महंगे पेट्रोल की चिंता होगी खत्म, अब इन नई टेक्नोलॉजी से चलेंगे वाहन:

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नई दिल्ली. ऑटो
कंपनियां पर्यावरण को नुकसान ना पहुंचाने वाली टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने
के लिए अलग-अलग रणनीति अपना रही हैं। टाटा मोटर्स और महिंद्रा जैसी घरेलू
कंपनियां जहां इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) पर दांव लगा रही हैं वहीं टोयोटा,
होंडा और सुजुकी जैसी प्रमुख जापानी कंपनियों का जोर हाइब्रिड मॉडल उतारने
पर है।

इन नई टेक्नोलॉजी का होगा इस्तेमाल

दुनिया भर में इलेक्ट्रिक वाहन से जुड़ी टेक्नोलॉजी को बड़ी तेजी
से अपनाया जा रहा है। इसमें एसएचईवी (मजबूत हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन),
एफसीईवी (फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक वाहन), बीईवी (बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन) और
पीएचईवी (प्लग-इन हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन) शामिल हैं। भारत में इस समय
मुख्य रूप से बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन (बीईवी) और हाइब्रिड वाहन ही बनाए जा
रहे हैं। 

टाटा मोटर्स ने भी बनाया बड़ा प्लान


     
टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा ने अगले कुछ वर्षों में कई बीईवी
मॉडल उतारने की योजना बनाई हुई है। इन कंपनियों ने इस क्षेत्र के लिए बड़े
पैमाने पर संसाधन तैयार किए हैं। इसी तरह हुंदै, किआ और एमजी मोटर ने भी
बीईवी मॉडल बाजार में पेश किए हैं।

मारुति लाएगी पहली इलेक्ट्रिक कार

देश की सबसे बड़ी कार बनाने वाली कंपनी मारुति सुजुकी भी 2025 में
अपना पहला इलेक्ट्रिक वाहन पेश करने की तैयारी कर रही है। इस बीच मारुति
सुजुकी ने अपनी कारों को और ज्यादा माइलेज देने वाला बनाने के लिए हाइब्रिड
टेक्नोलॉजी पर भी दांव लगाया है। इसके अलावा टोयोटा और होंडा ने भी देश
में हाइब्रिड मॉडल पेश किए हैं।

इलेक्ट्रिक वाहन होगा भविष्य


     
टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स के मैनेजिंग डायरेक्टर शैलेश चंद्रा ने कहा
कि इलेक्ट्रिक वाहन इस इंडस्ट्री का भविष्य हैं और कंपनी ने पर्यावरण और
बेहतर कल के प्रति जुनून के कारण इस दिशा में कदम बढ़ाया है। उन्होंने कहा,
''दूसरी ओर, हाइब्रिड एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जो अल्पकालिक है, क्योंकि इसका
इस्तेमाल मुख्य रूप से सीएएफई (कॉरपोरेट औसत ईंधन अर्थव्यवस्था) मानदंडों
को पूरा करने के लिए किया जा रहा है।'' सीएएफई नियमों के तहत ऑटो कंपनियों
को एवरेज कार्बन उत्सर्जन में कटौती करने की जरूरत है। 


     
महिंद्रा एंड महिंद्रा के ऑटोमोटिव सेगमेंट के प्रेसिडेंट विजय नाकरा ने
कहा कि अपने ईवी बेस्ड प्लान के साथ सरकार की स्पष्ट नीति के कारण कंपनी
बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ने जा रही है।

मारुति का हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन पर जोर

मारुति सुजुकी इंडिया के एक्जिक्यूटिव ऑफिसर (कॉरपोरेट मामले)
राहुल भारती ने एसएचईवी की तरफदारी करते हुए कहा कि इस टेक्नोलॉजी से
कार्बन उत्सर्जन को 30-40 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है। भारती ने कहा कि
चूंकि एसएचईवी को बाहरी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की आवश्यकता नहीं होती
है, इसलिए कोई रेंज की चिंता नहीं है और इसलिए इस टेक्नोलॉजी को तेजी से
बढ़ाया जा सकता है।


नई दिल्ली. ऑटो
कंपनियां पर्यावरण को नुकसान ना पहुंचाने वाली टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने
के लिए अलग-अलग रणनीति अपना रही हैं। टाटा मोटर्स और महिंद्रा जैसी घरेलू
कंपनियां जहां इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) पर दांव लगा रही हैं वहीं टोयोटा,
होंडा और सुजुकी जैसी प्रमुख जापानी कंपनियों का जोर हाइब्रिड मॉडल उतारने
पर है।

इन नई टेक्नोलॉजी का होगा इस्तेमाल

दुनिया भर में इलेक्ट्रिक वाहन से जुड़ी टेक्नोलॉजी को बड़ी तेजी
से अपनाया जा रहा है। इसमें एसएचईवी (मजबूत हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन),
एफसीईवी (फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक वाहन), बीईवी (बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन) और
पीएचईवी (प्लग-इन हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन) शामिल हैं। भारत में इस समय
मुख्य रूप से बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन (बीईवी) और हाइब्रिड वाहन ही बनाए जा
रहे हैं। 

टाटा मोटर्स ने भी बनाया बड़ा प्लान


     
टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा ने अगले कुछ वर्षों में कई बीईवी
मॉडल उतारने की योजना बनाई हुई है। इन कंपनियों ने इस क्षेत्र के लिए बड़े
पैमाने पर संसाधन तैयार किए हैं। इसी तरह हुंदै, किआ और एमजी मोटर ने भी
बीईवी मॉडल बाजार में पेश किए हैं।

मारुति लाएगी पहली इलेक्ट्रिक कार

देश की सबसे बड़ी कार बनाने वाली कंपनी मारुति सुजुकी भी 2025 में
अपना पहला इलेक्ट्रिक वाहन पेश करने की तैयारी कर रही है। इस बीच मारुति
सुजुकी ने अपनी कारों को और ज्यादा माइलेज देने वाला बनाने के लिए हाइब्रिड
टेक्नोलॉजी पर भी दांव लगाया है। इसके अलावा टोयोटा और होंडा ने भी देश
में हाइब्रिड मॉडल पेश किए हैं।

इलेक्ट्रिक वाहन होगा भविष्य


     
टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स के मैनेजिंग डायरेक्टर शैलेश चंद्रा ने कहा
कि इलेक्ट्रिक वाहन इस इंडस्ट्री का भविष्य हैं और कंपनी ने पर्यावरण और
बेहतर कल के प्रति जुनून के कारण इस दिशा में कदम बढ़ाया है। उन्होंने कहा,
''दूसरी ओर, हाइब्रिड एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जो अल्पकालिक है, क्योंकि इसका
इस्तेमाल मुख्य रूप से सीएएफई (कॉरपोरेट औसत ईंधन अर्थव्यवस्था) मानदंडों
को पूरा करने के लिए किया जा रहा है।'' सीएएफई नियमों के तहत ऑटो कंपनियों
को एवरेज कार्बन उत्सर्जन में कटौती करने की जरूरत है। 


     
महिंद्रा एंड महिंद्रा के ऑटोमोटिव सेगमेंट के प्रेसिडेंट विजय नाकरा ने
कहा कि अपने ईवी बेस्ड प्लान के साथ सरकार की स्पष्ट नीति के कारण कंपनी
बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ने जा रही है।

मारुति का हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन पर जोर

मारुति सुजुकी इंडिया के एक्जिक्यूटिव ऑफिसर (कॉरपोरेट मामले)
राहुल भारती ने एसएचईवी की तरफदारी करते हुए कहा कि इस टेक्नोलॉजी से
कार्बन उत्सर्जन को 30-40 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है। भारती ने कहा कि
चूंकि एसएचईवी को बाहरी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की आवश्यकता नहीं होती
है, इसलिए कोई रेंज की चिंता नहीं है और इसलिए इस टेक्नोलॉजी को तेजी से
बढ़ाया जा सकता है।


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