बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार डॉ मोहम्मद यूनुस चीन यात्रा पर:

post

बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार डॉ मोहम्मद यूनुस चीन यात्रा पर जाने वाले हैं. बांग्लादेश विदेश मंत्रालय मुख्य सलाहकार डॉ. मोहम्मद यूनुस की आगामी चीन यात्रा की तैयारी कर रहा है और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में इसके महत्व पर जोर दे रहा है. हसीना के तख्तापलट के बाद से अंतरिम सरकार का झुकाव चीन की तरफ रहा है, लेकिन भारत पर बांग्लादेश की निर्भरता ने उसे पूरी तरह चीन के साथ देने से रोका है.

इस यात्रा के साथ ही, अंतरिम सरकार प्रमुख वैश्विक शक्तियों, जिसमें भारत अहम है. के बीच संतुलित विदेश नीति बनाए रखने के प्रति सतर्क है और यह सुनिश्चित कर रही है कि बीजिंग के साथ बढ़ते संबंधों से दूसरों को गलत संकेत न मिले. देखना होगा क्या बांग्लादेश कंबल ओढ़कर दही पीने में कामयाब होगा. क्या बांग्लादेश भारत से रिश्ते बिगाड़े बिना चीन से अपने रिश्ते मजबूत कर लेगा.

ढाका ट्रिब्यून के मुताबिक विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, “चीन राजनीति, व्यापार और विकास सहयोग के मामले में बांग्लादेश के लिए महत्वपूर्ण है. साथ ही, चीन के साथ मजबूत संबंध बनाए रखना अन्य देशों के लिए एक संदेश भी है.”

एक अन्य अधिकारी ने इस बात पर जोर दिया कि बांग्लादेश क्षेत्रीय और वैश्विक भू राजनीति में चीन की स्थिति पर सावधानीपूर्वक विचार करता है और अन्य वैश्विक और क्षेत्रीय शक्तियों की संभावित प्रतिक्रियाओं का भी आकलन करता है. अधिकारी ने ये भी कहा कि बांग्लादेश के पास रणनीतिक संप्रभुता है और अपने फैसले करने का अधिकार है. हालांकि अन्य देशों के साथ बात करना और यह साफ करना भी उतना ही जरूरी है कि हम इस संदर्भ में चीन के साथ क्यों बातचीत कर रहे हैं.

भारत से निर्भरता कम करने की नीति का समर्थन करने वाले लोगों का कहना है कि हर देश अपनी विदेश नीति को राष्ट्रीय हितों के आधार पर बनाता है और इस संबंध में बांग्लादेश के पास स्वतंत्र निर्णय लेने की शक्ति है.


बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार डॉ मोहम्मद यूनुस चीन यात्रा पर जाने वाले हैं. बांग्लादेश विदेश मंत्रालय मुख्य सलाहकार डॉ. मोहम्मद यूनुस की आगामी चीन यात्रा की तैयारी कर रहा है और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में इसके महत्व पर जोर दे रहा है. हसीना के तख्तापलट के बाद से अंतरिम सरकार का झुकाव चीन की तरफ रहा है, लेकिन भारत पर बांग्लादेश की निर्भरता ने उसे पूरी तरह चीन के साथ देने से रोका है.

इस यात्रा के साथ ही, अंतरिम सरकार प्रमुख वैश्विक शक्तियों, जिसमें भारत अहम है. के बीच संतुलित विदेश नीति बनाए रखने के प्रति सतर्क है और यह सुनिश्चित कर रही है कि बीजिंग के साथ बढ़ते संबंधों से दूसरों को गलत संकेत न मिले. देखना होगा क्या बांग्लादेश कंबल ओढ़कर दही पीने में कामयाब होगा. क्या बांग्लादेश भारत से रिश्ते बिगाड़े बिना चीन से अपने रिश्ते मजबूत कर लेगा.

ढाका ट्रिब्यून के मुताबिक विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, “चीन राजनीति, व्यापार और विकास सहयोग के मामले में बांग्लादेश के लिए महत्वपूर्ण है. साथ ही, चीन के साथ मजबूत संबंध बनाए रखना अन्य देशों के लिए एक संदेश भी है.”

एक अन्य अधिकारी ने इस बात पर जोर दिया कि बांग्लादेश क्षेत्रीय और वैश्विक भू राजनीति में चीन की स्थिति पर सावधानीपूर्वक विचार करता है और अन्य वैश्विक और क्षेत्रीय शक्तियों की संभावित प्रतिक्रियाओं का भी आकलन करता है. अधिकारी ने ये भी कहा कि बांग्लादेश के पास रणनीतिक संप्रभुता है और अपने फैसले करने का अधिकार है. हालांकि अन्य देशों के साथ बात करना और यह साफ करना भी उतना ही जरूरी है कि हम इस संदर्भ में चीन के साथ क्यों बातचीत कर रहे हैं.

भारत से निर्भरता कम करने की नीति का समर्थन करने वाले लोगों का कहना है कि हर देश अपनी विदेश नीति को राष्ट्रीय हितों के आधार पर बनाता है और इस संबंध में बांग्लादेश के पास स्वतंत्र निर्णय लेने की शक्ति है.


...
...
...
...
...
...
...
...