पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से स्पेशल 26 फिल्म की तर्ज पर व्यापारी से लूट का मामला सामने आया है। यहां पांच CISF कर्मी फर्जी इनकम टैक्स ऑफिसर बनकर व्यापारी के घर पर पहुंचे। इसके बाद जांच का हवाला देकर व्यवसायी के घर से तीन लाख नकद और सोने के आभूषण लूटकर फरार हो गए। हालांकि शिकायत के बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए सभी पांचों आरोपिय़ों को गिरफ्तार कर लिया है। इनमें एक सीआईएसएफ इंस्पेक्टर, हेड कांस्टेबल और महिला कांस्टेबल शामिल हैं।
पुलिस के मुताबिक रात करीब 2 बजे कुछ लोग फर्जी आयकर अधिकारी बनकर चिनार पार्क इलाके में एक मृतक प्रमोटर के घर पहुंचे। उन्होंने दरवाजे की घंटी बजाई। जैसे ही दरवाजा खुला, वे घर में घुस गए और सबसे पहले परिवार के सभी सदस्यों के मोबाइल फोन छीन लिए। इसके बाद प्रमोटर की मां के कमरे में घुस गए और तलाशी और जब्ती के नाम पर उनके कमरे से कथित तौर पर 3 लाख रुपये नकद और भारी मात्रा में सोने के गहने लूट लिए। फर्जी आयकर अधिकारियों ने उनसे उनके द्वारा बनाए गए जब्ती सूची के कागजात पर हस्ताक्षर करवाए लेकिन उन्हें यह नहीं दिए गए। रहस्य से पर्दा तब उठा जब फर्जी आईटी टीम प्रमोटर की दूसरी पत्नी के कमरे में घुसी लेकिन वहां से बिना कुछ लिए भाग गई। मृतक कंस्ट्रक्शन व्यवसायी की बेटी विनीता सिंह को यह संदिग्ध लगा।
जांच के दौरान विधाननगर पुलिस ने घर और आसपास के इलाकों से कई सीसीटीवी फुटेज एकत्र किए। उन सीसीटीवी फुटेज की जांच करके पुलिस फर्जी अधिकारियों द्वारा इस्तेमाल की गई कार की पहचान करने में सफल रही और रजिस्ट्रेशन नंबर से कार का विवरण पता लगाया। इसके बाद पुलिस ने दीपक राणा नामक ड्राइवर को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया। ड्राइवर से पूछताछ के बाद रैकेट का भंडाफोड़ हुआ और पूरी साजिश का खुलासा हुआ। इसके बाद बागुइहाटी पुलिस स्टेशन ने एक-एक करके सीआईएसएफ के पांच जवानों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार आरोपियों में फरक्का बैराज में तैनात सीआईएसएफ इंस्पेक्टर अमित कुमार सिंह, आरजी कर अस्पताल में तैनात महिला कांस्टेबल लक्ष्मी कुमारी, कांस्टेबल बिमल थापा, हेड कांस्टेबल रामू सरोज और कांस्टेबल जनार्दन शाह शामिल है। साथ ही मृतक प्रमोटर की दूसरी पत्नी आरती सिंह और कार के ड्राइवर दीपक राणा और एक बिचौलिए को भी गिरफ्तार किया है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, शिकायतकर्ता बेटी विनीता सिंह और उसकी गिरफ्तार सौतेली मां आरती सिंह के बीच संपत्ति को लेकर विवाद के कारण पैसे लूटने की साजिश रची थी। गिरफ्तार बिचौलिया और गिरफ्तार सौतेली मां आरती सिंह पुलिस हिरासत में हैं और जांच अधिकारी उनसे पूछताछ कर रहे हैं जबकि बाकी सभी न्यायिक हिरासत में हैं।
पुलिस के मुताबिक आरती सिंह और विनीता सिंह के बीच संपत्ति को लेकर पारिवारिक विवाद था। लिहाजा आरती सिंह, जो विनीता सिंह की सौतेली मां हैं और उनकी एक रिश्तेदार हैं, ने CISF इंस्पेक्टर से संपर्क किया और डील की कि विनीता सिंह के घर पर छापेमारी में जो भी कैश मिलेगा, उसे 50-50 के आधार पर बांटा जाएगा। लिहाजा फर्जी आईडी पर छापेमारी की गई।
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से स्पेशल 26 फिल्म की तर्ज पर व्यापारी से लूट का मामला सामने आया है। यहां पांच CISF कर्मी फर्जी इनकम टैक्स ऑफिसर बनकर व्यापारी के घर पर पहुंचे। इसके बाद जांच का हवाला देकर व्यवसायी के घर से तीन लाख नकद और सोने के आभूषण लूटकर फरार हो गए। हालांकि शिकायत के बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए सभी पांचों आरोपिय़ों को गिरफ्तार कर लिया है। इनमें एक सीआईएसएफ इंस्पेक्टर, हेड कांस्टेबल और महिला कांस्टेबल शामिल हैं।
पुलिस के मुताबिक रात करीब 2 बजे कुछ लोग फर्जी आयकर अधिकारी बनकर चिनार पार्क इलाके में एक मृतक प्रमोटर के घर पहुंचे। उन्होंने दरवाजे की घंटी बजाई। जैसे ही दरवाजा खुला, वे घर में घुस गए और सबसे पहले परिवार के सभी सदस्यों के मोबाइल फोन छीन लिए। इसके बाद प्रमोटर की मां के कमरे में घुस गए और तलाशी और जब्ती के नाम पर उनके कमरे से कथित तौर पर 3 लाख रुपये नकद और भारी मात्रा में सोने के गहने लूट लिए। फर्जी आयकर अधिकारियों ने उनसे उनके द्वारा बनाए गए जब्ती सूची के कागजात पर हस्ताक्षर करवाए लेकिन उन्हें यह नहीं दिए गए। रहस्य से पर्दा तब उठा जब फर्जी आईटी टीम प्रमोटर की दूसरी पत्नी के कमरे में घुसी लेकिन वहां से बिना कुछ लिए भाग गई। मृतक कंस्ट्रक्शन व्यवसायी की बेटी विनीता सिंह को यह संदिग्ध लगा।
जांच के दौरान विधाननगर पुलिस ने घर और आसपास के इलाकों से कई सीसीटीवी फुटेज एकत्र किए। उन सीसीटीवी फुटेज की जांच करके पुलिस फर्जी अधिकारियों द्वारा इस्तेमाल की गई कार की पहचान करने में सफल रही और रजिस्ट्रेशन नंबर से कार का विवरण पता लगाया। इसके बाद पुलिस ने दीपक राणा नामक ड्राइवर को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया। ड्राइवर से पूछताछ के बाद रैकेट का भंडाफोड़ हुआ और पूरी साजिश का खुलासा हुआ। इसके बाद बागुइहाटी पुलिस स्टेशन ने एक-एक करके सीआईएसएफ के पांच जवानों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार आरोपियों में फरक्का बैराज में तैनात सीआईएसएफ इंस्पेक्टर अमित कुमार सिंह, आरजी कर अस्पताल में तैनात महिला कांस्टेबल लक्ष्मी कुमारी, कांस्टेबल बिमल थापा, हेड कांस्टेबल रामू सरोज और कांस्टेबल जनार्दन शाह शामिल है। साथ ही मृतक प्रमोटर की दूसरी पत्नी आरती सिंह और कार के ड्राइवर दीपक राणा और एक बिचौलिए को भी गिरफ्तार किया है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, शिकायतकर्ता बेटी विनीता सिंह और उसकी गिरफ्तार सौतेली मां आरती सिंह के बीच संपत्ति को लेकर विवाद के कारण पैसे लूटने की साजिश रची थी। गिरफ्तार बिचौलिया और गिरफ्तार सौतेली मां आरती सिंह पुलिस हिरासत में हैं और जांच अधिकारी उनसे पूछताछ कर रहे हैं जबकि बाकी सभी न्यायिक हिरासत में हैं।
पुलिस के मुताबिक आरती सिंह और विनीता सिंह के बीच संपत्ति को लेकर पारिवारिक विवाद था। लिहाजा आरती सिंह, जो विनीता सिंह की सौतेली मां हैं और उनकी एक रिश्तेदार हैं, ने CISF इंस्पेक्टर से संपर्क किया और डील की कि विनीता सिंह के घर पर छापेमारी में जो भी कैश मिलेगा, उसे 50-50 के आधार पर बांटा जाएगा। लिहाजा फर्जी आईडी पर छापेमारी की गई।