रायपुर। छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार द्वारा शुरू की गई ‘महतारी वंदन योजना’ राज्य की महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित हो रही है. इस योजना के तहत, 21 वर्ष से अधिक आयु की विवाहित महिलाओं को प्रतिमाह ₹1,000 की आर्थिक सहायता सीधे उनके बैंक खातों में प्रदान की जाती है, जिससे वे अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम हो रही हैं.
इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाना और उनके स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर में सुधार करना है. अब तक, इस योजना से राज्य की 70 लाख से अधिक महिलाएं लाभान्वित हो चुकी हैं, जिससे उनके आत्मविश्वास में वृद्धि हुई है और वे अपने परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार ला रही हैं.
विष्णुदेव साय की सरकार राज्य की 70 लाख महिलाओं को हर महीने करीब 700 करोड़ रुपये इस योजना के तहत सीधे उनके खातों में हस्तांतरित कर रही है. महतारी वंदन योजना के माध्यम से महिलाओं को प्राप्त होने वाली राशि का उपयोग विभिन्न तरीकों से किया जा रहा है. कुछ महिलाएं इस राशि का उपयोग अपने बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने में कर रही हैं, जबकि अन्य महिलाएं इस धनराशि को बचत योजनाओं या म्यूचुअल फंड में निवेश कर अपने भविष्य को सुरक्षित बना रही हैं.
इसके अलावा, कई महिलाएं इस आर्थिक सहायता का उपयोग स्वरोजगार के अवसरों में कर रही हैं. उदाहरण के लिए, बलौदाबाजार जिले के ग्राम बल्दाकछार की कमार जनजाति की महिलाएं इस राशि का उपयोग बांस शिल्प कला में कर रही हैं, जिससे उन्हें स्वरोजगार के माध्यम से आर्थिक सशक्तिकरण प्राप्त हो रहा है. महासमुंद जिले के सिरपुर की रहने वाली केंवरा कमार पहले परंपरागत बांस शिल्प कारीगरी पर निर्भर थीं. यह उनकी आजीविका का मुख्य साधन था, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण उनका व्यवसाय ठप पड़ गया था.
सीमित संसाधनों और बाजार में प्रतिस्पर्धा के कारण उनके लिए गुजारा करना मुश्किल हो रहा था. मगर महिला एवं बाल विकास विभाग से 1000 रुपये प्रतिमाह की सहायता राशि मिलने के बाद उनकी जिंदगी ने एक नया मोड़ लिया. इस आर्थिक सहयोग से उन्होंने बांस, रस्सी और अन्य आवश्यक सामग्री खरीदनी शुरू की, इससे उनका व्यवसाय फिर से अच्छा चल रहा है, और अब वे अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा देने में सक्षम हो रही हैं.
इसी तरह सिरपुर की ही रहने वाली भामिनी गोस्वामी इस योजना का लाभ उठाकर अपनी बेटी टांसी गोस्वामी के भविष्य को संवार रही हैं. हर माह मिलने वाली 1000 रुपये की सहायता राशि को वे सुकन्या समृद्धि योजना में जमा कर रही हैं. यह छोटी-सी बचत उनकी बेटी के लिए एक मजबूत आर्थिक संबल बन रही है, जो आगे चलकर उसकी उच्च शिक्षा और विवाह में सहायक सिद्ध होगी.
रायपुर। छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार द्वारा शुरू की गई ‘महतारी वंदन योजना’ राज्य की महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित हो रही है. इस योजना के तहत, 21 वर्ष से अधिक आयु की विवाहित महिलाओं को प्रतिमाह ₹1,000 की आर्थिक सहायता सीधे उनके बैंक खातों में प्रदान की जाती है, जिससे वे अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम हो रही हैं.
इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाना और उनके स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर में सुधार करना है. अब तक, इस योजना से राज्य की 70 लाख से अधिक महिलाएं लाभान्वित हो चुकी हैं, जिससे उनके आत्मविश्वास में वृद्धि हुई है और वे अपने परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार ला रही हैं.
विष्णुदेव साय की सरकार राज्य की 70 लाख महिलाओं को हर महीने करीब 700 करोड़ रुपये इस योजना के तहत सीधे उनके खातों में हस्तांतरित कर रही है. महतारी वंदन योजना के माध्यम से महिलाओं को प्राप्त होने वाली राशि का उपयोग विभिन्न तरीकों से किया जा रहा है. कुछ महिलाएं इस राशि का उपयोग अपने बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने में कर रही हैं, जबकि अन्य महिलाएं इस धनराशि को बचत योजनाओं या म्यूचुअल फंड में निवेश कर अपने भविष्य को सुरक्षित बना रही हैं.
इसके अलावा, कई महिलाएं इस आर्थिक सहायता का उपयोग स्वरोजगार के अवसरों में कर रही हैं. उदाहरण के लिए, बलौदाबाजार जिले के ग्राम बल्दाकछार की कमार जनजाति की महिलाएं इस राशि का उपयोग बांस शिल्प कला में कर रही हैं, जिससे उन्हें स्वरोजगार के माध्यम से आर्थिक सशक्तिकरण प्राप्त हो रहा है. महासमुंद जिले के सिरपुर की रहने वाली केंवरा कमार पहले परंपरागत बांस शिल्प कारीगरी पर निर्भर थीं. यह उनकी आजीविका का मुख्य साधन था, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण उनका व्यवसाय ठप पड़ गया था.
सीमित संसाधनों और बाजार में प्रतिस्पर्धा के कारण उनके लिए गुजारा करना मुश्किल हो रहा था. मगर महिला एवं बाल विकास विभाग से 1000 रुपये प्रतिमाह की सहायता राशि मिलने के बाद उनकी जिंदगी ने एक नया मोड़ लिया. इस आर्थिक सहयोग से उन्होंने बांस, रस्सी और अन्य आवश्यक सामग्री खरीदनी शुरू की, इससे उनका व्यवसाय फिर से अच्छा चल रहा है, और अब वे अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा देने में सक्षम हो रही हैं.
इसी तरह सिरपुर की ही रहने वाली भामिनी गोस्वामी इस योजना का लाभ उठाकर अपनी बेटी टांसी गोस्वामी के भविष्य को संवार रही हैं. हर माह मिलने वाली 1000 रुपये की सहायता राशि को वे सुकन्या समृद्धि योजना में जमा कर रही हैं. यह छोटी-सी बचत उनकी बेटी के लिए एक मजबूत आर्थिक संबल बन रही है, जो आगे चलकर उसकी उच्च शिक्षा और विवाह में सहायक सिद्ध होगी.