88 सवालों वाली रिपोर्ट को अडानी समूह ने किया खारिज:

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नई दिल्ली. अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में आज
यानी बुधवार को तेज गिरावट देखने को मिली है। इस गिरावट की बड़ी वजह
हिंडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट है। रिपोर्ट में रिसर्च एजेंसी ने अडानी
ग्रुप की कंपनियों को ओवरवैल्यूड बताया है। साथ ही समूह की कंपनियों के
कर्ज को लेकर चिंता जाहिर की है। अडानी ग्रुप ने इस पूरी रिपोर्ट को खारिज
किया है और इसे दुर्भावना से ग्रसित बताया है। बता दें, हिंडनबर्ग रिसर्च
की लेटेस्ट रिपोर्ट में अडानी ग्रुप से 88 सवाल किए गए हैं। 

हिंडनबर्ग रिसर्च अपनी रिपोर्ट ने अडानी ग्रुप से 88 सवाल किए
हैं। रिपोर्ट में समूह से पूछा गया है कि गौतम अडानी के छोटे भाई राजेश
अडानी को ग्रुप का एमडी क्यों बनाया गया है। जबकि उनके ऊपर कस्टम टैक्स
चोरी, फर्जी इंपोर्ट डॉक्यूमेंटेशन और अवैध कोयले का इंपोर्ट करने का आरोप
लगाया गया था। एक अन्य सवाल में एजेंसी ने ग्रुप से पूछा है कि गौतम अडानी
के बहनोई समीरो वोरा का नाम डायमंड ट्रेडिंग स्कैम में आने के बाद भी अडानी
ऑस्ट्रेलिया डिवीजन का एक्जक्यूटिव डॉयेरक्टर क्यों बनाया गया है?

अडानी सूमह के ग्रुप CFO जुगेशिंदर सिंह ने कहा, ‘हम हैरान हैं
कि हिंडनबर्ग रिसर्च ने हमसे संपर्क करने या तथ्यात्मक मैट्रिक्स को
सत्यापित करने का कोई प्रयास किए बिना 24 जनवरी 2023 को एक रिपोर्ट
प्रकाशित की है। रिपोर्ट चुनिंदा गलत सूचनाओं और बासी, निराधार और बदनाम
आरोपों का एक दुर्भावनापूर्ण संयोजन है जिसे भारत के उच्चतम न्यायालयों
द्वारा परीक्षण और खारिज कर दिया गया है।’  उन्होंने रिपोर्ट की टाइमिंग पर सवाल खड़ा करते हुए कहा,
‘रिपोर्ट के प्रकाशन का समय स्पष्ट रूप से भारत में अब तक के सबसे बड़े
एफपीओ, अदानी एंटरप्राइजेज की आगामी फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफरिंग (FPO) को नुकसान
पहुंचाने के मुख्य उद्देश्य के साथ अडानी समूह की प्रतिष्ठा को कमजोर करने
के एक खुले, दुर्भावनापूर्ण इरादे को दर्शाता है।” बता दें, अडानी
एंटरप्राइजेज का एफपीओ 27 जनवरी को ओपन हो रहा है। एंकर निवेशक आज यानी 25
जनवरी को बोली लगा सकेंगे। हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपने ट्वीट में लिखा है, “हमने अपनी रिपोर्ट
के निष्कर्ष हिस्से में 88 सवाल अडानी समूह से किए हैं। जैसा कि गौतम
अडानी दावा करते हैं कि वो पार्दशिता में विश्वास करते हैं तो उन्हें इन
आसान सवालों के जवाब देने चाहिए। हमें अडानी समूह के रिस्पॉस का इंतजार
है।” इसी पूरे प्रकरण को लेकर अडानी समूह ने जवाब जारी किया है। 


नई दिल्ली. अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में आज
यानी बुधवार को तेज गिरावट देखने को मिली है। इस गिरावट की बड़ी वजह
हिंडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट है। रिपोर्ट में रिसर्च एजेंसी ने अडानी
ग्रुप की कंपनियों को ओवरवैल्यूड बताया है। साथ ही समूह की कंपनियों के
कर्ज को लेकर चिंता जाहिर की है। अडानी ग्रुप ने इस पूरी रिपोर्ट को खारिज
किया है और इसे दुर्भावना से ग्रसित बताया है। बता दें, हिंडनबर्ग रिसर्च
की लेटेस्ट रिपोर्ट में अडानी ग्रुप से 88 सवाल किए गए हैं। 

हिंडनबर्ग रिसर्च अपनी रिपोर्ट ने अडानी ग्रुप से 88 सवाल किए
हैं। रिपोर्ट में समूह से पूछा गया है कि गौतम अडानी के छोटे भाई राजेश
अडानी को ग्रुप का एमडी क्यों बनाया गया है। जबकि उनके ऊपर कस्टम टैक्स
चोरी, फर्जी इंपोर्ट डॉक्यूमेंटेशन और अवैध कोयले का इंपोर्ट करने का आरोप
लगाया गया था। एक अन्य सवाल में एजेंसी ने ग्रुप से पूछा है कि गौतम अडानी
के बहनोई समीरो वोरा का नाम डायमंड ट्रेडिंग स्कैम में आने के बाद भी अडानी
ऑस्ट्रेलिया डिवीजन का एक्जक्यूटिव डॉयेरक्टर क्यों बनाया गया है?

अडानी सूमह के ग्रुप CFO जुगेशिंदर सिंह ने कहा, ‘हम हैरान हैं
कि हिंडनबर्ग रिसर्च ने हमसे संपर्क करने या तथ्यात्मक मैट्रिक्स को
सत्यापित करने का कोई प्रयास किए बिना 24 जनवरी 2023 को एक रिपोर्ट
प्रकाशित की है। रिपोर्ट चुनिंदा गलत सूचनाओं और बासी, निराधार और बदनाम
आरोपों का एक दुर्भावनापूर्ण संयोजन है जिसे भारत के उच्चतम न्यायालयों
द्वारा परीक्षण और खारिज कर दिया गया है।’  उन्होंने रिपोर्ट की टाइमिंग पर सवाल खड़ा करते हुए कहा,
‘रिपोर्ट के प्रकाशन का समय स्पष्ट रूप से भारत में अब तक के सबसे बड़े
एफपीओ, अदानी एंटरप्राइजेज की आगामी फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफरिंग (FPO) को नुकसान
पहुंचाने के मुख्य उद्देश्य के साथ अडानी समूह की प्रतिष्ठा को कमजोर करने
के एक खुले, दुर्भावनापूर्ण इरादे को दर्शाता है।” बता दें, अडानी
एंटरप्राइजेज का एफपीओ 27 जनवरी को ओपन हो रहा है। एंकर निवेशक आज यानी 25
जनवरी को बोली लगा सकेंगे। हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपने ट्वीट में लिखा है, “हमने अपनी रिपोर्ट
के निष्कर्ष हिस्से में 88 सवाल अडानी समूह से किए हैं। जैसा कि गौतम
अडानी दावा करते हैं कि वो पार्दशिता में विश्वास करते हैं तो उन्हें इन
आसान सवालों के जवाब देने चाहिए। हमें अडानी समूह के रिस्पॉस का इंतजार
है।” इसी पूरे प्रकरण को लेकर अडानी समूह ने जवाब जारी किया है। 


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