विधानसभा में पुलिस भर्ती गड़बड़ी पर हंगामा, CBI जांच की मांग:

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रायपुर । छत्तीसगढ़ विधानसभा में मंगलवार को पुलिस भर्ती घोटाले का मुद्दा गरमाया। प्रश्नकाल के दौरान विधायक द्वारिकाधीश यादव ने भर्ती में हुई गड़बड़ी को लेकर सवाल उठाया। इस पर डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा कि राजनांदगांव सहित दो स्थानों पर गड़बड़ी की शिकायतें मिली हैं, जबकि बाकी जगह कोई अनियमितता नहीं पाई गई। उन्होंने बताया कि राजनांदगांव में परीक्षा रद्द कर दी गई है और पांच सदस्यीय जांच समिति बनाई गई है, जो 95,000 वीडियो फुटेज की जांच कर रही है।

विधायक द्वारिकाधीश यादव ने आरोप लगाया कि बड़े पुलिस अफसर भर्ती घोटाले के लिए जिम्मेदार हैं और इसकी CBI जांच होनी चाहिए। डिप्टी सीएम ने जवाब में कहा, "जो दोषी होगा, वह जेल जाएगा।" उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस सरकार भर्ती नहीं करा सकी थी, जबकि वर्तमान सरकार ने इसे पूरा किया और गड़बड़ी मिलने पर तुरंत कार्रवाई की।


नक्सल प्रभावित जिलों को केंद्र से 557 करोड़ मिले, 998 करोड़ खर्च
विधानसभा में नक्सल प्रभावित जिलों के लिए केंद्र से मिली राशि और उसके खर्चे का मुद्दा भी उठा। विधायक अजय चंद्राकर ने सवाल किया कि 2019 से 2023 तक सुरक्षा संबंधी व्यय योजना के तहत कितनी राशि प्राप्त हुई और कहां खर्च हुई।


गृहमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि 15 नक्सल प्रभावित जिलों के लिए केंद्र से 557 करोड़ मिले, लेकिन कुल 998 करोड़ से ज्यादा खर्च हुआ। उन्होंने स्पष्ट किया कि पहले राज्य सरकार अपने बजट से राशि खर्च करती है, फिर उसे केंद्र से रीइंबर्स (पुनर्भुगतान) कराया जाता है।

कार्ययोजना और खर्च पर बहस
विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि सरकार ने 13 बिंदुओं पर कार्ययोजना भेजी, लेकिन खर्च 25 बिंदुओं में किया। इस पर डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा कि सभी खर्च राज्य सरकार के निर्धारित नियमों के तहत किए गए हैं और उन्हें केंद्र से क्लेम कराया जाएगा।

LWE (लेफ्ट विंग एक्सट्रीमिज्म) जिलों में हुए खर्च को लेकर भी सवाल उठे। चंद्राकर ने आरोप लगाया कि सरकार ने प्राप्त राशि से अधिक खर्च कर दिया। इस पर विजय शर्मा ने जवाब दिया कि पहले राज्य सरकार खर्च करती है, फिर केंद्र से राशि प्राप्त होती है।


विधानसभा में पुलिस भर्ती और नक्सल प्रभावित जिलों के बजट को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई।


रायपुर । छत्तीसगढ़ विधानसभा में मंगलवार को पुलिस भर्ती घोटाले का मुद्दा गरमाया। प्रश्नकाल के दौरान विधायक द्वारिकाधीश यादव ने भर्ती में हुई गड़बड़ी को लेकर सवाल उठाया। इस पर डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा कि राजनांदगांव सहित दो स्थानों पर गड़बड़ी की शिकायतें मिली हैं, जबकि बाकी जगह कोई अनियमितता नहीं पाई गई। उन्होंने बताया कि राजनांदगांव में परीक्षा रद्द कर दी गई है और पांच सदस्यीय जांच समिति बनाई गई है, जो 95,000 वीडियो फुटेज की जांच कर रही है।

विधायक द्वारिकाधीश यादव ने आरोप लगाया कि बड़े पुलिस अफसर भर्ती घोटाले के लिए जिम्मेदार हैं और इसकी CBI जांच होनी चाहिए। डिप्टी सीएम ने जवाब में कहा, "जो दोषी होगा, वह जेल जाएगा।" उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस सरकार भर्ती नहीं करा सकी थी, जबकि वर्तमान सरकार ने इसे पूरा किया और गड़बड़ी मिलने पर तुरंत कार्रवाई की।


नक्सल प्रभावित जिलों को केंद्र से 557 करोड़ मिले, 998 करोड़ खर्च
विधानसभा में नक्सल प्रभावित जिलों के लिए केंद्र से मिली राशि और उसके खर्चे का मुद्दा भी उठा। विधायक अजय चंद्राकर ने सवाल किया कि 2019 से 2023 तक सुरक्षा संबंधी व्यय योजना के तहत कितनी राशि प्राप्त हुई और कहां खर्च हुई।


गृहमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि 15 नक्सल प्रभावित जिलों के लिए केंद्र से 557 करोड़ मिले, लेकिन कुल 998 करोड़ से ज्यादा खर्च हुआ। उन्होंने स्पष्ट किया कि पहले राज्य सरकार अपने बजट से राशि खर्च करती है, फिर उसे केंद्र से रीइंबर्स (पुनर्भुगतान) कराया जाता है।

कार्ययोजना और खर्च पर बहस
विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि सरकार ने 13 बिंदुओं पर कार्ययोजना भेजी, लेकिन खर्च 25 बिंदुओं में किया। इस पर डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा कि सभी खर्च राज्य सरकार के निर्धारित नियमों के तहत किए गए हैं और उन्हें केंद्र से क्लेम कराया जाएगा।

LWE (लेफ्ट विंग एक्सट्रीमिज्म) जिलों में हुए खर्च को लेकर भी सवाल उठे। चंद्राकर ने आरोप लगाया कि सरकार ने प्राप्त राशि से अधिक खर्च कर दिया। इस पर विजय शर्मा ने जवाब दिया कि पहले राज्य सरकार खर्च करती है, फिर केंद्र से राशि प्राप्त होती है।


विधानसभा में पुलिस भर्ती और नक्सल प्रभावित जिलों के बजट को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई।


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