इंदौर: इंदौर मेट्रोपॉलिटन रीजन (आईएमआर) को लेकर लगातार चर्चा चल रही है। कनेक्टिविटी, उद्योग और
पर्यावरण के बीच संतुलन बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए नई योजना
का विस्तार किया गया है। औद्योगिक क्षेत्र को नई ऊंचाइयों को छूने के लिए
दिल्ली-मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर का सहारा लिया गया है। इंदौर विकास
प्राधिकरण के अंतर्गत मेहता एंड कंसलटेंट कंपनी इंदौर, उज्जैन, देवास और
धार को मिलाकर वर्ष 2051 के लिए आईएमआर की योजना बना रही थी। इसके लिए
आंकड़े जुटाए जा रहे थे, लेकिन अब योजना में बदलाव किया जा रहा है। इसमें
सोनकच्छ, मक्सी, बदनावर जैसे क्षेत्रों को भी जोड़ा जा रहा है। इससे पूरा
क्षेत्र 9361 वर्ग किमी हो जाएगा।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने निर्देश दिए हैं कि आईएमआर की योजना वर्ष
2051 तक प्रभावी होनी चाहिए। क्षेत्र के विकास में कोई भी महत्वपूर्ण पहलू
छूटना नहीं चाहिए। इसी के चलते नई योजना बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
औद्योगिक विकास पर फोकस क्षेत्र में औद्योगिक क्षेत्र के विकास पर विशेष
फोकस किया गया है और इसे दिल्ली-मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर से जोड़ा गया है।
बदनावर में पीएम मित्र पार्क बन रहा है, जो टेक्सटाइल इंडस्ट्री का बड़ा हब
होगा, इसलिए जब इसे जोड़ा गया तो धार के पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र को भी
शामिल किया गया। इनके अलावा देवास, मासी के औद्योगिक क्षेत्रों को भी लिया
गया है।
महानगरीय क्षेत्र वहां आ रहा है। अगर दोनों महानगरीय क्षेत्र जुड़ जाते हैं
तो समन्वय आसान हो जाएगा। औद्योगिक क्षेत्र के साथ-साथ क्षेत्र में
पर्यावरण का भी ध्यान रखा जा रहा है। जितना संभव हो सके उतना वन क्षेत्र भी
जोड़ा गया है, ताकि वायु गुणवत्ता सूचकांक अच्छा रहे। छोटी नदियां, तालाब
जैसी जल संरचनाएं भी शामिल की गई हैं, ताकि प्राकृतिक संतुलन बना रहे।
रीजन में औद्योगिक क्षेत्र के विकास पर विशेष फोकस किया गया है और इसे दिल्ली-मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर से जोड़ा गया
है। बदनावर में पीएम मित्र पार्क बन रहा है, जो टेक्सटाइल इंडस्ट्री का
बड़ा हब होगा, इसलिए इसे शामिल किया गया और धार के पीथमपुर औद्योगिक
क्षेत्र को भी शामिल किया गया। इनके अलावा देवास, मक्सी के औद्योगिक
क्षेत्रों को भी लिया गया है।
आईएमआर में इंदौर को बेस बनाया गया है, जिसमें उज्जैन, धार, देवास और शाजापुर जिले शामिल हैं। इंदौर एयरपोर्ट बड़ा
है, उज्जैन और धार के साथ दो अन्य जगहों पर हवाई पट्टी भी है। इंदौर,
उज्जैन, मासी और नागदा में बड़े रेलवे जंक्शन हैं, जबकि सड़क मार्ग के लिए
नेशनल हाईवे में मुंबई-आगरा, अहमदाबाद-इंदौर और नागपुर के साथ दिल्ली-मुंबई
औद्योगिक कॉरिडोर को लिया गया है।
इंदौर: इंदौर मेट्रोपॉलिटन रीजन (आईएमआर) को लेकर लगातार चर्चा चल रही है। कनेक्टिविटी, उद्योग और
पर्यावरण के बीच संतुलन बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए नई योजना
का विस्तार किया गया है। औद्योगिक क्षेत्र को नई ऊंचाइयों को छूने के लिए
दिल्ली-मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर का सहारा लिया गया है। इंदौर विकास
प्राधिकरण के अंतर्गत मेहता एंड कंसलटेंट कंपनी इंदौर, उज्जैन, देवास और
धार को मिलाकर वर्ष 2051 के लिए आईएमआर की योजना बना रही थी। इसके लिए
आंकड़े जुटाए जा रहे थे, लेकिन अब योजना में बदलाव किया जा रहा है। इसमें
सोनकच्छ, मक्सी, बदनावर जैसे क्षेत्रों को भी जोड़ा जा रहा है। इससे पूरा
क्षेत्र 9361 वर्ग किमी हो जाएगा।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने निर्देश दिए हैं कि आईएमआर की योजना वर्ष
2051 तक प्रभावी होनी चाहिए। क्षेत्र के विकास में कोई भी महत्वपूर्ण पहलू
छूटना नहीं चाहिए। इसी के चलते नई योजना बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
औद्योगिक विकास पर फोकस क्षेत्र में औद्योगिक क्षेत्र के विकास पर विशेष
फोकस किया गया है और इसे दिल्ली-मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर से जोड़ा गया है।
बदनावर में पीएम मित्र पार्क बन रहा है, जो टेक्सटाइल इंडस्ट्री का बड़ा हब
होगा, इसलिए जब इसे जोड़ा गया तो धार के पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र को भी
शामिल किया गया। इनके अलावा देवास, मासी के औद्योगिक क्षेत्रों को भी लिया
गया है।
महानगरीय क्षेत्र वहां आ रहा है। अगर दोनों महानगरीय क्षेत्र जुड़ जाते हैं
तो समन्वय आसान हो जाएगा। औद्योगिक क्षेत्र के साथ-साथ क्षेत्र में
पर्यावरण का भी ध्यान रखा जा रहा है। जितना संभव हो सके उतना वन क्षेत्र भी
जोड़ा गया है, ताकि वायु गुणवत्ता सूचकांक अच्छा रहे। छोटी नदियां, तालाब
जैसी जल संरचनाएं भी शामिल की गई हैं, ताकि प्राकृतिक संतुलन बना रहे।
रीजन में औद्योगिक क्षेत्र के विकास पर विशेष फोकस किया गया है और इसे दिल्ली-मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर से जोड़ा गया
है। बदनावर में पीएम मित्र पार्क बन रहा है, जो टेक्सटाइल इंडस्ट्री का
बड़ा हब होगा, इसलिए इसे शामिल किया गया और धार के पीथमपुर औद्योगिक
क्षेत्र को भी शामिल किया गया। इनके अलावा देवास, मक्सी के औद्योगिक
क्षेत्रों को भी लिया गया है।
आईएमआर में इंदौर को बेस बनाया गया है, जिसमें उज्जैन, धार, देवास और शाजापुर जिले शामिल हैं। इंदौर एयरपोर्ट बड़ा
है, उज्जैन और धार के साथ दो अन्य जगहों पर हवाई पट्टी भी है। इंदौर,
उज्जैन, मासी और नागदा में बड़े रेलवे जंक्शन हैं, जबकि सड़क मार्ग के लिए
नेशनल हाईवे में मुंबई-आगरा, अहमदाबाद-इंदौर और नागपुर के साथ दिल्ली-मुंबई
औद्योगिक कॉरिडोर को लिया गया है।