रायपुर . छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज एम ए छत्तीसगढ़ी छात्र संगठन के पदाधिकारीयों ने राज्य के दोनों उपमुख्यमंत्री से उनके कक्ष में जाकर मुलाकात किया ।एम ए छत्तीसगढ़ी छात्र संगठन के प्रदेश अध्यक्ष ऋतुराज साहू ने दोनों उपमुख्यमंत्रियों को छत्तीसगढ़ी भाषा के आवश्यक मुद्दों को लेकर मुलाकात किया ,साहू ने उपमुख्यमंत्रियों को अवगत कराया की छत्तीसगढ़ी भाषा जिसमें उनकी ही सरकार ने 2007 में राजभाषा का दर्जा दिया था ,उसमें स्कूली शिक्षा नई शिक्षा नीति का स्पष्ट पालन करते हुए प्राथमिक शिक्षा छत्तीसगढ़ी में लागू किया जाए। दूसरा है कि स्कूली शिक्षा विभाग पुरानी पद्धति के तहत द्विभाषा फॉर्मूला लागू करने जा रही है, इस पर तुरंत रोक लगाकर अलग विषय के रूप में छत्तीसगढ़ी भाषा का पाठ्यक्रम तुरंत तैयार कर जून 2025 सत्र से छत्तीसगढ़ी अनिवार्य रूप से पढ़ाया जाए, इसके साथ ही राज्य के रवि शंकर विश्वविद्यालय के साथ कई विश्वविद्यालय में एम ए छत्तीसगढ़ी का पाठ्यक्रम 2013 से संचालित है, तो इसमें राज्य पात्रता परीक्षा सेट परीक्षा आयोजित किया जाए साथ ही छत्तीसगढ़ी भाषा को अन्य राज के तर्ज पर सरकारी कार्यालय में अनिवार्य किया जाए ।
इसके अलावा विधानसभा में एम ए छत्तीसगढ़ी डिग्री धारी के लिए रोजगार की घोषणा हुई थी उसका शीघ्र क्रियान्वन किया जाए ।राज्य सरकार के माध्यम से छत्तीसगढ़ी जो की यहां की पहचान के साथ प्रदेश की राजभाषा व एकमात्र संपर्क भाषा है, उसे केंद्र से आठवीं अनुसूची में जोड़ने की पहल किया जाए, संगठन की सभी मांगों को दोनों उपमुख्यमंत्रियों ने ध्यान से सुना और मुख्यमंत्री से इस मुद्दे को लेकर बात करने की बात उनकी ओर से कही गई ।
भेंट करने वालों में संगठन महामंत्री विनय बघेल, खेमराज साहू ,हरिशंकर वर्मा, गजेंन्द्र साहू समेत अन्य शामिल रहे।
रायपुर . छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज एम ए छत्तीसगढ़ी छात्र संगठन के पदाधिकारीयों ने राज्य के दोनों उपमुख्यमंत्री से उनके कक्ष में जाकर मुलाकात किया ।एम ए छत्तीसगढ़ी छात्र संगठन के प्रदेश अध्यक्ष ऋतुराज साहू ने दोनों उपमुख्यमंत्रियों को छत्तीसगढ़ी भाषा के आवश्यक मुद्दों को लेकर मुलाकात किया ,साहू ने उपमुख्यमंत्रियों को अवगत कराया की छत्तीसगढ़ी भाषा जिसमें उनकी ही सरकार ने 2007 में राजभाषा का दर्जा दिया था ,उसमें स्कूली शिक्षा नई शिक्षा नीति का स्पष्ट पालन करते हुए प्राथमिक शिक्षा छत्तीसगढ़ी में लागू किया जाए। दूसरा है कि स्कूली शिक्षा विभाग पुरानी पद्धति के तहत द्विभाषा फॉर्मूला लागू करने जा रही है, इस पर तुरंत रोक लगाकर अलग विषय के रूप में छत्तीसगढ़ी भाषा का पाठ्यक्रम तुरंत तैयार कर जून 2025 सत्र से छत्तीसगढ़ी अनिवार्य रूप से पढ़ाया जाए, इसके साथ ही राज्य के रवि शंकर विश्वविद्यालय के साथ कई विश्वविद्यालय में एम ए छत्तीसगढ़ी का पाठ्यक्रम 2013 से संचालित है, तो इसमें राज्य पात्रता परीक्षा सेट परीक्षा आयोजित किया जाए साथ ही छत्तीसगढ़ी भाषा को अन्य राज के तर्ज पर सरकारी कार्यालय में अनिवार्य किया जाए ।
इसके अलावा विधानसभा में एम ए छत्तीसगढ़ी डिग्री धारी के लिए रोजगार की घोषणा हुई थी उसका शीघ्र क्रियान्वन किया जाए ।राज्य सरकार के माध्यम से छत्तीसगढ़ी जो की यहां की पहचान के साथ प्रदेश की राजभाषा व एकमात्र संपर्क भाषा है, उसे केंद्र से आठवीं अनुसूची में जोड़ने की पहल किया जाए, संगठन की सभी मांगों को दोनों उपमुख्यमंत्रियों ने ध्यान से सुना और मुख्यमंत्री से इस मुद्दे को लेकर बात करने की बात उनकी ओर से कही गई ।
भेंट करने वालों में संगठन महामंत्री विनय बघेल, खेमराज साहू ,हरिशंकर वर्मा, गजेंन्द्र साहू समेत अन्य शामिल रहे।