आचार्य जी के उपदेश प्रकाश स्तंभ की तरह: पथ को आलोकित कर देती है सन्मार्ग पर चलने की प्रेरणा :

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रायपुर। जैन आचार्य विद्यासागर जी महाराज ने हमें सिखाया कि हमारी
संस्कृति ही हमारी पहचान है। अगर हम अपनी संस्कृति को खो देते हैं तो विश्व
के समक्ष हमारी कोई पहचान नहीं रह जाती। आचार्य जी ने संप्रदायवाद,
भाषावाद, जातिवाद आदि संकीर्णताओं से ऊपर उठकर मानवता एवं विश्व बंधुत्व का
संदेश हम सभी को दिया है। केन्द्रीय गृहमंत्री शाह आज डोंगरगढ़ के
चंद्रगिरी तीर्थ में आचार्य विद्यासागर जी महाराज की समाधि स्मारक के
भूमिपूजन और विनयांजलि समारोह को सम्बोधित करते हुए यह बात कही। कार्यक्रम
की अध्यक्षता मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने की।


केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि जैन आचार्यो और मुनियों ने संपूर्ण देश
को एकसूत्र में बांधने का कार्य किया है। जैन संतों और मुनियों ने उत्तर
प्रदेश के हस्तिनापुर से लेकर कर्नाटक के श्रवणबेलगोला तक और बिहार के
राजगीर से गुजरात के गिरनार तक हर जगह पैदल भ्रमण कर ज्ञान का प्रकाश
फैलाते हुए त्याग और तपश्चर्या से सन्मार्ग पर चलने के लिए लोगों को
प्रेरित किया है। उन्होंने कहा कि आचार्य विद्यासागर जी ने एक कल्पवृक्ष की
भांति जीवन जिया। उनके तप और त्याग से प्रत्येक क्षण देशवासियों को नई
प्रेरणा मिली।  उन्होंने कहा कि आज इस स्थान पर सभी लोगों ने मिलकर आचार्य
जी की भव्य समाधि का निर्माण करने का निर्णय लिया है, इसके लिए  सभी
साधुवाद के पात्र हैं।


मुख्यमंत्री साय ने कहा कि पूज्य आचार्य विद्यासागर जी महाराज भौतिक देह
से भले ही हमारे बीच उपस्थित नहीं है, लेकिन उनके उपदेश हमें प्रकाश स्तंभ
की तरह युगों युगों तक हमेशा सन्मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते रहेंगे।
आचार्य जी ने धर्म की रक्षा और राष्ट्र की मजबूती के लिए मीलों पैदल सफर तय
किया। आहार-विहार का ऐसा संयम रखा जिसे सोचकर ही हम सब चकित रह जाते हैं।
आचार्य जी ने करोड़ों लोगों को अपने जीवन से प्रेरणा दी। वे एक राष्ट्र संत
थे और स्वदेशी के प्रति उनका गहरा अनुराग था। वे हमेशा कहते थे कि हमें
अपनी सांस्कृतिक जड़ों को कभी नहीं छोड़ना चाहिए। मुख्यमंत्री साय ने पूज्य
समता सागर जी महाराज और देशभर से आए सभी जैन मुनियों को प्रणाम करते हुए
कहा कि  संतों का आशीर्वाद छत्तीसगढ़ को सदैव मिलता रहे, ऐसी मेरी कामना है।


उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी, लोकसभा सांसद
संतोष पाण्डेय, विधायक डोंगरगढ़ हर्षिता स्वामी बघेल, जैन समाज के अशोक
पाटनी, महोत्सव के अध्यक्ष विनोद बड़जात्या, श्रीकांत प्रभात जैन, विनोद
जैन, मनीष जैन एवं अन्य जनप्रतिनिधि सहित समाज के अन्य गणमान्य नागरिक
उपस्थित थे।


रायपुर। जैन आचार्य विद्यासागर जी महाराज ने हमें सिखाया कि हमारी
संस्कृति ही हमारी पहचान है। अगर हम अपनी संस्कृति को खो देते हैं तो विश्व
के समक्ष हमारी कोई पहचान नहीं रह जाती। आचार्य जी ने संप्रदायवाद,
भाषावाद, जातिवाद आदि संकीर्णताओं से ऊपर उठकर मानवता एवं विश्व बंधुत्व का
संदेश हम सभी को दिया है। केन्द्रीय गृहमंत्री शाह आज डोंगरगढ़ के
चंद्रगिरी तीर्थ में आचार्य विद्यासागर जी महाराज की समाधि स्मारक के
भूमिपूजन और विनयांजलि समारोह को सम्बोधित करते हुए यह बात कही। कार्यक्रम
की अध्यक्षता मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने की।


केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि जैन आचार्यो और मुनियों ने संपूर्ण देश
को एकसूत्र में बांधने का कार्य किया है। जैन संतों और मुनियों ने उत्तर
प्रदेश के हस्तिनापुर से लेकर कर्नाटक के श्रवणबेलगोला तक और बिहार के
राजगीर से गुजरात के गिरनार तक हर जगह पैदल भ्रमण कर ज्ञान का प्रकाश
फैलाते हुए त्याग और तपश्चर्या से सन्मार्ग पर चलने के लिए लोगों को
प्रेरित किया है। उन्होंने कहा कि आचार्य विद्यासागर जी ने एक कल्पवृक्ष की
भांति जीवन जिया। उनके तप और त्याग से प्रत्येक क्षण देशवासियों को नई
प्रेरणा मिली।  उन्होंने कहा कि आज इस स्थान पर सभी लोगों ने मिलकर आचार्य
जी की भव्य समाधि का निर्माण करने का निर्णय लिया है, इसके लिए  सभी
साधुवाद के पात्र हैं।


मुख्यमंत्री साय ने कहा कि पूज्य आचार्य विद्यासागर जी महाराज भौतिक देह
से भले ही हमारे बीच उपस्थित नहीं है, लेकिन उनके उपदेश हमें प्रकाश स्तंभ
की तरह युगों युगों तक हमेशा सन्मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते रहेंगे।
आचार्य जी ने धर्म की रक्षा और राष्ट्र की मजबूती के लिए मीलों पैदल सफर तय
किया। आहार-विहार का ऐसा संयम रखा जिसे सोचकर ही हम सब चकित रह जाते हैं।
आचार्य जी ने करोड़ों लोगों को अपने जीवन से प्रेरणा दी। वे एक राष्ट्र संत
थे और स्वदेशी के प्रति उनका गहरा अनुराग था। वे हमेशा कहते थे कि हमें
अपनी सांस्कृतिक जड़ों को कभी नहीं छोड़ना चाहिए। मुख्यमंत्री साय ने पूज्य
समता सागर जी महाराज और देशभर से आए सभी जैन मुनियों को प्रणाम करते हुए
कहा कि  संतों का आशीर्वाद छत्तीसगढ़ को सदैव मिलता रहे, ऐसी मेरी कामना है।


उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी, लोकसभा सांसद
संतोष पाण्डेय, विधायक डोंगरगढ़ हर्षिता स्वामी बघेल, जैन समाज के अशोक
पाटनी, महोत्सव के अध्यक्ष विनोद बड़जात्या, श्रीकांत प्रभात जैन, विनोद
जैन, मनीष जैन एवं अन्य जनप्रतिनिधि सहित समाज के अन्य गणमान्य नागरिक
उपस्थित थे।


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