Breaking News

वैज्ञानिकों ने बनाया कागज जितना पतला लाउडस्पीकर, हैरान कर देगी तकनीक:

post

  1. (MIT) के इंजीनियरों ने कागज जितना पतला लाउडस्पीकर (Loudspeaker) विकसित किया है, जो किसी भी सतह को एक सक्रिय ऑडियो स्रोत में बदल सकता है. इस शोध को IEEE ट्रांज़ेक्शन्स ऑफ इंडस्ट्रियल इलेक्ट्रॉनिक्स में पब्लिश किया गया है.
    पारंपरिक लाउडस्पीकर को जितनी ऊर्जा चाहिए होती है उसकी तुलना में यह पतला सा लाउडस्पीकर एक अंश का इस्तामल करता है. कम से कम डिस्टॉर्शन के साथ आवाज़ पैदा करता है. यह लाउडस्पीकर इतना छोटा है कि हाथ में ही समा जाए. साथ ही, यह बहुत हल्का भी है. यह भले ही किसी भी सतह से जुड़ा हो, लेकिन यह हाई-क्वालिटी साउंड पैदा करता है.
    इसके लिए शोधकर्ताओं ने बेहद सरल फैब्रिकेशन तकनीक का इस्तेमाल किया है. यह लाउडस्पीकर शोर वाले वातावरण में एक्टिव नॉइज़ कैंसिलेशन (Active Noise Cancellation) देता है. इसका इस्तेमाल मनोरंजन के लिए भी किया जा सकता है. ये बेहद हल्के हैं. इन्हें चलाने के लिए कम बिजली की ज़रूरत होती है. यह एक परफेक्ट स्मार्ट डिवाइस है, जहां बैटरी लाइफ लिमिटेड होती है.
    बहुत कम बिजली से चलते हैं ये लाउडस्पीकर
    MIT नैनो के निदेशक और इस पेपर के वरिष्ठ लेखक व्लादिमीर बुलोविक का कहना है कि कागज की एक पतली शीट में दो क्लिप जोड़ने हैं.  इसे अपने कंप्यूटर के हेडफ़ोन पोर्ट में प्लग करना है. इससे निकलने वाली आवाज़ें सुनना बहुत दिलचस्प है. इसे कहीं भी इस्तेमाल किया जा सकता है. चलाने के लिए बस ज़रा सी बिजली लगती है.
    हेडफ़ोन या ऑडियो सिस्टम में पाए जाने वाले टिपिकल लाउडस्पीकर से उलट, नए लाउडस्पीकर में पीजोइलेक्ट्रिक मैटेरियल से बनी एक पतली फिल्म का इस्तेमाल होता है, जो वोल्टेज देने पर मूव करती है. यह इसके ऊपर की हवा को हिलाती है जिससे ध्वनि उत्पन्न होती है.
    लाउडस्पीकर बनाने के लिए, शोधकर्ताओं ने पीवीडीएफ नामक पीजोइलेक्ट्रिक सामग्री की बहुत पतली फिल्म (8 माइक्रोन) का इस्तेमाल किया है. जब डिवाइस के माध्यम से 1 किलोहर्ट्ज़ (1,000 चक्र प्रति सेकंड की दर) पर 25 वोल्ट बिजली दी गई, तो स्पीकर ने 66 डेसिबल के Conversational Level पर हाई क्वालिटी वाली ध्वनि उत्पन्न की. 10 किलोहर्ट्ज़ पर, ध्वनि दबाव का स्तर बढ़कर 86 डेसिबल हो गया.
    इस डिवाइस में स्पीकर क्षेत्र के प्रति वर्ग मीटर में केवल 100 मिलीवाट बिजली की ज़रूरत होती है. जबकि, एक समान दूरी पर समान साउंड प्रेशर पैदा करने के लिए एक औसत होम स्पीकर, 1 वाट से ज़्यादा बिजली लेता है.

  1. (MIT) के इंजीनियरों ने कागज जितना पतला लाउडस्पीकर (Loudspeaker) विकसित किया है, जो किसी भी सतह को एक सक्रिय ऑडियो स्रोत में बदल सकता है. इस शोध को IEEE ट्रांज़ेक्शन्स ऑफ इंडस्ट्रियल इलेक्ट्रॉनिक्स में पब्लिश किया गया है.
    पारंपरिक लाउडस्पीकर को जितनी ऊर्जा चाहिए होती है उसकी तुलना में यह पतला सा लाउडस्पीकर एक अंश का इस्तामल करता है. कम से कम डिस्टॉर्शन के साथ आवाज़ पैदा करता है. यह लाउडस्पीकर इतना छोटा है कि हाथ में ही समा जाए. साथ ही, यह बहुत हल्का भी है. यह भले ही किसी भी सतह से जुड़ा हो, लेकिन यह हाई-क्वालिटी साउंड पैदा करता है.
    इसके लिए शोधकर्ताओं ने बेहद सरल फैब्रिकेशन तकनीक का इस्तेमाल किया है. यह लाउडस्पीकर शोर वाले वातावरण में एक्टिव नॉइज़ कैंसिलेशन (Active Noise Cancellation) देता है. इसका इस्तेमाल मनोरंजन के लिए भी किया जा सकता है. ये बेहद हल्के हैं. इन्हें चलाने के लिए कम बिजली की ज़रूरत होती है. यह एक परफेक्ट स्मार्ट डिवाइस है, जहां बैटरी लाइफ लिमिटेड होती है.
    बहुत कम बिजली से चलते हैं ये लाउडस्पीकर
    MIT नैनो के निदेशक और इस पेपर के वरिष्ठ लेखक व्लादिमीर बुलोविक का कहना है कि कागज की एक पतली शीट में दो क्लिप जोड़ने हैं.  इसे अपने कंप्यूटर के हेडफ़ोन पोर्ट में प्लग करना है. इससे निकलने वाली आवाज़ें सुनना बहुत दिलचस्प है. इसे कहीं भी इस्तेमाल किया जा सकता है. चलाने के लिए बस ज़रा सी बिजली लगती है.
    हेडफ़ोन या ऑडियो सिस्टम में पाए जाने वाले टिपिकल लाउडस्पीकर से उलट, नए लाउडस्पीकर में पीजोइलेक्ट्रिक मैटेरियल से बनी एक पतली फिल्म का इस्तेमाल होता है, जो वोल्टेज देने पर मूव करती है. यह इसके ऊपर की हवा को हिलाती है जिससे ध्वनि उत्पन्न होती है.
    लाउडस्पीकर बनाने के लिए, शोधकर्ताओं ने पीवीडीएफ नामक पीजोइलेक्ट्रिक सामग्री की बहुत पतली फिल्म (8 माइक्रोन) का इस्तेमाल किया है. जब डिवाइस के माध्यम से 1 किलोहर्ट्ज़ (1,000 चक्र प्रति सेकंड की दर) पर 25 वोल्ट बिजली दी गई, तो स्पीकर ने 66 डेसिबल के Conversational Level पर हाई क्वालिटी वाली ध्वनि उत्पन्न की. 10 किलोहर्ट्ज़ पर, ध्वनि दबाव का स्तर बढ़कर 86 डेसिबल हो गया.
    इस डिवाइस में स्पीकर क्षेत्र के प्रति वर्ग मीटर में केवल 100 मिलीवाट बिजली की ज़रूरत होती है. जबकि, एक समान दूरी पर समान साउंड प्रेशर पैदा करने के लिए एक औसत होम स्पीकर, 1 वाट से ज़्यादा बिजली लेता है.

...
...
...
...
...
...
...
...
...
...
...
...
...