रायपुर। आदिवासियों के विकास के लिए देशभर से जनजातीय
संस्कृति संगम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम
का शुभारंभ किया। बघेल ने जुटे जनजाति साहित्य पर लिखने वाले विद्वानों,
साहित्यकारों व आदिवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि पहले लोग नक्सली डर
से छत्तीसगढ़ आने से डरते थे लेकिन यह डर अब खत्म हो गया है। मुख्यमंत्री
भूपेश बघेल ने कहाए विलुप्त हो रही संस्कृति, भाषा, लोक नृत्य को बचाना
हमारा उद्देश्य है। कहा, आदिवासी को मुख्य धारा में लाने में यह महोत्सव
सेतु का कार्य करेगा और आदिवासियों को जंगल, जमीन, शिक्षा का अधिकार
दिलाएंगे। इसके अलावा रोजगार, स्वास्थ्य में फोकस करना है। भाषा, संस्कृति
को सहेजने की जरूरत है।
10 राज्यों के जनजाति विषयों पर लिखने वाले एक्सपर्ट प्रस्तुत करेंगे शोध
10
राज्यों के विद्वानों का संगम में जनजातियाें के विकास पर शोध पत्र
प्रस्तुत किया जाएगा। छत्तीसगढ़ में जनजातियों के समग्र विकास के लिए प्रदेश
सरकार ने जनजातीय साहित्य महोत्सव आयोजित किया है। तीन दिवसीय इस महोत्सव
में छत्तीसगढ़ समेत झारखंड, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, मेघालय,
आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, मध्यप्रदेश, अरुणांचल प्रदेश और कर्नाटक से विद्वान
एवं प्रतिष्ठित साहित्यकार जानकारी देंगे।
रायपुर। आदिवासियों के विकास के लिए देशभर से जनजातीय
संस्कृति संगम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम
का शुभारंभ किया। बघेल ने जुटे जनजाति साहित्य पर लिखने वाले विद्वानों,
साहित्यकारों व आदिवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि पहले लोग नक्सली डर
से छत्तीसगढ़ आने से डरते थे लेकिन यह डर अब खत्म हो गया है। मुख्यमंत्री
भूपेश बघेल ने कहाए विलुप्त हो रही संस्कृति, भाषा, लोक नृत्य को बचाना
हमारा उद्देश्य है। कहा, आदिवासी को मुख्य धारा में लाने में यह महोत्सव
सेतु का कार्य करेगा और आदिवासियों को जंगल, जमीन, शिक्षा का अधिकार
दिलाएंगे। इसके अलावा रोजगार, स्वास्थ्य में फोकस करना है। भाषा, संस्कृति
को सहेजने की जरूरत है।
10 राज्यों के जनजाति विषयों पर लिखने वाले एक्सपर्ट प्रस्तुत करेंगे शोध
10
राज्यों के विद्वानों का संगम में जनजातियाें के विकास पर शोध पत्र
प्रस्तुत किया जाएगा। छत्तीसगढ़ में जनजातियों के समग्र विकास के लिए प्रदेश
सरकार ने जनजातीय साहित्य महोत्सव आयोजित किया है। तीन दिवसीय इस महोत्सव
में छत्तीसगढ़ समेत झारखंड, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, मेघालय,
आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, मध्यप्रदेश, अरुणांचल प्रदेश और कर्नाटक से विद्वान
एवं प्रतिष्ठित साहित्यकार जानकारी देंगे।