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गर्मी में बनाएं इन 4 आटे की रोटियां, शरीर को मिलेगी ठंडक:

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नई दिल्ली। गर्मियों का मौसम चल रहा है। ऐसे में लोग ठंडी तासीर वाले खाद्य
पदार्थों पर ध्यान दे रहें है। ऐसे में देश में के हिस्सों में गर्मीयों
का तापमान तेजी से बड़ गया है। कई जगहों पर मौसम विभाग ने गर्म हवाएं और लू
चलने का अलर्ट जारी किया। खानें में रोटी की अलग जगह है। ऐसे में कई
अनाजों की रोटी बनाई जा सकती है। गर्मीयों में आप भी ठंडी तासीर के फूड्स
को महत्व दे रहें है, तो ठंडी तासीर वाले आटा की रोटी बना सकतें है। चलिए
जानते हैं गर्मियों में कौन-कौन से आटे की बनी रोटियां खानी चाहिए।

 चने का आटा –चने के आटे की तासीर ठंडी होती है, इसलिए
यह गर्मी के मौसम के अनुकूल होती है। चने के आटे में प्रोटीन अधिक होता
है। 1 कप चने के आटे में करीब 20 ग्राम प्रोटीन होता है। चने का आटा
मांसपेशियों का निर्माण करने, वजन को कंट्रोल रखने में भी सहायक होता है।
गर्मियों में चने के आटे से बनी रोटियां भी खाई जा सकती हैं।

 गेहूं का आटा- वैसे
तो अधिकतर लोग गेहूं से बनी रोटियां ही खाते हैं। वही गर्मी के मौसम में
आप दोबारा से गेहूं की रोटियों को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। गेहूं
की तासीर ठंडी होती है, इसलिए गर्मियों में इसका सेवन किया जा सकता है।

गेहूं
का आटा पोषक तत्वों से भरपूर होता है। चोकर वाला गेहूं खाने से पाचन
क्रिया में सुधार होता है। गेहूं के गुण रक्त को भी साफ करते हैं। गेहूं
में फाइबर अधिक होता है, जो वटन घटाने में कारगर होता है।

 जौ का आटा- गर्मियों में जौ को इसलिए फायदेमंद माना
जाता है, क्योंकि इसकी तासीर ठंडी होती है। साथ ही जौ पोषक तत्वों से भी
भरपूर होता है। जौ के आटे से बनी रोटियां खाने से पेट से संबंधित समस्याएं
दूर होती हैं। गर्मियों में अधिकतर लोग पेट को ठंडा रखने के लिए जौ का पानी
पीते हैं। जौ जौ ठंडा होता है, इसलिए यह गर्मी से होने वाले कील मुहांसों
से भी बचाता है। डायबिटीज रोगियों के लिए भी जौ की रोटियां लाभकारी होती
है।

  ज्वार का आटा- ज्वार की तासीर ठंडी होती है,
इसलिए पित्त प्रकृति के लोग भी इसकी रोटियां खा सकते हैं। वात के लोगों को
इसका सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए। ज्वार में पोषक तत्व होते हैं।
ज्वार प्रोटीन, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स और मिनरल्स से भरपूर होता है। 

इसके अलावा ज्वार में पोटैशियम, फॉस्फोरस, कैल्शियम और आयरन भी होता है।
ज्वार में कैलोरी कम होती है, पोषण अधिक होता है। इससे वजन घटाने में मदद
मिलती है। ज्वार के आटे की रोटियां खाने से थकान दूर होती है, शरीर को बल
मिलता है।


नई दिल्ली। गर्मियों का मौसम चल रहा है। ऐसे में लोग ठंडी तासीर वाले खाद्य
पदार्थों पर ध्यान दे रहें है। ऐसे में देश में के हिस्सों में गर्मीयों
का तापमान तेजी से बड़ गया है। कई जगहों पर मौसम विभाग ने गर्म हवाएं और लू
चलने का अलर्ट जारी किया। खानें में रोटी की अलग जगह है। ऐसे में कई
अनाजों की रोटी बनाई जा सकती है। गर्मीयों में आप भी ठंडी तासीर के फूड्स
को महत्व दे रहें है, तो ठंडी तासीर वाले आटा की रोटी बना सकतें है। चलिए
जानते हैं गर्मियों में कौन-कौन से आटे की बनी रोटियां खानी चाहिए।

 चने का आटा –चने के आटे की तासीर ठंडी होती है, इसलिए
यह गर्मी के मौसम के अनुकूल होती है। चने के आटे में प्रोटीन अधिक होता
है। 1 कप चने के आटे में करीब 20 ग्राम प्रोटीन होता है। चने का आटा
मांसपेशियों का निर्माण करने, वजन को कंट्रोल रखने में भी सहायक होता है।
गर्मियों में चने के आटे से बनी रोटियां भी खाई जा सकती हैं।

 गेहूं का आटा- वैसे
तो अधिकतर लोग गेहूं से बनी रोटियां ही खाते हैं। वही गर्मी के मौसम में
आप दोबारा से गेहूं की रोटियों को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। गेहूं
की तासीर ठंडी होती है, इसलिए गर्मियों में इसका सेवन किया जा सकता है।

गेहूं
का आटा पोषक तत्वों से भरपूर होता है। चोकर वाला गेहूं खाने से पाचन
क्रिया में सुधार होता है। गेहूं के गुण रक्त को भी साफ करते हैं। गेहूं
में फाइबर अधिक होता है, जो वटन घटाने में कारगर होता है।

 जौ का आटा- गर्मियों में जौ को इसलिए फायदेमंद माना
जाता है, क्योंकि इसकी तासीर ठंडी होती है। साथ ही जौ पोषक तत्वों से भी
भरपूर होता है। जौ के आटे से बनी रोटियां खाने से पेट से संबंधित समस्याएं
दूर होती हैं। गर्मियों में अधिकतर लोग पेट को ठंडा रखने के लिए जौ का पानी
पीते हैं। जौ जौ ठंडा होता है, इसलिए यह गर्मी से होने वाले कील मुहांसों
से भी बचाता है। डायबिटीज रोगियों के लिए भी जौ की रोटियां लाभकारी होती
है।

  ज्वार का आटा- ज्वार की तासीर ठंडी होती है,
इसलिए पित्त प्रकृति के लोग भी इसकी रोटियां खा सकते हैं। वात के लोगों को
इसका सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए। ज्वार में पोषक तत्व होते हैं।
ज्वार प्रोटीन, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स और मिनरल्स से भरपूर होता है। 

इसके अलावा ज्वार में पोटैशियम, फॉस्फोरस, कैल्शियम और आयरन भी होता है।
ज्वार में कैलोरी कम होती है, पोषण अधिक होता है। इससे वजन घटाने में मदद
मिलती है। ज्वार के आटे की रोटियां खाने से थकान दूर होती है, शरीर को बल
मिलता है।


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