जम्मू-कश्मीर के पहलगाम अटैक के संदिग्ध आतंकियों के स्केच सुरक्षा और इंटेलीजेंस एजेंसियों ने जारी कर दिया है। इनके नाम आसिफ फौजी, सुलेमान शाह और अबु तल्हा बताए गए हैं। खबर आई है कि हमले में दो पाकिस्तानी आतंकी भी शामिल थे। इसके अलावा, दो स्थानीय आतंकी भी हमले में शामिल पाए गए हैं। एजेंसियों ने पहली बड़ी कार्रवाई करते हुए दक्षिण कश्मीर से 250 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया है। इन लोगों से आतंकियों के मदद को लेकर पूछताछ की जाएगी। जांच में पता चला है कि पाकिस्तानी आतंकियों की मदद लोकल आतंकी और आम नागरिक भी कर रहे थे। जानकारी मिली है कि हमलावरों ने एक से सात अप्रैल तक इस इलाके की रेकी की। सुरक्षाबलों को घटनास्थल से कुछ दूर बिना नंबर की एक मोटरसाइकिल मिली है। माना जा रहा है कि आतंकियों ने इसका इस्तेमाल किया हो सकता है।
इंटेलिजेंस बोली- लश्कर का सैफुल्लाह मास्टरमाइंड
इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के विंग द रजिस्टेंस फ्रंट यानी TRF ने ली है। इंटेलिजेंस सूत्रों ने इस हमले का मास्टर माइंड लश्कर-ए तैयबा का डिप्टी चीफ सैफुल्लाह खालिद को बताया है। यह पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) से ऑपरेट करता है। इसकी लोकेशन रावलकोट बताई गई है। सैफुल्लाह ने एक महीने पहले हमले की चेतावनी भी दी थी। इसका 2019 का एक वीडियो भी वायरल हुआ था। इस वीडियो में सैफुल्लाह ने कहा था कि कश्मीर का मसला ठंडा नहीं होने देना है।
पहलगाम पहुंची NIA की टीम
एनआईए की टीम पहलगाम पहुंच गई है। घटनास्थल पर पहुंचकर जांच कर रही है। साथ ही साक्ष्य को जमा कर रही है।
सीसीएस की बैठक में होगा बड़ा फैसला
इधर आतंकी हमले के बाद सरकार एक्शन मोड में है। पीएम मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह लगातार बैठक कर रहे हैं। सरकार ने तीनों सेनाओं को अलर्ट मोड पर रहने का आदेश दिया है। आज शाम 6 बजे प्रधानमंत्री मोदी बड़ी बैठक करेंगे। बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह, एनएसए अजित डोभाल, सीडीएस अनिल चौहान समेत तीनों सेनाओं के अध्यक्ष मौजूद रहेंगे।कयास लगाए जा रहे हैं कि भारत सरकार कोई बड़ा कदम उठाने जा रही है।सीसीएस की बैठक में संभवतः आतंकियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई और सर्च ऑपरेशन या लक्षित हिट, पर फैसला लिया जा सकता है। यदि जांच में सीमा पार आतंकवाद का स्पष्ट सबूत मिलता है, तो सर्जिकल स्ट्राइक या ड्रोन हमले जैसे कदम उठाए जा सकते हैं। सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि भारत सरकार अंतरराष्ट्रीय समुदाय को विश्वास में लेकर आतंकियों के खिलाफ बड़ा एक्शन ले सकती है।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम अटैक के संदिग्ध आतंकियों के स्केच सुरक्षा और इंटेलीजेंस एजेंसियों ने जारी कर दिया है। इनके नाम आसिफ फौजी, सुलेमान शाह और अबु तल्हा बताए गए हैं। खबर आई है कि हमले में दो पाकिस्तानी आतंकी भी शामिल थे। इसके अलावा, दो स्थानीय आतंकी भी हमले में शामिल पाए गए हैं। एजेंसियों ने पहली बड़ी कार्रवाई करते हुए दक्षिण कश्मीर से 250 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया है। इन लोगों से आतंकियों के मदद को लेकर पूछताछ की जाएगी। जांच में पता चला है कि पाकिस्तानी आतंकियों की मदद लोकल आतंकी और आम नागरिक भी कर रहे थे। जानकारी मिली है कि हमलावरों ने एक से सात अप्रैल तक इस इलाके की रेकी की। सुरक्षाबलों को घटनास्थल से कुछ दूर बिना नंबर की एक मोटरसाइकिल मिली है। माना जा रहा है कि आतंकियों ने इसका इस्तेमाल किया हो सकता है।
इंटेलिजेंस बोली- लश्कर का सैफुल्लाह मास्टरमाइंड
इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के विंग द रजिस्टेंस फ्रंट यानी TRF ने ली है। इंटेलिजेंस सूत्रों ने इस हमले का मास्टर माइंड लश्कर-ए तैयबा का डिप्टी चीफ सैफुल्लाह खालिद को बताया है। यह पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) से ऑपरेट करता है। इसकी लोकेशन रावलकोट बताई गई है। सैफुल्लाह ने एक महीने पहले हमले की चेतावनी भी दी थी। इसका 2019 का एक वीडियो भी वायरल हुआ था। इस वीडियो में सैफुल्लाह ने कहा था कि कश्मीर का मसला ठंडा नहीं होने देना है।
पहलगाम पहुंची NIA की टीम
एनआईए की टीम पहलगाम पहुंच गई है। घटनास्थल पर पहुंचकर जांच कर रही है। साथ ही साक्ष्य को जमा कर रही है।
सीसीएस की बैठक में होगा बड़ा फैसला
इधर आतंकी हमले के बाद सरकार एक्शन मोड में है। पीएम मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह लगातार बैठक कर रहे हैं। सरकार ने तीनों सेनाओं को अलर्ट मोड पर रहने का आदेश दिया है। आज शाम 6 बजे प्रधानमंत्री मोदी बड़ी बैठक करेंगे। बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह, एनएसए अजित डोभाल, सीडीएस अनिल चौहान समेत तीनों सेनाओं के अध्यक्ष मौजूद रहेंगे।कयास लगाए जा रहे हैं कि भारत सरकार कोई बड़ा कदम उठाने जा रही है।सीसीएस की बैठक में संभवतः आतंकियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई और सर्च ऑपरेशन या लक्षित हिट, पर फैसला लिया जा सकता है। यदि जांच में सीमा पार आतंकवाद का स्पष्ट सबूत मिलता है, तो सर्जिकल स्ट्राइक या ड्रोन हमले जैसे कदम उठाए जा सकते हैं। सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि भारत सरकार अंतरराष्ट्रीय समुदाय को विश्वास में लेकर आतंकियों के खिलाफ बड़ा एक्शन ले सकती है।