मातहत कर्मियों से भी कम वेतन पर काम कर रहे आयुर्वेद चिकित्सक: डॉ. दीवान:

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आयुष चिकित्सकों ने की सम्मान जनक वेतन और भत्ता की मांग

रायपुर  । आठ वर्ष से वेतन वृद्धि नहीं होने पर आयुष चिकित्सकों ने शासन से 80से-90 हजार प्रतिमाह वेतन की मांग को लेकर रायपुर, में 21 मार्च को   छत्तीसगढ़ आयुर्वेदिक अधिकारी संघ के प्रांताध्यक्ष डॉ. पतंजलि दीवान ने प्रेस क्लब रायपुर में आयोजित पत्रकारवार्ता में बताया कि छत्तीसगढ़ निर्माण के साथ ही राज्य के स्वास्थ्य को सुदृढ़ बनाने के लिए नक्सल प्रभावित व दूरस्थ अंचलों में जहाँ MBBS चिकित्सक जाने से इंकार करते थे, ऐसी जगहों में सरकार ने BAMS (आयुर्वेद चिकित्सकों) को नियुक्त करके स्वास्थ्य सेवाओं को सुचारु रूप से चलाया गया।

आयुर्वेद चिकित्सक दूरस्थ व पहुंचविहीन अंचलों में विगत 20 वर्षों से अनवरत अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इस दौरान कई चिकित्सकों की मृत्यु हो गई। कोरोना जैसी महामारी में भी कई आयुर्वेदिक चिकित्सक काल के गाल में समा गए। परन्तु उसके बाद भी आयुर्वेद चिकित्सकों को अनदेखा करते हुए सरकार द्वारा न तो सम्मानजनक मानदेय दिया गया, और न ही आजतक नियमित किया गया। बीजेपी की चुनावी घोषणा में आश्वासन दिया गया था, जिसके तारतम्य में कुछ दिन पहले उनके मानदेय में 10 हजार रुपए की वृद्धि की गई, जबकि आयुर्वेद के रेगुलर फार्मासिस्ट का वेतन 70 से 80 हजार रुपए है। ऐसी स्थिति में संविदा आयुर्वेद चिकित्सकों की मानसकि स्थिति खराब हो रही है।


आयुष चिकित्सकों की मांग है कि शहरीय क्षेत्रों में 80 हजार एवं ग्रामीण क्षेत्रों( अनुसूचित क्षेत्र,आदिवासी क्षेत्र) में कार्यरत आयुष चिकित्सकों को 90 हजार रुपये प्रति माह वेतन दिया जाय। दीवान ने कहा है कि आज सरकार चिकित्सको को सम्मान जनक वेतन नहीं दे रही है , हालात ये है कि उनके मातहत तृतीय वर्ग श्रेणी का वेतन चिकित्सको से अधिक है। फार्मासिस्ट को भी आज 70 से 80 हजार वेतन दिया जाता है और चिकित्सको (अधिकारियों) को, विगत दिनों 10 हजार की वृद्धि पश्चात 50 से 60हजार रुपए वेतन मिल रहा है जो कि शर्मनाक है।


डॉ दीवान ने कहा हैं कि चिकित्सको को सम्मान जनक वेतन, भत्ता देकर उनके कार्यों का सम्मान किया जाए। छत्तीसगढ़ में विशेषकर बस्तर में आयुष चिकित्सकों की हालत बहुत खराब है। अधिकतर केंद्रों में एक ही चिकित्सक है जो अस्पताल खोलता है और बंद करता है दवाईयों का वितरण दवाईयों की एंट्री ऑनलाइन कार्य एवं दीगर कार्य भी करता है। राज्य एवं केंद्र सरकार की सर्वश्रेष्ठ आयुष योजना स्वर्णप्रासन योजना का अधिकतर लोगों को लाभ मिल रहा है इसके बाद भी अधिकांश चिकित्सक लोगों को निरोग करते करते स्वयं बीपी शुगर एवं हार्ट की बीमारियों की शिकार हो गये हैं। डॉ. दीवान ने संघ की ओर से प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह एवं वित्तमंत्री ओपी चौधरी से आयुष चिकित्सकों की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए वेतन वृद्धि देने की मांग की है।


उन्होंने कहा कि संविदा नियुक्ति पर कार्यरत आयुष चिकित्सकों के सामने अधिक आयु होने के कारण परिवार को पालने के लिए आजीविका का और कोई साधन नहीं बचा है ऐसी स्थिति में आमजनों की सेवा करने वाले आयुष चिकित्सकों की भूमिका समाज के प्रति दोहरी जिम्मेदारी के साथ बढ़ गई है जिस पर छत्तीसगढ़ शासन के मुख्यमंत्री को ध्यान देने की मार्मिक अपील हैं ।



आयुष चिकित्सकों ने की सम्मान जनक वेतन और भत्ता की मांग

रायपुर  । आठ वर्ष से वेतन वृद्धि नहीं होने पर आयुष चिकित्सकों ने शासन से 80से-90 हजार प्रतिमाह वेतन की मांग को लेकर रायपुर, में 21 मार्च को   छत्तीसगढ़ आयुर्वेदिक अधिकारी संघ के प्रांताध्यक्ष डॉ. पतंजलि दीवान ने प्रेस क्लब रायपुर में आयोजित पत्रकारवार्ता में बताया कि छत्तीसगढ़ निर्माण के साथ ही राज्य के स्वास्थ्य को सुदृढ़ बनाने के लिए नक्सल प्रभावित व दूरस्थ अंचलों में जहाँ MBBS चिकित्सक जाने से इंकार करते थे, ऐसी जगहों में सरकार ने BAMS (आयुर्वेद चिकित्सकों) को नियुक्त करके स्वास्थ्य सेवाओं को सुचारु रूप से चलाया गया।

आयुर्वेद चिकित्सक दूरस्थ व पहुंचविहीन अंचलों में विगत 20 वर्षों से अनवरत अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इस दौरान कई चिकित्सकों की मृत्यु हो गई। कोरोना जैसी महामारी में भी कई आयुर्वेदिक चिकित्सक काल के गाल में समा गए। परन्तु उसके बाद भी आयुर्वेद चिकित्सकों को अनदेखा करते हुए सरकार द्वारा न तो सम्मानजनक मानदेय दिया गया, और न ही आजतक नियमित किया गया। बीजेपी की चुनावी घोषणा में आश्वासन दिया गया था, जिसके तारतम्य में कुछ दिन पहले उनके मानदेय में 10 हजार रुपए की वृद्धि की गई, जबकि आयुर्वेद के रेगुलर फार्मासिस्ट का वेतन 70 से 80 हजार रुपए है। ऐसी स्थिति में संविदा आयुर्वेद चिकित्सकों की मानसकि स्थिति खराब हो रही है।


आयुष चिकित्सकों की मांग है कि शहरीय क्षेत्रों में 80 हजार एवं ग्रामीण क्षेत्रों( अनुसूचित क्षेत्र,आदिवासी क्षेत्र) में कार्यरत आयुष चिकित्सकों को 90 हजार रुपये प्रति माह वेतन दिया जाय। दीवान ने कहा है कि आज सरकार चिकित्सको को सम्मान जनक वेतन नहीं दे रही है , हालात ये है कि उनके मातहत तृतीय वर्ग श्रेणी का वेतन चिकित्सको से अधिक है। फार्मासिस्ट को भी आज 70 से 80 हजार वेतन दिया जाता है और चिकित्सको (अधिकारियों) को, विगत दिनों 10 हजार की वृद्धि पश्चात 50 से 60हजार रुपए वेतन मिल रहा है जो कि शर्मनाक है।


डॉ दीवान ने कहा हैं कि चिकित्सको को सम्मान जनक वेतन, भत्ता देकर उनके कार्यों का सम्मान किया जाए। छत्तीसगढ़ में विशेषकर बस्तर में आयुष चिकित्सकों की हालत बहुत खराब है। अधिकतर केंद्रों में एक ही चिकित्सक है जो अस्पताल खोलता है और बंद करता है दवाईयों का वितरण दवाईयों की एंट्री ऑनलाइन कार्य एवं दीगर कार्य भी करता है। राज्य एवं केंद्र सरकार की सर्वश्रेष्ठ आयुष योजना स्वर्णप्रासन योजना का अधिकतर लोगों को लाभ मिल रहा है इसके बाद भी अधिकांश चिकित्सक लोगों को निरोग करते करते स्वयं बीपी शुगर एवं हार्ट की बीमारियों की शिकार हो गये हैं। डॉ. दीवान ने संघ की ओर से प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह एवं वित्तमंत्री ओपी चौधरी से आयुष चिकित्सकों की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए वेतन वृद्धि देने की मांग की है।


उन्होंने कहा कि संविदा नियुक्ति पर कार्यरत आयुष चिकित्सकों के सामने अधिक आयु होने के कारण परिवार को पालने के लिए आजीविका का और कोई साधन नहीं बचा है ऐसी स्थिति में आमजनों की सेवा करने वाले आयुष चिकित्सकों की भूमिका समाज के प्रति दोहरी जिम्मेदारी के साथ बढ़ गई है जिस पर छत्तीसगढ़ शासन के मुख्यमंत्री को ध्यान देने की मार्मिक अपील हैं ।


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