महज अब कुछ ही दिन में शिवरात्रि का महापर्व आने वाला है, इसलिए आज हम आपको दिल्ली एनसीआर के कुछ ऐसे महादेव के मंदिर के बारे में बताएंगे जहां आप दर्शन के लिए जा सकते हैं. इस मंदिरों का इतिहास सालों पुराना है. मान्यता है कि यहां पूजा करने से जीवन की हर परेशानी दूर हो जाती है.
पुरानी दिल्ली के चांदनी चौक में स्थित गौरी शंकर का मंदिर 800 साल पुराना है. यहां आपको एक अद्भुत शिवलिंग का दर्शन करने को मिलगा. इसके साथ ही इस मंदिर के बेसमेंट में आपको एक साथ 12 ज्योतिर्लिंगक का दर्शन करने को मिलेगा. तो अब दिल्ली में ही बैठे भोलेनाथ के सभी स्वरूप के दर्शन इस मंदिर में कर सकते हैं. तो शिवरात्रि के दिन यहां आप भोलेनाथ की पूजा करने जा सकते हैं.
दिल्ली के निगमबोध घाट के पास नीली छतरी मंदिर स्थित है, जिसे पांडवों ने महाभारत काल में भगवान शिव को समर्पित करने के लिए यह मंदिर बनवाया था. आज भी यहां पूजा करने के लिए भक्तों की काफी भीड़ लगी रहती है.
राजधानी दिल्ली के कनॉट प्लेस में स्थित शिव मंदिर दिल्ली की सबसे पुराने मंदिर में से एक है. शिव मंदिर का इतिहास उर्दू और हिंदी में लिखा है. वहीं इस मंदिर के दर्शन करने के लिए भी लोग दूर-दूर से आते हैं.
दिल्ली का मंगल महादेव बिड़ला कानन मंदिर में भगवान शिव की 100 फीट ऊंची मूर्ति स्थापित है. जिसे कांसे से बनाई गई हैं. मंदिर की सुंदरता को देखने और आध्यात्मिक वातावरण में शांति महसूस करने के लिए यहां भक्तों की रोजाना काफी भीड़ लगी रहती है. शिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने के लिए आप यहां जा सकते हैं.
महज अब कुछ ही दिन में शिवरात्रि का महापर्व आने वाला है, इसलिए आज हम आपको दिल्ली एनसीआर के कुछ ऐसे महादेव के मंदिर के बारे में बताएंगे जहां आप दर्शन के लिए जा सकते हैं. इस मंदिरों का इतिहास सालों पुराना है. मान्यता है कि यहां पूजा करने से जीवन की हर परेशानी दूर हो जाती है.
पुरानी दिल्ली के चांदनी चौक में स्थित गौरी शंकर का मंदिर 800 साल पुराना है. यहां आपको एक अद्भुत शिवलिंग का दर्शन करने को मिलगा. इसके साथ ही इस मंदिर के बेसमेंट में आपको एक साथ 12 ज्योतिर्लिंगक का दर्शन करने को मिलेगा. तो अब दिल्ली में ही बैठे भोलेनाथ के सभी स्वरूप के दर्शन इस मंदिर में कर सकते हैं. तो शिवरात्रि के दिन यहां आप भोलेनाथ की पूजा करने जा सकते हैं.
दिल्ली के निगमबोध घाट के पास नीली छतरी मंदिर स्थित है, जिसे पांडवों ने महाभारत काल में भगवान शिव को समर्पित करने के लिए यह मंदिर बनवाया था. आज भी यहां पूजा करने के लिए भक्तों की काफी भीड़ लगी रहती है.
राजधानी दिल्ली के कनॉट प्लेस में स्थित शिव मंदिर दिल्ली की सबसे पुराने मंदिर में से एक है. शिव मंदिर का इतिहास उर्दू और हिंदी में लिखा है. वहीं इस मंदिर के दर्शन करने के लिए भी लोग दूर-दूर से आते हैं.
दिल्ली का मंगल महादेव बिड़ला कानन मंदिर में भगवान शिव की 100 फीट ऊंची मूर्ति स्थापित है. जिसे कांसे से बनाई गई हैं. मंदिर की सुंदरता को देखने और आध्यात्मिक वातावरण में शांति महसूस करने के लिए यहां भक्तों की रोजाना काफी भीड़ लगी रहती है. शिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने के लिए आप यहां जा सकते हैं.