं दवाओं को
सीजीएमएससी ने 50 से 160 प्रतिशत अधिक दाम में खरीदा है। सीजीएमएससी ने 144
दवाएं राजस्थान दवा निगम से 20 से 35 प्रतिशत अधिक दाम में खरीदी हैं।



शिकायतकर्ता ने बताया कि नाइन एम इंडिया लिमिटेड एक स्थानीय उत्पादक है।
उसके कुल 181 आइटम की दरों का मिलान किया गया। इसमें से 122 दर ऐसे आइटम
के हैं, जिनमें केवल 9 एम इंडिया लिमिटेड ने ही अकले रेट भरे थे। यहां
नियमों की अनदेखी करते हुए सिंगल बिड (सिंगल विक्रेता) में ही खरीदी हो गई।


छत्तीसगढ़ दवा निगम (सीजीएमससी) में उपकरण और रिएजेंट
घोटाले के बाद अब दवा खरीदी में भी घोटाला सामने आया है। वहीं, जिस अधिकारी
ने इसकी खरीदी की है, उसी को इस पूरे मामले की जांच का जिम्मा दे दिया गया
है।दरअसल, सीजीएमएससी ने बिना जांच किए ही 100 गुना अधिक दाम पर 100 करोड़
रुपये की दवाएं लोकल कंपनी 9 एम फार्मा से खरीदी थीं। इन्हीं दवाओं की
खरीदी राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कार्पोरेशन (आरएमएससीएल) ने आधे से भी कम
दाम में की है।यह सब लोकल दवा कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया है।
इस पूरे मामले की जांच के निर्देश स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल
ने दिए थे। वहीं, दवा निगम द्वारा जीएम टेक्निकल (मेडिसिन) हिरेन पटेल को
इसकी जांच की जिम्मेदारी दी गई थी, जबकि उन्हीं के द्वारा उक्त खरीदी की गई
है।



इसी बीच स्वास्थ्य मंत्री के जांच के निर्देश के 10 दिन बाद ही कंपनी को
पूरा भुगतान भी कर दिया गया। बता दें कुछ इसी तरह रिएजेंट और उपकरण खरीदी
में मोक्षित कार्पोरेशन को सीजीएमएससी के अधिकारियों ने फायदा पहुंचाया था।





सामाजिक कार्यकर्ता श्याम अवतार केडिया की शिकायत पर स्वास्थ्य मंत्री
ने 25 अक्टूबर 2024 को प्रबंध संचालक को जांच कर 10 दिन मे रिपोर्ट देने का
निर्देशित किया था। प्रबंध संचालक ने आरोपित महाप्रबंधक तकनीकी हिरेन पटेल
को ही जांच करने के लिए निर्देशित कर दिया।



इसके पूर्व एएनजी लाइफ साइंसेस कंपनी के आयकर विभाग के नोटिस की अवहेलना
वाले मामले मे भी इन्हीं आरोपित अधिकारी को अपनी ही जांच करने के निर्देश
प्रबंध संचालक द्वारा दे दिए थे।





ऐसे में क्रय समिति में मौजूद तकनीकी महाप्रबंधक (मेडिसिन) हिरेन पटले
की जिम्मेदारी थी कि अन्य दवा निगम की प्रचलित दरों का मिलान करें। उक्त
कंपनी द्वारा भरी गई सिंगल बिड के तर्कसंगत होने की पुष्टि करें। मगर,
अधिकारियों ने बिना जांचे ही मनमाने दर पर रेट कांट्रेक्ट कर दिया। कंपनी
से कुल 132 करोड़ की खरीदी गई। उक्त उपकरण और दवाएं 20 करोड़ अधिक में
खरीदी हुई।





पूरी खरीदी में शासन को 20 करोड़ 39 लाख रुपये से ज्यादा राशि का नुकसान
पहुंचा दिया गया। नईदुनिया को मिले दस्तावेजों मुताबिक, जिन दवाओं की
खरीदी राजस्थान मेडिकल कार्पोरेशन ने सस्ते में की है, उन्हीं दवाओं को
सीजीएमएससी ने 50 से 160 प्रतिशत अधिक दाम में खरीदा है। सीजीएमएससी ने 144
दवाएं राजस्थान दवा निगम से 20 से 35 प्रतिशत अधिक दाम में खरीदी हैं।



शिकायतकर्ता ने बताया कि नाइन एम इंडिया लिमिटेड एक स्थानीय उत्पादक है।
उसके कुल 181 आइटम की दरों का मिलान किया गया। इसमें से 122 दर ऐसे आइटम
के हैं, जिनमें केवल 9 एम इंडिया लिमिटेड ने ही अकले रेट भरे थे। यहां
नियमों की अनदेखी करते हुए सिंगल बिड (सिंगल विक्रेता) में ही खरीदी हो गई।


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