अंबिकापुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के समक्ष बुधवार की
रात राजपुर में कांग्रेसियों का दर्द उभर कर सामने आ गया। कांग्रेसियों ने
कहा कि 15 सालों तक भाजपा शासनकाल में संघर्ष किया। लाठियां खाई और जेल भी
गए इसके बाद भी नहीं लग रहा है कि अब हमारी सरकार है। प्रशासनिक अधिकारी
जनसमस्याओं के निराकरण के प्रति उदासीन है। संवादहीनता ऐसी है कि निर्वाचित
जनप्रतिनिधियों को भी अधिकारियों से मुलाकात के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता
है। राजस्व और खाद्य विभाग से जुड़े सैकड़ों आवेदन कार्यालयों में लंबित पड़े
हुए हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। एक-एक कार्यकर्ता की बात सुनने
के बाद मुख्यमंत्री ने व्यवस्था में सुधार का भरोसा दिया है।
भूपेश बघेल के प्रदेशव्यापी विधानसभा दौरे के पहले दिन राजपुर में
कांग्रेस पदाधिकारी-कार्यकर्ताओं के साथ विभिन्ना समाज और संगठनों से
मुलाकात का कार्यक्रम भी रेस्ट हाउस में निर्धारित किया गया था। बताया जा
रहा है कि पहले दिन कार्यक्रम का अंतिम पड़ाव बरियों में था।बरियों से
मुख्यमंत्री सड़क मार्ग से राजपुर के लिए रवाना हुए थे। इधर दूर-दूर से आए
कांग्रेसजन, मुख्यमंत्री से मुलाकात के लिए रेस्ट हाउस पहुंचने लगे थे।
यहां अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक और एसडीएम की ड्यूटी लगाई गई थी। कांग्रेसजनों
को भी तक जाने की इजाजत नहीं दी जा रही थी जिन लोगों का नाम सूची में था
सिर्फ उन्हें ही भीतर जाने की अनुमति थी। ऐसे में कांग्रेस से जुड़े कई
निर्वाचित जनप्रतिनिधि और संगठन के पदाधिकारियों ने आपत्ति जतानी शुरू कर
दी। मामला इतना बढ़ा कि मुख्यमंत्री के रेस्ट हाउस में पहुंचने से पहले
कांग्रेसजन धरने पर बैठ गए।हो हल्ला हंगामा के बीच रामानुजगंज विधायक
बृहस्पति सिंह को हस्तक्षेप करना पड़ा। वे सामने आए और सभी कांग्रेसजनों को
रेस्ट हाउस के भीतर मुख्यमंत्री के कार्यक्रम स्थल तक ले गए। थोड़ी ही देर
बाद मुख्यमंत्री रेस्ट हाउस पहुंचे यहां कांग्रेसजनों से उन्होंने चर्चा
शुरू की।राजपुर में कांग्रेसजनों ने प्रशासनिक अव्यवस्था और मनमानी की जमकर
शिकायत की। बलरामपुर कलेक्टर कुंदन कुमार, पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग तथा
जिला पंचायत सीईओ रीता यादव की मौजूदगी में कांग्रेसजनों ने प्रशासनिक
व्यवस्था पर जमकर सवाल उठाए। कांग्रेस के एक निर्वाचित जनप्रतिनिधि ने कहा
कि भाजपा के 15 वर्षों के शासनकाल में उन्होंने नारा लगाया था कि लाठी
खाबो,जाबो जेल हमर नेता भूपेश बघेल। 15 सालों तक भाजपा शासन में हमने
संघर्ष किया।
परिस्थितियां नहीं बदली। कलेक्टर के सामने ही शिकायत हुई कि खाद्य विभाग के
अधिकारी-कर्मचारी जनप्रतिनिधियों का भी फोन नहीं उठाते हैं। राशन कार्ड
बनाने नाम जोड़ने और काटने के सैकड़ों आवेदन लंबित हैं। कहीं कोई सुनवाई नहीं
हो रही है। भाजपा कार्यकर्ताओं का काम हो रहा है। अधिकारियों की
स्वेच्छाचारिता के कारण कांग्रेस के निर्वाचित जनप्रतिनिधि परेशान हैं। फिर
से चुनाव आने वाला है।ऐसे में हम किस मुंह से जनता के पास वोट मांगने
आएंगे।जिला पंचायत के एक निर्वाचित सदस्य ने तो यहां तक आरोप लगा दिया कि
वे कई बार जिला पंचायत सीइओ से मुलाकात के उद्देश्य से बलरामपुर गए लेकिन
घंटे भर के इंतजार के बाद भी उन्हें नहीं बुलाया गया। इसी प्रकार राजस्व
विभाग की कार्यप्रणाली को लेकर भी जमकर सवाल उठाए गए। कांग्रेस शासनकाल में
स्वीकृत कार्यों के भूमिपूजन और लोकार्पण में भाजपा से जुड़े
जनप्रतिनिधियों को तवज्जो देने तथा कांग्रेसजनों को आमंत्रित नहीं करने की
भी शिकायत हुई। मुख्यमंत्री के समक्ष कांग्रेसियों ने शिकायतों, मांगों की
लंबी सूची रख दी। मुख्यमंत्री ने सभी की बातें गंभीरता से सुनी। शासकीय
कर्मचारी की मृत्यु के बाद देयक का भुगतान नहीं होने,शासकीय कार्यालयों में
अधिकारियों की मनमानी जैसी शिकायतें भी सामने आई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल
से विभिन्न प्रतिनिधि मंडलों के सदस्यों ने राजपुर के सर्किट हाउस में
आयोजित भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में मुलाकात की।
अंबिकापुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के समक्ष बुधवार की
रात राजपुर में कांग्रेसियों का दर्द उभर कर सामने आ गया। कांग्रेसियों ने
कहा कि 15 सालों तक भाजपा शासनकाल में संघर्ष किया। लाठियां खाई और जेल भी
गए इसके बाद भी नहीं लग रहा है कि अब हमारी सरकार है। प्रशासनिक अधिकारी
जनसमस्याओं के निराकरण के प्रति उदासीन है। संवादहीनता ऐसी है कि निर्वाचित
जनप्रतिनिधियों को भी अधिकारियों से मुलाकात के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता
है। राजस्व और खाद्य विभाग से जुड़े सैकड़ों आवेदन कार्यालयों में लंबित पड़े
हुए हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। एक-एक कार्यकर्ता की बात सुनने
के बाद मुख्यमंत्री ने व्यवस्था में सुधार का भरोसा दिया है।
भूपेश बघेल के प्रदेशव्यापी विधानसभा दौरे के पहले दिन राजपुर में
कांग्रेस पदाधिकारी-कार्यकर्ताओं के साथ विभिन्ना समाज और संगठनों से
मुलाकात का कार्यक्रम भी रेस्ट हाउस में निर्धारित किया गया था। बताया जा
रहा है कि पहले दिन कार्यक्रम का अंतिम पड़ाव बरियों में था।बरियों से
मुख्यमंत्री सड़क मार्ग से राजपुर के लिए रवाना हुए थे। इधर दूर-दूर से आए
कांग्रेसजन, मुख्यमंत्री से मुलाकात के लिए रेस्ट हाउस पहुंचने लगे थे।
यहां अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक और एसडीएम की ड्यूटी लगाई गई थी। कांग्रेसजनों
को भी तक जाने की इजाजत नहीं दी जा रही थी जिन लोगों का नाम सूची में था
सिर्फ उन्हें ही भीतर जाने की अनुमति थी। ऐसे में कांग्रेस से जुड़े कई
निर्वाचित जनप्रतिनिधि और संगठन के पदाधिकारियों ने आपत्ति जतानी शुरू कर
दी। मामला इतना बढ़ा कि मुख्यमंत्री के रेस्ट हाउस में पहुंचने से पहले
कांग्रेसजन धरने पर बैठ गए।हो हल्ला हंगामा के बीच रामानुजगंज विधायक
बृहस्पति सिंह को हस्तक्षेप करना पड़ा। वे सामने आए और सभी कांग्रेसजनों को
रेस्ट हाउस के भीतर मुख्यमंत्री के कार्यक्रम स्थल तक ले गए। थोड़ी ही देर
बाद मुख्यमंत्री रेस्ट हाउस पहुंचे यहां कांग्रेसजनों से उन्होंने चर्चा
शुरू की।राजपुर में कांग्रेसजनों ने प्रशासनिक अव्यवस्था और मनमानी की जमकर
शिकायत की। बलरामपुर कलेक्टर कुंदन कुमार, पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग तथा
जिला पंचायत सीईओ रीता यादव की मौजूदगी में कांग्रेसजनों ने प्रशासनिक
व्यवस्था पर जमकर सवाल उठाए। कांग्रेस के एक निर्वाचित जनप्रतिनिधि ने कहा
कि भाजपा के 15 वर्षों के शासनकाल में उन्होंने नारा लगाया था कि लाठी
खाबो,जाबो जेल हमर नेता भूपेश बघेल। 15 सालों तक भाजपा शासन में हमने
संघर्ष किया।
परिस्थितियां नहीं बदली। कलेक्टर के सामने ही शिकायत हुई कि खाद्य विभाग के
अधिकारी-कर्मचारी जनप्रतिनिधियों का भी फोन नहीं उठाते हैं। राशन कार्ड
बनाने नाम जोड़ने और काटने के सैकड़ों आवेदन लंबित हैं। कहीं कोई सुनवाई नहीं
हो रही है। भाजपा कार्यकर्ताओं का काम हो रहा है। अधिकारियों की
स्वेच्छाचारिता के कारण कांग्रेस के निर्वाचित जनप्रतिनिधि परेशान हैं। फिर
से चुनाव आने वाला है।ऐसे में हम किस मुंह से जनता के पास वोट मांगने
आएंगे।जिला पंचायत के एक निर्वाचित सदस्य ने तो यहां तक आरोप लगा दिया कि
वे कई बार जिला पंचायत सीइओ से मुलाकात के उद्देश्य से बलरामपुर गए लेकिन
घंटे भर के इंतजार के बाद भी उन्हें नहीं बुलाया गया। इसी प्रकार राजस्व
विभाग की कार्यप्रणाली को लेकर भी जमकर सवाल उठाए गए। कांग्रेस शासनकाल में
स्वीकृत कार्यों के भूमिपूजन और लोकार्पण में भाजपा से जुड़े
जनप्रतिनिधियों को तवज्जो देने तथा कांग्रेसजनों को आमंत्रित नहीं करने की
भी शिकायत हुई। मुख्यमंत्री के समक्ष कांग्रेसियों ने शिकायतों, मांगों की
लंबी सूची रख दी। मुख्यमंत्री ने सभी की बातें गंभीरता से सुनी। शासकीय
कर्मचारी की मृत्यु के बाद देयक का भुगतान नहीं होने,शासकीय कार्यालयों में
अधिकारियों की मनमानी जैसी शिकायतें भी सामने आई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल
से विभिन्न प्रतिनिधि मंडलों के सदस्यों ने राजपुर के सर्किट हाउस में
आयोजित भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में मुलाकात की।