रायपुर। दिल्ली में राहुल गांधी ने एक बदलाव के तहत कांग्रेस के जिलाध्यक्षों को सीधे संवाद के लिए तलब किया था और मंच से ही उन्हे हकीकत कहने का मौका दिया,छत्तीसगढ़ समेत कई प्रदेशों के जिलाध्यक्ष शामिल रहे। जब रायगढ़ के जिलाध्यक्ष अनिल शुक्ला को बोलने का मौका मिला तो उन्होने दो टूक कहा कि सत्ता मिलने पर संगठन को दरकिनार कर दिया जाता है। नेताओं की भक्ति में टीम लग जाती है और जिलाध्यक्ष पद में रहकर भी पावरलेस हो जाते हैं। गुटबाजी पर कहा छत्तीसगढ़ का चुनाव संगठन ने लड़ा तो जीते, लेकिन जनप्रतिनिधियों ने लड़ा तो हम हार गए।पार्टी और पार्टी एक्शन से बड़ा अब नेता,उनके गुट और उनके स्वागत के इंतजाम हो गए हैं, इसीलिए सत्ता में रहकर भी हार जाते हैं। तब मंच पर राहुल-खरग़े,के.वेणुगोपाल,छग प्रभारी सचिन पायलट, पूर्व सीएम भूपेश बघेल बैठे थे। शुक्ला की बात सुनकर बड़े नेता सन्न रह गए। किसी ने कुछ कहा तो नहीं लेकिन मनन के लिए एक बड़ा सवाल शुक्ला छोड़ गए। वहीं अन्य मौजूदा जिलाध्यक्षों ने उन्हे अपनी बात बेबाकी से कहने के लिए शाबासी दी। जैसे ही सोशल मीडिया पर यह वीडियो वायरल हुआ,छत्तीसगढ़ में हलचल मची हुई है।
रायपुर। दिल्ली में राहुल गांधी ने एक बदलाव के तहत कांग्रेस के जिलाध्यक्षों को सीधे संवाद के लिए तलब किया था और मंच से ही उन्हे हकीकत कहने का मौका दिया,छत्तीसगढ़ समेत कई प्रदेशों के जिलाध्यक्ष शामिल रहे। जब रायगढ़ के जिलाध्यक्ष अनिल शुक्ला को बोलने का मौका मिला तो उन्होने दो टूक कहा कि सत्ता मिलने पर संगठन को दरकिनार कर दिया जाता है। नेताओं की भक्ति में टीम लग जाती है और जिलाध्यक्ष पद में रहकर भी पावरलेस हो जाते हैं। गुटबाजी पर कहा छत्तीसगढ़ का चुनाव संगठन ने लड़ा तो जीते, लेकिन जनप्रतिनिधियों ने लड़ा तो हम हार गए।पार्टी और पार्टी एक्शन से बड़ा अब नेता,उनके गुट और उनके स्वागत के इंतजाम हो गए हैं, इसीलिए सत्ता में रहकर भी हार जाते हैं। तब मंच पर राहुल-खरग़े,के.वेणुगोपाल,छग प्रभारी सचिन पायलट, पूर्व सीएम भूपेश बघेल बैठे थे। शुक्ला की बात सुनकर बड़े नेता सन्न रह गए। किसी ने कुछ कहा तो नहीं लेकिन मनन के लिए एक बड़ा सवाल शुक्ला छोड़ गए। वहीं अन्य मौजूदा जिलाध्यक्षों ने उन्हे अपनी बात बेबाकी से कहने के लिए शाबासी दी। जैसे ही सोशल मीडिया पर यह वीडियो वायरल हुआ,छत्तीसगढ़ में हलचल मची हुई है।