डॉक्टर–वकील की मिलीभगत से सांप काटने की झूठी कहानी रची गई, SSP राजनेश सिंह की निगरानी में फर्जी मुआवज़ा घोटाला बेनकाब:

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- SSP राजनेश सिंह (भा.पु.से.) के निर्देशन में दोबारा जांच से हुआ 3 लाख के फर्जी मुआवज़ा षड्यंत्र का खुलासा

- शराब और ज़हर से हुई थी मौत, परिजन वकील के कहने पर बोले—‘सांप ने काटा’

- डॉक्टर ने जानबूझकर झूठी पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार की, शासन को आर्थिक नुकसान पहुंचाने की साजिश

- IPC की धाराओं 420, 511, 120B में वकील, डॉक्टर व मृतक के परिवार पर केस दर्ज


बिलासपुर, बिलासपुर जिले के बिल्हा थाना क्षेत्र में एक सनसनीखेज खुलासा हुआ है, जिसमें एक अधिवक्ता और फॉरेंसिक डॉक्टर की मिलीभगत से मृतक की शराब और ज़हर से हुई मृत्यु को सांप काटने की घटना बताकर शासन से ₹3 लाख मुआवज़ा लेने की साजिश रची गई थी। SSP राजनेश सिंह (भा.पु.से.) के नेतृत्व में की गई गहन जांच से यह जालसाज़ी उजागर हुई।

FIR क्रमांक 194/2025 के अनुसार, IPC की धारा 420, 511, 120(बी) में पांच आरोपियों को नामजद किया गया है—
    1.    कामता प्रसाद साहू, अधिवक्ता (मुख्य साजिशकर्ता)
    2.    डॉ. प्रियंका सोनी, फॉरेंसिक मेडिसिन विशेषज्ञ, सिम्स
    3.    परागदास घृतलहरे, मृतक का पिता
    4.    हेमंत घृतलहरे, मृतक का भाई
    5.    नीता घृतलहरे, मृतक की पत्नी

12 नवम्बर 2023 को शिवकुमार घृतलहरे को तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां दो दिन बाद उसकी मौत हो गई। परिजनों ने कहा कि उसे सांप ने काटा था। डॉक्टर ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी यही लिखा।

परंतु SSP राजनेश सिंह के आदेश पर जब मामले की जांच गहराई से की गई, तो मेडिकल रिपोर्ट और अस्पताल के दस्तावेज़ों से सामने आया कि मृतक को शराब व अज्ञात ज़हर के सेवन के कारण भर्ती किया गया था और उसकी मौत उसी से हुई थी।

पुलिस पूछताछ में परिजनों ने माना कि वकील कामता साहू ने उन्हें कहा था कि यदि वे सांप काटने का हवाला देंगे तो शासन से ₹3 लाख मुआवज़ा मिलेगा। डॉक्टर ने जानबूझकर झूठी रिपोर्ट बनाकर इस साजिश में साथ दिया।

SSP राजनेश सिंह की सतत निगरानी में पुलिस ने इस आर्थिक अपराध का पर्दाफाश कर दिया है, जिससे शासन को होने वाली क्षति रोकी गई और आरोपियों के विरुद्ध कानूनी प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है।


- SSP राजनेश सिंह (भा.पु.से.) के निर्देशन में दोबारा जांच से हुआ 3 लाख के फर्जी मुआवज़ा षड्यंत्र का खुलासा

- शराब और ज़हर से हुई थी मौत, परिजन वकील के कहने पर बोले—‘सांप ने काटा’

- डॉक्टर ने जानबूझकर झूठी पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार की, शासन को आर्थिक नुकसान पहुंचाने की साजिश

- IPC की धाराओं 420, 511, 120B में वकील, डॉक्टर व मृतक के परिवार पर केस दर्ज


बिलासपुर, बिलासपुर जिले के बिल्हा थाना क्षेत्र में एक सनसनीखेज खुलासा हुआ है, जिसमें एक अधिवक्ता और फॉरेंसिक डॉक्टर की मिलीभगत से मृतक की शराब और ज़हर से हुई मृत्यु को सांप काटने की घटना बताकर शासन से ₹3 लाख मुआवज़ा लेने की साजिश रची गई थी। SSP राजनेश सिंह (भा.पु.से.) के नेतृत्व में की गई गहन जांच से यह जालसाज़ी उजागर हुई।

FIR क्रमांक 194/2025 के अनुसार, IPC की धारा 420, 511, 120(बी) में पांच आरोपियों को नामजद किया गया है—
    1.    कामता प्रसाद साहू, अधिवक्ता (मुख्य साजिशकर्ता)
    2.    डॉ. प्रियंका सोनी, फॉरेंसिक मेडिसिन विशेषज्ञ, सिम्स
    3.    परागदास घृतलहरे, मृतक का पिता
    4.    हेमंत घृतलहरे, मृतक का भाई
    5.    नीता घृतलहरे, मृतक की पत्नी

12 नवम्बर 2023 को शिवकुमार घृतलहरे को तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां दो दिन बाद उसकी मौत हो गई। परिजनों ने कहा कि उसे सांप ने काटा था। डॉक्टर ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी यही लिखा।

परंतु SSP राजनेश सिंह के आदेश पर जब मामले की जांच गहराई से की गई, तो मेडिकल रिपोर्ट और अस्पताल के दस्तावेज़ों से सामने आया कि मृतक को शराब व अज्ञात ज़हर के सेवन के कारण भर्ती किया गया था और उसकी मौत उसी से हुई थी।

पुलिस पूछताछ में परिजनों ने माना कि वकील कामता साहू ने उन्हें कहा था कि यदि वे सांप काटने का हवाला देंगे तो शासन से ₹3 लाख मुआवज़ा मिलेगा। डॉक्टर ने जानबूझकर झूठी रिपोर्ट बनाकर इस साजिश में साथ दिया।

SSP राजनेश सिंह की सतत निगरानी में पुलिस ने इस आर्थिक अपराध का पर्दाफाश कर दिया है, जिससे शासन को होने वाली क्षति रोकी गई और आरोपियों के विरुद्ध कानूनी प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है।


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