एक दर्जन से ज्यादा ठिकानों पर हुई ईडी की छापेमारी पर भूपेश बघेल का ताजातरीन बयान आया सामने :

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रायपुर: बीते कल यानी सोमवार को छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता भूपेश बघेल के करीब 12 ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने छापेमारी की। अब इस छापेमारी पर भूपेश बघेल का ताजातरीन बयान सामने आया है। जिसनें उन्होंने न केवल यह बताया है कि छापेमारी में ईडी को क्या मिला है, बल्कि उन्होंने कई सवाल भी उठाए हैं।

छापेमारी को लेकर छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि वो नोट गिनने की मशीन लेकर आए थे लेकिन सिर्फ 33 लाख रुपए मिले, जो बहुत बड़ी राशि नही है। यही बात भूपेश बघेल ने कल छापेमारी के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी कही थी। इस दौरान उन्हों यह भी कहा था कि वह इस रुपए का हिसाब देने के लिए तैयार हैं।

पूर्व सीएम ने आगे कहा कि कुल मिलाकर यह बात है कि मुझे बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुझे कोई समन जारी नही हुआ, लेकिन जो प्रक्रिया है, हम उसका पालन करेंगे। हम भाग नहीं रहे। जब-जब में प्रदेश से बाहर गया हूं तब-तब छापा पड़ा है। इस दौरान उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि 4 साल हो गए हैं और अभी तक वो जांच नहीं कर पाए। जांच कब पूरी होगी?

भूपेश बघेल ने बीते कल शाम करीब 7:45 बजे एक्स पर बताया कि ईडी की टीम उनके घर से निकल गई है। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि ईडी की टीम को उनके घर से तीन चीजें मिली हैं, जिसमें मंतूराम और डॉ. पुनीत गुप्ता (डॉ. रमन सिंह के दामाद) के बीच करोड़ों के लेन-देन की बातचीत की पेन ड्राइव और डॉ. रमन सिंह जी के बेटे अभिषेक सिंह की सेल कंपनी के कागजात शामिल हैं।

बघेल ने यह भी बताया कि उनके घर से 33 लाख रुपये नकद बरामद हुए हैं। उन्होंने कहा, ‘पूरे संयुक्त परिवार में खेती, डेयरी, स्त्रीधन, ‘कैश इन हैंड’ मिलाकर करीब 33 लाख रुपए हैं, जिसका हिसाब उन्हें दिया जाएगा।’ पूर्व सीएम ने कहा कि ईडी के अधिकारी कोई ईसीआईआर नंबर नहीं दे पाए हैं। दोपहर में ईडी के अधिकारियों ने पूर्व सीएम के घर कैश काउंटिंग मशीन भी मंगवाई। जांच एजेंसी की ओर से अभी तक बरामदगी का कोई ब्योरा नहीं दिया गया है।

छापेमारी खत्म होने के बाद भूपेश बघेल ने दिनभर आवास के बाहर हंगामा कर रहे समर्थकों से मुलाकात की। उन्होंने हाथ जोड़कर उनका समर्थन करने के लिए धन्यवाद दिया। बघेल ने कहा, ‘आप लोगों ने जिस तरह मेरा हौसला बढ़ाया। संकट की इस घड़ी में मजबूती से खड़े रहने के लिए मैं आपका हाथ जोड़कर धन्यवाद करता हूं।’

भुपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल के भिलाई (दुर्ग जिले) स्थित ठिकानों, चैतन्य बघेल के कथित करीबी लक्ष्मी नारायण बंसल उर्फ ​​पप्पू बंसल और कुछ अन्य के ठिकानों पर भी पीएमएलए एक्ट के तहत तलाशी ली गई। ईडी सूत्रों ने बताया कि चैतन्य बघेल अपने पिता के साथ भिलाई में रहते हैं, इसलिए उनके ठिकानों पर भी छापेमारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि संदेह है कि वह (चैतन्य बघेल) शराब घोटाले की आपराधिक आय के ‘प्राप्तकर्ता’ हैं।

ईडी ने पहले कहा था कि छत्तीसगढ़ शराब ‘घोटाले’ से राज्य के राजस्व को ‘भारी नुकसान’ हुआ और इस अपराध से प्राप्त 2,100 करोड़ रुपये से अधिक की राशि शराब सिंडिकेट के लाभार्थियों की जेब में चली गई। इस मामले में ईडी ने जनवरी में पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता कवासी लखमा के अलावा रायपुर के मेयर और कांग्रेस नेता एजाज ढेबर के बड़े भाई अनवर ढेबर, पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, भारतीय दूरसंचार सेवा (आईटीएस) अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी और कुछ अन्य को गिरफ्तार किया था।

ईडी के मुताबिक, कथित शराब घोटाला 2019 से 2022 के बीच हुआ था, जब छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार सत्ता में थी। इस जांच के तहत ईडी ने अब तक विभिन्न आरोपियों की करीब 205 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है। शीर्ष अदालत ने 2024 में इस मामले में ईडी की पहली ईसीआईआर (एफआईआर) खारिज कर दी थी, जो आयकर विभाग की शिकायत पर आधारित थी।


रायपुर: बीते कल यानी सोमवार को छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता भूपेश बघेल के करीब 12 ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने छापेमारी की। अब इस छापेमारी पर भूपेश बघेल का ताजातरीन बयान सामने आया है। जिसनें उन्होंने न केवल यह बताया है कि छापेमारी में ईडी को क्या मिला है, बल्कि उन्होंने कई सवाल भी उठाए हैं।

छापेमारी को लेकर छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि वो नोट गिनने की मशीन लेकर आए थे लेकिन सिर्फ 33 लाख रुपए मिले, जो बहुत बड़ी राशि नही है। यही बात भूपेश बघेल ने कल छापेमारी के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी कही थी। इस दौरान उन्हों यह भी कहा था कि वह इस रुपए का हिसाब देने के लिए तैयार हैं।

पूर्व सीएम ने आगे कहा कि कुल मिलाकर यह बात है कि मुझे बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुझे कोई समन जारी नही हुआ, लेकिन जो प्रक्रिया है, हम उसका पालन करेंगे। हम भाग नहीं रहे। जब-जब में प्रदेश से बाहर गया हूं तब-तब छापा पड़ा है। इस दौरान उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि 4 साल हो गए हैं और अभी तक वो जांच नहीं कर पाए। जांच कब पूरी होगी?

भूपेश बघेल ने बीते कल शाम करीब 7:45 बजे एक्स पर बताया कि ईडी की टीम उनके घर से निकल गई है। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि ईडी की टीम को उनके घर से तीन चीजें मिली हैं, जिसमें मंतूराम और डॉ. पुनीत गुप्ता (डॉ. रमन सिंह के दामाद) के बीच करोड़ों के लेन-देन की बातचीत की पेन ड्राइव और डॉ. रमन सिंह जी के बेटे अभिषेक सिंह की सेल कंपनी के कागजात शामिल हैं।

बघेल ने यह भी बताया कि उनके घर से 33 लाख रुपये नकद बरामद हुए हैं। उन्होंने कहा, ‘पूरे संयुक्त परिवार में खेती, डेयरी, स्त्रीधन, ‘कैश इन हैंड’ मिलाकर करीब 33 लाख रुपए हैं, जिसका हिसाब उन्हें दिया जाएगा।’ पूर्व सीएम ने कहा कि ईडी के अधिकारी कोई ईसीआईआर नंबर नहीं दे पाए हैं। दोपहर में ईडी के अधिकारियों ने पूर्व सीएम के घर कैश काउंटिंग मशीन भी मंगवाई। जांच एजेंसी की ओर से अभी तक बरामदगी का कोई ब्योरा नहीं दिया गया है।

छापेमारी खत्म होने के बाद भूपेश बघेल ने दिनभर आवास के बाहर हंगामा कर रहे समर्थकों से मुलाकात की। उन्होंने हाथ जोड़कर उनका समर्थन करने के लिए धन्यवाद दिया। बघेल ने कहा, ‘आप लोगों ने जिस तरह मेरा हौसला बढ़ाया। संकट की इस घड़ी में मजबूती से खड़े रहने के लिए मैं आपका हाथ जोड़कर धन्यवाद करता हूं।’

भुपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल के भिलाई (दुर्ग जिले) स्थित ठिकानों, चैतन्य बघेल के कथित करीबी लक्ष्मी नारायण बंसल उर्फ ​​पप्पू बंसल और कुछ अन्य के ठिकानों पर भी पीएमएलए एक्ट के तहत तलाशी ली गई। ईडी सूत्रों ने बताया कि चैतन्य बघेल अपने पिता के साथ भिलाई में रहते हैं, इसलिए उनके ठिकानों पर भी छापेमारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि संदेह है कि वह (चैतन्य बघेल) शराब घोटाले की आपराधिक आय के ‘प्राप्तकर्ता’ हैं।

ईडी ने पहले कहा था कि छत्तीसगढ़ शराब ‘घोटाले’ से राज्य के राजस्व को ‘भारी नुकसान’ हुआ और इस अपराध से प्राप्त 2,100 करोड़ रुपये से अधिक की राशि शराब सिंडिकेट के लाभार्थियों की जेब में चली गई। इस मामले में ईडी ने जनवरी में पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता कवासी लखमा के अलावा रायपुर के मेयर और कांग्रेस नेता एजाज ढेबर के बड़े भाई अनवर ढेबर, पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, भारतीय दूरसंचार सेवा (आईटीएस) अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी और कुछ अन्य को गिरफ्तार किया था।

ईडी के मुताबिक, कथित शराब घोटाला 2019 से 2022 के बीच हुआ था, जब छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार सत्ता में थी। इस जांच के तहत ईडी ने अब तक विभिन्न आरोपियों की करीब 205 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है। शीर्ष अदालत ने 2024 में इस मामले में ईडी की पहली ईसीआईआर (एफआईआर) खारिज कर दी थी, जो आयकर विभाग की शिकायत पर आधारित थी।


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