दिल्ली में 2500 वाली स्कीम पर 3 शर्तें लगभग तय, BJP शासित राज्यों से संकेत:

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नई दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार बनने के बाद दिल्ली की महिलाओं को 'महिला समृद्धि योजना' का इंतजार है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अधिकारियों को योजना के लिए नियम एवं शर्तें तय करने को कहा है। सीएम ने उन्हें दूसरे राज्यों में चल रहीं ऐसी स्कीमों का अध्ययन भी करने को कहा है। सरकार जल्द ही इस स्कीम को लॉन्च कर सकती है, जिसके तहत गरीब परिवारों की महिलाओं को मासिक 2500 रुपए की सहायता दी जाएगी।

भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में स्पष्ट किया था कि इस योजना का लाभ गरीब परिवारों की महिलाओं को दिया जाएगा। सरकार को जहां अभी गरीबी की यह 'रेखा' तय करनी है तो दूसरी तरफ अन्य शर्तों की भी घोषणा की है। हमने भाजपा शासित तीन राज्यों में महिलाओं के लिए चल रही ऐसी योजनाओं की नियमों और शर्तों को संकलित किया है। तीनों ही राज्यों में कुछ शर्तें एक समान रखी गई हैं। संभव है कि इन शर्तों को दिल्ली में भी लागू किया जाए।
1. स्थानीय निवासी होनी चाहिए

मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार महिलाओं को 1250 रुपए की मासिक आर्थिक सहायता के लिए लाडली बहना योजना चला रही है। इस योजना में पात्रता की पहली शर्त है कि महिला मध्य प्रदेश की निवासी हो।

छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार महतारी वंदन योजना चला रही है। महिलाओं को मासिक 1000 रुपए दिए जाते हैं। छत्तीसगढ़ में भी इस योजना का लाभ राज्य की निवासी महिलाओं को ही मिलता है।

ओडिशा की भाजपा सरकार वहां सुभद्रा योजना चला रही है, जिसके तहत महिलाओं को सालाना 10 हजार रुपए दिए जाते हैं। 5 साल में पात्र महिलाओं को 50 हजार रुपए मिलेंगे। यहां भी यह शर्त रखी गई है कि योजना का लाभ उन महिलाओं को ही मिलेगा जो ओडिशा की स्थायी निवासी हैं।

दिल्ली में भी यही संभव- दिल्ली में भी यह शर्त लगभग तय है। दिल्ली की सरकार उन महिलाओं को ही इस योजना लाभ देगी जो दिल्ली की निवासी हैं या जो यहां की वोटर हैं।
2. न्यूनतम आयु-

मध्य प्रदेश की लाडली बहना योजना में न्यूनतम आयु 21 वर्ष है।
छत्तीसगढ़ की महतारी वंदन योजना में भी लाभार्थी की न्यूनतम आयु 21 वर्ष है।
ओडिशा की सुभद्रा योजना में पात्रता के लिए न्यूनतम आयु 21 वर्ष है।
भाजपा शासित राज्यों के ट्रेंड को देखते हुए संभव है कि दिल्ली में भी न्यूनतम आयु 21 वर्ष रखी जाए।
3. शादीशुदा को ही लाभ

मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ की योजनाओं में पात्रता की एक शर्त यह भी है कि शादीशुदा महिलाओं को ही इसका लाभ मिल सकता है। विधवा, तलाकशुदा और परित्यक्ता महिलाओं को भी इसमें सम्मलित किया गया है। संभव है कि दिल्ली में भी इस तरह की शर्त रखी जाए। हालांकि ओडिशा की सुभद्रा योजना की पात्रता नियमावली में हमें शादीशुदा वाली शर्त नहीं मिली। वहां कहा गया है कि यह योजना 21 वर्ष से अधिक और 60 वर्ष से कम उम्र की महिलाओं के लिए है।


नई दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार बनने के बाद दिल्ली की महिलाओं को 'महिला समृद्धि योजना' का इंतजार है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अधिकारियों को योजना के लिए नियम एवं शर्तें तय करने को कहा है। सीएम ने उन्हें दूसरे राज्यों में चल रहीं ऐसी स्कीमों का अध्ययन भी करने को कहा है। सरकार जल्द ही इस स्कीम को लॉन्च कर सकती है, जिसके तहत गरीब परिवारों की महिलाओं को मासिक 2500 रुपए की सहायता दी जाएगी।

भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में स्पष्ट किया था कि इस योजना का लाभ गरीब परिवारों की महिलाओं को दिया जाएगा। सरकार को जहां अभी गरीबी की यह 'रेखा' तय करनी है तो दूसरी तरफ अन्य शर्तों की भी घोषणा की है। हमने भाजपा शासित तीन राज्यों में महिलाओं के लिए चल रही ऐसी योजनाओं की नियमों और शर्तों को संकलित किया है। तीनों ही राज्यों में कुछ शर्तें एक समान रखी गई हैं। संभव है कि इन शर्तों को दिल्ली में भी लागू किया जाए।
1. स्थानीय निवासी होनी चाहिए

मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार महिलाओं को 1250 रुपए की मासिक आर्थिक सहायता के लिए लाडली बहना योजना चला रही है। इस योजना में पात्रता की पहली शर्त है कि महिला मध्य प्रदेश की निवासी हो।

छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार महतारी वंदन योजना चला रही है। महिलाओं को मासिक 1000 रुपए दिए जाते हैं। छत्तीसगढ़ में भी इस योजना का लाभ राज्य की निवासी महिलाओं को ही मिलता है।

ओडिशा की भाजपा सरकार वहां सुभद्रा योजना चला रही है, जिसके तहत महिलाओं को सालाना 10 हजार रुपए दिए जाते हैं। 5 साल में पात्र महिलाओं को 50 हजार रुपए मिलेंगे। यहां भी यह शर्त रखी गई है कि योजना का लाभ उन महिलाओं को ही मिलेगा जो ओडिशा की स्थायी निवासी हैं।

दिल्ली में भी यही संभव- दिल्ली में भी यह शर्त लगभग तय है। दिल्ली की सरकार उन महिलाओं को ही इस योजना लाभ देगी जो दिल्ली की निवासी हैं या जो यहां की वोटर हैं।
2. न्यूनतम आयु-

मध्य प्रदेश की लाडली बहना योजना में न्यूनतम आयु 21 वर्ष है।
छत्तीसगढ़ की महतारी वंदन योजना में भी लाभार्थी की न्यूनतम आयु 21 वर्ष है।
ओडिशा की सुभद्रा योजना में पात्रता के लिए न्यूनतम आयु 21 वर्ष है।
भाजपा शासित राज्यों के ट्रेंड को देखते हुए संभव है कि दिल्ली में भी न्यूनतम आयु 21 वर्ष रखी जाए।
3. शादीशुदा को ही लाभ

मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ की योजनाओं में पात्रता की एक शर्त यह भी है कि शादीशुदा महिलाओं को ही इसका लाभ मिल सकता है। विधवा, तलाकशुदा और परित्यक्ता महिलाओं को भी इसमें सम्मलित किया गया है। संभव है कि दिल्ली में भी इस तरह की शर्त रखी जाए। हालांकि ओडिशा की सुभद्रा योजना की पात्रता नियमावली में हमें शादीशुदा वाली शर्त नहीं मिली। वहां कहा गया है कि यह योजना 21 वर्ष से अधिक और 60 वर्ष से कम उम्र की महिलाओं के लिए है।


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