लखनऊ. योगी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल का दूसरा
ऐतिहासिक बजट बुधवार को पेश किया. यूपी का अब तक का यह सबसे बड़ा बजट है.
सरकार ने 6 लाख 90 हजार 242 करोड़ 43 लाख का बजट पेश किया. बजट में 32 हजार
721 करोड़ 96 लाख रुपए नई योजनाएं सम्मिलित की गई है.
पशुपालन
वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने बजट पेश किया. उन्होंने बजट भाषण में कहा कि
प्रदेश के निराश्रित/ बेसहारा गोवंश की समस्या के निराकरण के लिए प्रदेश
के समस्त जनपदों में 187 वृहद गो-संरक्षण केन्द्र का निर्माण कराया जाना
लक्षित है, जिसके सापेक्ष 171 केन्द्रों का निर्माण कार्य पूर्ण है.
प्रदेश में बुन्देलखण्ड क्षेत्र में निराश्रित गोवंश की समस्या के
निराकरण के लिए बुन्देलखण्ड के प्रत्येक जनपद में 05-05 गो- आश्रय केन्द्र
स्थापित / क्रियाशील है.
● छुट्टा गोवंश के रख-रखाव हेतु 750 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
● वृहद गौ संरक्षण केन्द्रों की स्थापना हेतु 120 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
● पशु रोग नियंत्रण हेतु 116 करोड़ 52 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
● प्रदेश में भेड़ बाहुल्य जनपदों में भेड़ पालन योजना हेतु 3 करोड़ 44 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
मत्स्य
● प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अन्तर्गत होल सेल फिश मार्केट के लिये 257 करोड़ 50 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
● “मुख्य मंत्री मत्स्य संपदा योजनान्तर्गत 10 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
● “निषादराज बोट सब्सिडी योजनान्तर्गत 5 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
◆ प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना हेतु 741 करोड़ 98 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
● राष्ट्रीय औद्यानिक मिशन हेतु 206 करोड़ 27 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
● उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति, 2022 के क्रियान्वयन के
लिए 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गयी है. प्रदेश के कृषकों को
गुणवत्तापूर्ण टिश्यू कल्चर केला पौध उपलब्ध कराने के लिए ऊतक सम्बर्धन
प्रयोगशाला की स्थापना के लिए 10 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
● सहारनपुर में सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स फॉर हनी की स्थापना के लिये 10 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
वित्त मंत्री ने कहा कि प्रदेश में उच्च शिक्षा के उद्देश्यों की पूर्ति
के लिए वर्तमान में 19 राज्य विश्वविद्यालय, 01 मुक्त विश्वविद्यालय, 01
डीम्ड विश्वविद्यालय 30 निजी विश्वविद्यालय, 172 राजकीय महाविद्यालय, 331
सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालय एवं 7372 स्ववित्त पोषित महाविद्यालय
संचालित हैं.
नैक रैंकिंग में लखनऊ एवं गोरखपुर विश्वविद्यालयों को ए-डबल प्लस श्रेणी
प्राप्त हुई है. इसी प्रकार के० जी०एम०यू० को भी नैक रैंकिंग में ए प्लस
श्रेणी प्राप्त हुई है.
● मदन मोहन मालवीय तकनीकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर को ए श्रेणी प्राप्त
हुई है. भारत में प्रथम बार किसी कृषि विश्वविद्यालय को नैक रैंकिंग प्रदान
हुई है और यह श्रेय प्रदेश के कानपुर कृषि विश्वविद्यालय को प्राप्त हुआ
है. प्रदेश के निजी विश्वविद्यालयों में से एमिटी विश्वविद्यालय को
ए-श्रेणी तथा शारदा विश्वविद्यालय, गलगोटिया विश्वविद्यालय एवं जी.एल.ए.
विश्वविद्यालय को ए प्लस श्रेणी प्राप्त हुई है.
● प्रदेश में प्रथम बार 11 विश्वविद्यालयों द्वारा नेशनल इंस्टीट्यूशनल
रैंकिंग की तैयारी कर सहभाग लिया है. चार विश्वविद्यालय विश्वस्तरीय
रैंकिंग के लिए क्यू.आई.एस. रैंकिंग में भाग ले रहे हैं. विन्ध्याचल धाम
मण्डल में माँ विन्ध्यवासिनी राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना के लिये 50
करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
● देवीपाटन मण्डल में माँ पाटेश्वरी देवी राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
● मुरादाबाद मण्डल में राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
● ग्राम पंचायत एवं वार्ड स्तर पर डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना हेतु 300 करोड़ रूपये व्यवस्था प्रस्तावित है.
आई.टी. और इलेक्ट्राॅनिक्स
- वित्तीय वर्ष 2021-22 में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रदेश के
युवाओं के तकनीकी सशक्तिकरण के लिए टैबलेट/स्मार्टफोन वितरण योजना लागू की
गई. इस पायलट योजना का विस्तार करते हुये लोक कल्याण संकल्प पत्र-2022 में
स्वामी विवेकानन्द युवा सशक्तिकरण योजनान्तर्गत अनुरूप 02 करोड़
टैबलेट/स्मार्टफोन का 05 वर्षों में वितरण किये जाने का लक्ष्य निर्धारित
किया गया है. योजना के लिए 3600 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. - उत्तर प्रदेश इलेक्ट्राॅनिक्स विनिर्माण नीति के कार्यान्वयन के लिए 401 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
स्टेट डाटा सेन्टर हेतु 85 करोड़ 89 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. - उत्तर प्रदेश सूचना प्रौद्योगिकी एवं स्टार्टअप नीति के लिए 60 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
- प्रदेश
में सूचना प्रौद्योगिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी जनित सेवा क्षेत्र में
इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए प्रदेश में आई.टी. पाक्र्स की स्थापना की जा
रही है. उ.प्र. सूचना प्रौद्योगिकी नीति-2017-2022 के तहत राज्य को लगभग
53,000 व्यक्तियों को रोजगार के साथ लगभग 6,300 करोड़ रूपये के निवेश
प्रस्ताव प्राप्त हुये हैं. - प्रदेश सरकार द्वारा नई उ0प्र0 सूचना
प्रौद्योगिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी जनित सेवा नीति-2022 दिनांक 18
नवम्बर, 2022 को अधिसूचित की गयी है. इसके अन्तर्गत लगभग रूपये 5000 करोड़
के निवेश का अनुमान है जिससे लगभग 50,000 व्यक्तियों के लिए प्रत्यक्ष एवं
1,00,000 व्यक्तियों के लिए अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने का अनुमान है.
खादी एवं ग्रामोद्योग
- पं. दीनदयाल ग्रामोद्योग रोजगार योजनान्तर्गत भारत सरकार के
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना में लाभान्वित लाभार्थियों को ब्याज उपादान
की सुविधा 3 वर्षों तक दिये जाने का प्रावधान है. इस योजना के लिए 10 करोड़
रूपये की बजट व्यवस्था प्र्रस्तावित है. - खादी एवं ग्रोमोद्योग
विकास एवं सत्त स्वरोजगार प्रोत्साहन नीति के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष
2023-2024 में 13 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जिससे हाथ कागज
केन्द्र कालपी-जालौन के पुनरूद्धार, दोना पत्तली मशीन का वितरण, सोलर चर्खा
का वितरण कार्य किये जायेंगे. - प्रदेश में माटी कला के पराम्परागत
कारीगारेां को रोजगार से जोड़ने के लिये वित्तीय वर्ष 2023-2024 में 10 करोड़
रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जिससे माटी कला समन्वित विकास कार्यक्रम व
जनपद लखनऊ में माटी कला टेराकोटा प्रशिक्षण एवं फैसलिटी सेन्टर की स्थापना
कराया जाना प्रस्तावित है. - हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग कृषि क्षेत्र
के बाद हथकरघा उद्योग सर्वाधिक रोजगार उपलब्ध कराने वाला विकेन्द्रीकृत
कुटीर उद्योग है. प्रदेश में लगभग 1.91 लाख (एक लाख इक्यानबे हजार) हथकरघा
बुनकर एवं लगभग 80 हजार हथकरघे हैं. - प्रदेश में 2.58 लाख पावरलूम कार्यरत हैं जिसके माध्यम से 5.50 लाख पावरलूम बुनकर अपना जीविको-पार्जन कर रहे हैं.
वस्त्र
क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने एवं प्रदेश में अधिकाधिक रोजगार सृजन
करने के उद्देश्य से उ.प्र. टेक्सटाइल एण्ड गारमेंटिंग पालिसी-2022
प्रख्यापित की गई है जिसमें वस्त्र क्षेत्र के निवेशकों और नया स्वरोजगार
प्रारम्भ करने वाले युवाओं को अनेक वित्तीय सुविधायें अनुमन्य की गयी हैं
जिसके लिये 150 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है. - गारमेन्टिंग नीति, 2017 के अन्तर्गत 175 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
- प्रदेश के पावरलूम बुनकरों को रियायती दरों पर विद्युत उपलब्ध करायी जा रही है. इस के लिए 345 करोड रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
- मुख्यमंत्री
पाॅवर लूम उद्योग विकास योजना हेतु 20 करोड़ रूपये और मुख्यमंत्री बुनकर
सौर ऊर्जा योजना हेतु 10 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. - झलकारी बाई कोरी हथकरघा एवं पाॅवर लूम विकास योजना हेतु लगभग 18 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
सहकारिता
- रासायनिक उर्वरकों के अग्रिम भण्डारण के लिए 175 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
- जिला सहकारी बैंकों के वित्तीय सुदृढ़ीकरण के लिए 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
- वर्ष 2021-2022 में 7,556.91 करोड़ रूपये का ऋण वितरण किया गया है, जिससे 18.76 लाख कृषकों को लाभान्वित हुए.
- वर्ष 2022-2023 में दिनांक 30-11-2022 तक 6936.76 करोड़ रूपये का ऋण वितरित कर 15.41 लाख कृषकों को लाभान्वित किया गया.
उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण
- प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के लिए 741 करोड़ 98 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
- राष्ट्रीय औद्यानिक मिशन के लिए 206 करोड़ 27 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
- उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति, 2022 के क्रियान्वयन के लिए 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गयी है.
प्रदेश
के कृषकों को गुणवत्तापूर्ण टिश्यू कल्चर केला पौध उपलब्ध कराने हेतु ऊतक
सम्वर्धन प्रयोगशाला की स्थापना हेतु 10 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित
है. - सहारनपुर में सेन्टर आफ एक्सीलेन्स फाॅर हनी की स्थापना के लिये 10 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
दुग्ध विकास
- भारत विश्व में सर्वाधिक दुग्ध उत्पादन करने वाला देश है जिसमें
उत्तर प्रदेश सर्वाधिक दुग्ध उत्पादनकर्ता राज्य है. दिन प्रतिदिन बढ़ती हुई
जनसंख्या एवं घटती हुई कृषि योग्य भूमि के कारण दुग्ध व्यवसाय ही एकमात्र
ऐसा व्यवसाय है, जो ग्रामीण क्षेत्र के अनुसूचित जाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग
के निर्बल, भूमिहीन मजदूर, बेरोजगारों के लिए अतिरिक्त आय का लाभप्रद साधन
है. - वर्तमान दुग्ध संघों के सुदृढ़ीकरण एवं पुनर्जीवित करने की योजना के लिए 86 करोड़ 95 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
- नन्द बाबा दुग्ध मिशन के क्रियान्वयन के लिए वित्तीय वर्ष 2023-2024 में 61 करोड़ 21 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
जनपद मेरठ व वाराणसी में डेयरी परियोजनाओं हेतु 60 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. - उत्तर
प्रदेश दुग्धशाला विकास एवं दुग्ध उत्पाद प्रोत्साहन नीति, 2022 के
अन्तर्गत प्रदेश में स्थापित होने वाले दुग्ध उद्योग की इकाईयों को वित्तीय
अनुदान, रियायतें एवं अन्य सुविधाएं प्रदान किये जाने हेतु 25 करोड़ रूपये
की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है.
कृषि शिक्षा एवं अनुसन्धान
- कृषकों की आय में अभिवृद्धि हेतु कृषि शिक्षा, शोध एवं अनुसंधान के
साथ-साथ प्रसार कार्यक्रमों की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जा रही
है. - प्रदेश के 04 कृषि विश्वविद्यालयों में एग्रीटेक स्टार्टअप योजना हेतु 20 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
- महात्मा बुद्ध कृषि एवं प्रोद्योगिक विश्वविद्यालय, कुशीनगर की स्थापना के लिए 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
- कृषि विश्वविद्यालय कानपुर, अयोध्या, बाँदा तथा मेरठ में अवस्थापना कार्यों के लिए लगभग 35 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
- आचार्य
नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, अयोध्या के अन्तर्गत
कृषि महाविद्यालय (कैम्पस) आजमगढ़ में पठन- पाठन का कार्य प्रारम्भ हो चुका
है तथा जनपद गोण्डा में कृषि महाविद्यालय (कैम्पस) की स्थापना का निर्माण
कार्य प्रगति पर है.
गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग
- चीनी उद्योग, उत्तर प्रदेश का कृषि आधारित महत्वपूर्ण उद्योग है
तथा प्रदेश के लगभग 46 लाख गन्ना आपूर्तिकर्ता किसानों के परिवार की
आजीविका का मुख्य आधार है. - पेराई सत्र 2021-22 में प्रदेश में
27.60 लाख हेक्टेयर में गन्ने की खेती की गई तथा 120 चीनी मिलों द्वारा
1016 लाख टन गन्ने की पेराई कर 101.98 लाख टन चीनी का उत्पादन किया गया. - वर्तमान
पेराई सत्र 2022-23 में 117 चीनी मिलों का संचालन हुआ है एवं इस सत्र में
प्रदेश का गन्ना क्षेत्रफल 28.53 लाख हेक्टेयर है, जिससे चीनी का उत्पादन
105 लाख टन से अधिक होने का अनुमान है. - वर्तमान सरकार द्वारा
कृषकों को गन्ना मूल्य भुगतान समय से सुनिश्चित कराने हेतु वर्ष 2017 से
एस्क्रो अकाउण्ट मैकेनिज्म प्रारम्भ किया गया है जिससे गन्ना मूल्य खाता
केवल मिल प्रतिनिधि के स्थान पर अब मिल प्रतिनिधि एवं जिला गन्ना अधिकारी
तथा ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक के संयुक्त हस्ताक्षर से संचालित किया जा
रहा है. चीनी मिलों द्वारा गन्ना मूल्य मद की धनराशि के व्यावर्तन पर
पूर्ण अंकुश लगा है. - विगत पांच वर्षों में 27,531 हेक्टेयर गन्ना
खेती में ड्रिप इरीगेशन संयंत्र की स्थापना हुई है. इससे 50 प्रतिशत तक
सिंचाई जल की बचत होगी. - सिंचाई जल के साथ पोषक तत्वों के प्रयोग से
50 प्रतिशत रासायनिक उर्वरकों की बचत होगी, साथ ही ड्रिप इरीगेशन के
माध्यम से क्षारयुक्त और अल्प वर्षों वाले क्षेत्रों में भी गन्ने की खेती
सम्भव हो सकेगी.
कृषि
- कृषकों को कृषि की समग्र नवीनतम तकनीक से प्रशिक्षित करने हेतु एक
नवोन्मेषी कार्यक्रम ‘‘ द मिलियन फार्मर्स स्कूल’’ का आयोजन पूरे प्रदेश
में किया जा रहा है. - वर्ष 2023-2024 में 17000 किसान पाठशालाओं का आयोजन प्रस्तावित है.
- प्रधानमंत्री
किसान सम्मान निधि योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2022-2023 में माह
नवम्बर, 2022 तक 12 किस्तों में 51,639 करोड़ रूपये का भुगतान डीबीटी के
माध्यम से कृषकों के बैंक खातों में किया गया. - नेशनल मिशन फाॅर सस्टेनेबल एग्रीकल्चर योजना हेतु 631 करोड़ 93 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
- नेशनल
मिशन ऑन नेचुरल फार्मिग योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2022-2023 में प्रदेश
के 49 जनपदों में गौ-आधारित प्राकृतिक खेती का कार्य प्रारम्भ किया गया है
जिसमें गंगा नदी से जुडे 26 जनपद सम्मिलित हैं. - योजनान्तर्गत 1714
क्लस्टर्स आच्छादित हैं जिनका सम्मिलित क्षेत्रफल 85,710 हेक्टेयर है.
योजना के लिए 113 करोड़ 52 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. - कृषकों के निजी नलकूपों को रियायती दरों पर विद्युत आपूर्ति हेतु 1950 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
- राष्ट्रीय कृषि विकास योजना हेतु 984 करोड़ 54 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
- नेशनल क्राॅप इन्श्योरेन्स योजना के लिए 753 करोड़ 70 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
- उत्तर प्रदेश मिलेट्स पुनरूद्धार कार्यक्रम के क्रियान्वयन हेतु 55 करोड़ 60 लाख रूपये की व्यवस्था की गयी है.
- पण्डित दीन दयाल उपाध्याय किसान समृद्धि योजना हेतु 102 करोड़ 81 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
- आत्मनिर्भर कृषक समन्वित योजना हेतु 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था का प्रस्ताव है.
- दलहन और तिलहन बीज मिनी किट वितरण योजना हेतु 15-15 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
- कृषकों के डिजिटल डाटाबेस हेतु एग्री-स्टैक योजना हेतु 2 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
पंचायती राज
- स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) योजनान्तर्गत वर्ष 2023-2024 में
6,65,473 व्यक्तिगत शौचालय निर्माण तथा 330 विकास खण्डों में प्लास्टिक
मैनेजमेन्ट का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. योजना हेतु 2,288 करोड़ रूपये
की व्यवस्था प्रस्तावित है. - राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान योजना
के अन्तर्गत पंचायतों के क्षमता संवर्द्धन, प्रशिक्षण एवं पंचायतों में
संरचनात्मक ढांचे की उपलब्धता हेतु 622 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था
प्रस्तावित है. - मुख्यमंत्री पंचायत प्रोत्साहन योजनाके अन्तर्गत
2478 उत्कृष्ट ग्राम पंचायतों को प्रोत्साहित करने हेतु 85 करोड़ रूपये की
व्यवस्था प्रस्तावित है. - गाँवों में ई-गवर्नेस विस्तार करने हेतु
डाॅ0 राम मनोहर लोहिया पंचायत सशक्तिकरण योजना के लिये 04 करोड़ रूपये की
व्यवस्था प्रस्तावित है. - मैनुअल स्कैवेन्जर मृत्यु क्षतिपूर्ति योजना हेतु में 01 करोड़ 65 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
ग्राम्य विकास
- प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अन्तर्गत वर्ष 2021-2022 में
आवंटित 4,33,536 आवास निर्माण के लक्ष्य के सापेक्ष अब तक 4,24,344 आवासों
का निर्माण पूर्ण कराया जा चुका है तथा शेष आवास निर्माणाधीन है. - वित्तीय
वर्ष 2022-2023 में 8,62,767 आवासों के निर्माण का लक्ष्य प्राप्त हुआ है
जिसके सापेक्ष निर्माण कार्य प्रगति के विभिन्न चरणों पर है. वित्तीय वर्ष
2023-2024 में 12,39,877 आवासों का लक्ष्य प्रस्तावित है. योजना हेतु 9000
करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है. - प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना हेतु 5,966 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
- मुख्यमंत्री
आवास योजना-ग्रामीण के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2018-2019 से 2022-2023 तक
1,43,821 लाभार्थियों को लाभान्वित कराया जा चुका है. वित्तीय वर्ष
2023-2024 के बजट में योजना हेतु 1203 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित
है. - श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन योजना का उद्देश्य गाँवों
के मूल स्वरूप को बनाये रखते हुये ग्रामीण क्षेत्रों में शहरी सुविधाओं को
उपलब्ध कराकर ग्रामीण क्षेत्र से शहर की तरफ पलायन रोकना है. - वित्तीय वर्ष 2023-2024 में योजना हेतु 87.49 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
- वित्तीय
वर्ष 2022-2023 में प्रदेश के 5,89,189 ग्राम पंचायतों में विभिन्न
बैकोेेें के माध्यम से बैकिंग बिजनेस करेस्पाॅण्डेंट सखी की पद स्थापना का
कार्य किया जा रहा है. वर्तमान में 34,292 बीसी सखी द्वारा 7,846 करोड़
रूपये से अधिक का वित्तीय लेनदेन किया गया है. - सुदूर ग्रामों को
विकासखण्डों एवं कस्बों से जोड़ने हेतु आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजना के
अन्तर्गत 453 वाहनों का संचालन समूहों के माध्यम से किया जा रहा है.
नियोजन
- त्वरित आर्थिक विकास येाजना के लिए वित्तीय वर्ष 2023-2024 में नये कार्यों के लिए 1500 करोड रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
- बुन्देलखण्ड की विशेष योजना हेतु 600 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
- पूर्वांचल की विशेष योजनाओं हेतु 525 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
- प्रदेश
के युवाओं को सरकार के साथ नीति, प्रबन्धन, क्रियान्वयन, अनुश्रवण के
कार्यों में सहभागिता का विशिष्ट अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से प्रदेश
सरकार द्वारा मुख्यमंत्री फेलोशिप कार्यक्रम संचालित किया गया है. - कार्यक्रम
के अन्तर्गत प्रदेश के 100 आकांक्षात्मक विकास खंड़ों में केन्द्र/राज्य
सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का समवर्ती मूल्यांकन कार्य करने हेतु विधिक
प्रक्रियान्तर्गत शोधार्थियों का चयन किया गया है. योजना हेतु वित्तीय वर्ष
2023-2024 के बजट मेें 05 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
नगर विकास
- अमृत योजना के अन्तर्गत प्रदेश में जलापूर्ति एवं सीवरेज की कुल
282 परियोजनायें जिनकी कुल लागत 11,156 करोड़ रूपये है, में से पेयजल की 169
परियोजनाओं में 144 तथा सीवरेज की 113 परियोजनाओं में 77 पूर्ण परियोजनाओं
का कार्य प्रगति पर है. - स्वच्छ भारत मिशन नगरीय 1.0 के अन्तर्गत
प्रदेश के 75 नगरीय निकायों में 89 लाख 21 हजार टन लिगेसी वेस्ट एकत्रित था
जिसमें से 51 लाख 21 हजार टन के लिगेसी वेस्ट का निस्तारण कर दिया गया है.
शेष के निस्तारण हेतु कार्य प्रक्रियाधीन है. - प्रधानमंत्री आवासीय योजना (शहरी) के अन्तर्गत वर्ष 2017 से अद्यतन उत्तर प्रदेश में 17.62 लाख मकानों की स्वीकृति प्रदान की गयी है.
- प्रधानमंत्री
आवासीय योजना के अन्तर्गत लाभार्थी आधारित व्यक्तिगत आवास निर्माण घटक के
अन्तर्गत लगभग 12 लाख से अधिक लाभार्थियों को 27,748 करोड़ रूपये की धनराशि
डी0बी0टी0 के माध्यम से हस्तांतरित की गयी. - महाकुम्भ मेला, 2025 का
भव्य आयोजन विश्व स्तरीय सुविधाओं के साथ किया जाना है जिसकी तैयारी
प्रारम्भ कर दी गयी है. वर्ष 2022-2023 में प्रावधानित 621.55 करोड़ रूपये
के सापेक्ष आगामी बजट में 2,500 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. - कान्हा
गौशाला एवं बेसहारा पशु आश्रय योजना के अन्तर्गत कान्हा गौशाला के निर्माण
हेतु वित्तीय वर्ष 2023-2024 के बजट में 100 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था
प्रस्तावित है. - अमृत 2.0 के अन्तर्गत पेयजल, सीवरेज तथा वाॅटर
बाडीज हेतु वर्ष 2022-2023 में 2,000 करोड़ रूपये के बजट के सापेक्ष वित्तीय
वर्ष 2023-2024 में लगभग 180 प्रतिशत की वृद्धि करते हुये 5,616 करोड़
रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. - इसी प्रकार स्वच्छ भारत मिशन 2.0
के अन्तर्गत शौचालय, साॅलिड वेस्ट मैनेजमेन्ट, यूज्ड वाटर मैनेजमेन्ट हेतु
1,356 करोड़ 36 लाख रूपये के सापेक्ष वर्ष 2023-2024 में 2,707 करोड़ 86 लाख
रूपये की व्यवस्था की गयी है जो लगभग 100 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है. - नगर विकास विभाग की नगरीय सड़कों के समुचित विकास हेतु 500 करोड़ रूपये की व्यवस्था है.
- प्रदेश
के धार्मिक एवं ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण नगरीय निकायो में मूलभूत
अवस्थापना सुविधाओं हेतु अनुदान के रूप में 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था
प्रस्तावित है. - प्रदेश के चिन्हित नागर निकायों को आकांक्षी नागर
निकाय के रूप में विकसित करने हेतु आधारभुत संरचना के विकास हेतु अनुदान
दिये जाने के लिये प्रारम्भ की जा रही ’आकांक्षी नागर योजना’ हेतु 100
करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
आवास एवं शहरी नियोजन
- प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के एएचपी घटक के अन्तर्गत वर्तमान में 76 परियोजनाओं में लगभग 48,277 भवन निर्मित किये जा रहे हैं.
- इनमें से 22,718 भवन पूर्ण किये जा चुके हैं जबकि अवशेष भवन मार्च, 2023 तक पूर्ण कर लिया जाना लक्षित है.
- लखनऊ
विकास क्षेत्र तथा प्रदेश के समस्त विकास प्राधिकरणों के विकास क्षेत्र
तथा नगर क्षेत्र में अवस्थापना सुविधाओं का विकास तथा वाराणसी एवं अन्य
शहरों में रोप-वे सेवा विकसित किये जाने हेतु 150 करोड़ रूपये की व्यवस्था
का प्रस्ताव है. - कानपुर मेट्रो रेल परियोजना हेतु वित्तीय वर्ष 2023-2024 में 585 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था का प्रस्ताव है.
- आगरा मेट्रो रेल परियोजना हेतु 465 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था का प्रस्ताव है.
- दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ
काॅरिडोर रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम परियोजना का निर्माण कार्य प्रगति
पर है. वित्तीय वर्ष 2023-2024 में 1306 करोड़ रूपये की व्यवस्था का
प्रस्ताव है. - वाराणसी, गोरखपुर व अन्य शहरों में मेट्रो रेल परियोजना के क्रियान्वयन हेतु 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था का प्रस्ताव है.
मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण/ नये शहर प्रोत्साहन योजना हेतु 3,000 करोड़ रूपये की व्यवस्था का प्रस्ताव है. - गोरखपुर
नगर स्थित गोड़धोइया नाला एवं रामगढ़ ताल के जीर्णोद्धार तथा इण्टरसेप्शन,
डाइवर्जन एवं ट्रीटमेंट सम्बन्धी परियोजना हेतु भूमि अधिग्रहण के लिए 650
करोड़ 10 लाख रूपये की व्यवस्था का प्रस्ताव है.
अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत
- उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा नीति, 2022 के क्रियान्वयन हेतु 317 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
- नीति के अन्तर्गत 05 वर्षाें में 22000 मेगावाॅट विद्युत उत्पाादन क्षमता का लक्ष्य रखा गया है.
- नीति
के अन्तर्गत सरकारी एवं निजी भवनों पर 6000 मेगावाॅट क्षमता के सोलर
रूफटाॅप संयंत्रों की स्थापना, 14000 मेगावाॅट क्षमता यूटिलिटी स्केल सौर
पाॅवर परियोजनाओं/ सोलर पाॅवर पार्क की स्थापना करायी जायेगी 2000 मेगावाॅट
क्षमता पी0एम0 कुसुम योजनान्तर्गत निजी ऑनग्रिड पम्प का सोलराइजेशन एवं
पृथक कृषि विद्युत फीडरोंको सोलराइजेशन कराया जायेगा जिनकी सम्मिलित क्षमता
2000 मेगावाॅट होगी. - उत्तर प्रदेश राज्य जैव ऊर्जा नीति, 2022 के क्रियान्वयन हेतु 45 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
- यह
नीति आगामी 05 वर्ष तक प्रभावी रहेगी ।नीति के अन्तर्गत कृषि अपशिष्ट,
पशुधन अपशिष्ट, चीनी मिलों से प्रेसमड, नगरपालिका के ठोस अपशिष्ट इत्यादि
जैसे विभिन्न जैव अपशिष्टों का उपयोग कम्प्रेस्ड बायो-गैस प्लाण्ट,
बायो-कोल (पैलेट्स और ब्रिकेट्स) बायो-डीजल/ बायो-एथेनाॅल की स्थापना के
लिये निवेश को प्रोत्साहित किया जायेगा. - प्रदेश के लघु एवं सीमान्त
कृषकों को सिंचाई हेतु अनुदान पर सोलर पम्प स्थापित कर लाभान्वित किया गया
है. इस योजना के अन्तर्गत लगभग 29,652 सोलर पम्पों की स्थापना करायी जा
चुकी है. - प्रदेश के विभिन्न ग्रामों के गरीब परिवारों के घरों पर
प्रकाश, पंखे एवं मोबाइल चार्जिंग की सुविधा हेतु 1.93 लाख सोलर पाॅवर पैक
संयंत्रों की स्थापना करायी गयी है. - ग्रामीण क्षेत्रों में
सामुदायिक मार्ग प्रकाश की सुविधा हेतु सोलर स्ट्रीट लाईट संयंत्रों की
स्थापना की योजना क्रियान्वित की जा रही है जिसके अन्तर्गत लगभग 3.10 लाख
सोलर स्ट्रीट लाइट संयंत्रों की स्थापना करायी जा चुकी है.
नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति
- वर्ष 2022-2023 में जल जीवन मिशन के अन्तर्गत राज्य सरकार द्वारा 19,500 करोड़ रूपये का बजट प्राविधान किया गया.
- वर्ष
2023-2024 में जल जीवन मिशन के अन्तर्गत 25,350 करोड़ रूपये की बजट
व्यवस्था प्रस्तावित है. वर्ष 2023-2024 तक इन योजनाओं के अन्तर्गत प्रदेश
के समस्त 2.26 करोड़ घरों में क्रियाशील गृह नल संयोजन प्रदान कर शुद्ध एवं
सत्त पेयजल उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है. - राज्य ग्रामीण
पेयजल कार्यक्रम के अन्तर्गत 188 योजनाओं, जिनकी लागत 455.15 करोड़ रूपये
है, को पूर्ण किये जाने का लक्ष्य निर्धारित है.
लखनऊ. योगी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल का दूसरा
ऐतिहासिक बजट बुधवार को पेश किया. यूपी का अब तक का यह सबसे बड़ा बजट है.
सरकार ने 6 लाख 90 हजार 242 करोड़ 43 लाख का बजट पेश किया. बजट में 32 हजार
721 करोड़ 96 लाख रुपए नई योजनाएं सम्मिलित की गई है.
पशुपालन
वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने बजट पेश किया. उन्होंने बजट भाषण में कहा कि
प्रदेश के निराश्रित/ बेसहारा गोवंश की समस्या के निराकरण के लिए प्रदेश
के समस्त जनपदों में 187 वृहद गो-संरक्षण केन्द्र का निर्माण कराया जाना
लक्षित है, जिसके सापेक्ष 171 केन्द्रों का निर्माण कार्य पूर्ण है.
प्रदेश में बुन्देलखण्ड क्षेत्र में निराश्रित गोवंश की समस्या के
निराकरण के लिए बुन्देलखण्ड के प्रत्येक जनपद में 05-05 गो- आश्रय केन्द्र
स्थापित / क्रियाशील है.
● छुट्टा गोवंश के रख-रखाव हेतु 750 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
● वृहद गौ संरक्षण केन्द्रों की स्थापना हेतु 120 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
● पशु रोग नियंत्रण हेतु 116 करोड़ 52 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
● प्रदेश में भेड़ बाहुल्य जनपदों में भेड़ पालन योजना हेतु 3 करोड़ 44 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
मत्स्य
● प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अन्तर्गत होल सेल फिश मार्केट के लिये 257 करोड़ 50 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
● “मुख्य मंत्री मत्स्य संपदा योजनान्तर्गत 10 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
● “निषादराज बोट सब्सिडी योजनान्तर्गत 5 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
◆ प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना हेतु 741 करोड़ 98 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
● राष्ट्रीय औद्यानिक मिशन हेतु 206 करोड़ 27 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
● उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति, 2022 के क्रियान्वयन के
लिए 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गयी है. प्रदेश के कृषकों को
गुणवत्तापूर्ण टिश्यू कल्चर केला पौध उपलब्ध कराने के लिए ऊतक सम्बर्धन
प्रयोगशाला की स्थापना के लिए 10 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
● सहारनपुर में सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स फॉर हनी की स्थापना के लिये 10 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
वित्त मंत्री ने कहा कि प्रदेश में उच्च शिक्षा के उद्देश्यों की पूर्ति
के लिए वर्तमान में 19 राज्य विश्वविद्यालय, 01 मुक्त विश्वविद्यालय, 01
डीम्ड विश्वविद्यालय 30 निजी विश्वविद्यालय, 172 राजकीय महाविद्यालय, 331
सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालय एवं 7372 स्ववित्त पोषित महाविद्यालय
संचालित हैं.
नैक रैंकिंग में लखनऊ एवं गोरखपुर विश्वविद्यालयों को ए-डबल प्लस श्रेणी
प्राप्त हुई है. इसी प्रकार के० जी०एम०यू० को भी नैक रैंकिंग में ए प्लस
श्रेणी प्राप्त हुई है.
● मदन मोहन मालवीय तकनीकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर को ए श्रेणी प्राप्त
हुई है. भारत में प्रथम बार किसी कृषि विश्वविद्यालय को नैक रैंकिंग प्रदान
हुई है और यह श्रेय प्रदेश के कानपुर कृषि विश्वविद्यालय को प्राप्त हुआ
है. प्रदेश के निजी विश्वविद्यालयों में से एमिटी विश्वविद्यालय को
ए-श्रेणी तथा शारदा विश्वविद्यालय, गलगोटिया विश्वविद्यालय एवं जी.एल.ए.
विश्वविद्यालय को ए प्लस श्रेणी प्राप्त हुई है.
● प्रदेश में प्रथम बार 11 विश्वविद्यालयों द्वारा नेशनल इंस्टीट्यूशनल
रैंकिंग की तैयारी कर सहभाग लिया है. चार विश्वविद्यालय विश्वस्तरीय
रैंकिंग के लिए क्यू.आई.एस. रैंकिंग में भाग ले रहे हैं. विन्ध्याचल धाम
मण्डल में माँ विन्ध्यवासिनी राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना के लिये 50
करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
● देवीपाटन मण्डल में माँ पाटेश्वरी देवी राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
● मुरादाबाद मण्डल में राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
● ग्राम पंचायत एवं वार्ड स्तर पर डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना हेतु 300 करोड़ रूपये व्यवस्था प्रस्तावित है.
आई.टी. और इलेक्ट्राॅनिक्स
- वित्तीय वर्ष 2021-22 में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रदेश के
युवाओं के तकनीकी सशक्तिकरण के लिए टैबलेट/स्मार्टफोन वितरण योजना लागू की
गई. इस पायलट योजना का विस्तार करते हुये लोक कल्याण संकल्प पत्र-2022 में
स्वामी विवेकानन्द युवा सशक्तिकरण योजनान्तर्गत अनुरूप 02 करोड़
टैबलेट/स्मार्टफोन का 05 वर्षों में वितरण किये जाने का लक्ष्य निर्धारित
किया गया है. योजना के लिए 3600 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. - उत्तर प्रदेश इलेक्ट्राॅनिक्स विनिर्माण नीति के कार्यान्वयन के लिए 401 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
स्टेट डाटा सेन्टर हेतु 85 करोड़ 89 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. - उत्तर प्रदेश सूचना प्रौद्योगिकी एवं स्टार्टअप नीति के लिए 60 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
- प्रदेश
में सूचना प्रौद्योगिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी जनित सेवा क्षेत्र में
इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए प्रदेश में आई.टी. पाक्र्स की स्थापना की जा
रही है. उ.प्र. सूचना प्रौद्योगिकी नीति-2017-2022 के तहत राज्य को लगभग
53,000 व्यक्तियों को रोजगार के साथ लगभग 6,300 करोड़ रूपये के निवेश
प्रस्ताव प्राप्त हुये हैं. - प्रदेश सरकार द्वारा नई उ0प्र0 सूचना
प्रौद्योगिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी जनित सेवा नीति-2022 दिनांक 18
नवम्बर, 2022 को अधिसूचित की गयी है. इसके अन्तर्गत लगभग रूपये 5000 करोड़
के निवेश का अनुमान है जिससे लगभग 50,000 व्यक्तियों के लिए प्रत्यक्ष एवं
1,00,000 व्यक्तियों के लिए अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने का अनुमान है.
खादी एवं ग्रामोद्योग
- पं. दीनदयाल ग्रामोद्योग रोजगार योजनान्तर्गत भारत सरकार के
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना में लाभान्वित लाभार्थियों को ब्याज उपादान
की सुविधा 3 वर्षों तक दिये जाने का प्रावधान है. इस योजना के लिए 10 करोड़
रूपये की बजट व्यवस्था प्र्रस्तावित है. - खादी एवं ग्रोमोद्योग
विकास एवं सत्त स्वरोजगार प्रोत्साहन नीति के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष
2023-2024 में 13 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जिससे हाथ कागज
केन्द्र कालपी-जालौन के पुनरूद्धार, दोना पत्तली मशीन का वितरण, सोलर चर्खा
का वितरण कार्य किये जायेंगे. - प्रदेश में माटी कला के पराम्परागत
कारीगारेां को रोजगार से जोड़ने के लिये वित्तीय वर्ष 2023-2024 में 10 करोड़
रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जिससे माटी कला समन्वित विकास कार्यक्रम व
जनपद लखनऊ में माटी कला टेराकोटा प्रशिक्षण एवं फैसलिटी सेन्टर की स्थापना
कराया जाना प्रस्तावित है. - हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग कृषि क्षेत्र
के बाद हथकरघा उद्योग सर्वाधिक रोजगार उपलब्ध कराने वाला विकेन्द्रीकृत
कुटीर उद्योग है. प्रदेश में लगभग 1.91 लाख (एक लाख इक्यानबे हजार) हथकरघा
बुनकर एवं लगभग 80 हजार हथकरघे हैं. - प्रदेश में 2.58 लाख पावरलूम कार्यरत हैं जिसके माध्यम से 5.50 लाख पावरलूम बुनकर अपना जीविको-पार्जन कर रहे हैं.
वस्त्र
क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने एवं प्रदेश में अधिकाधिक रोजगार सृजन
करने के उद्देश्य से उ.प्र. टेक्सटाइल एण्ड गारमेंटिंग पालिसी-2022
प्रख्यापित की गई है जिसमें वस्त्र क्षेत्र के निवेशकों और नया स्वरोजगार
प्रारम्भ करने वाले युवाओं को अनेक वित्तीय सुविधायें अनुमन्य की गयी हैं
जिसके लिये 150 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है. - गारमेन्टिंग नीति, 2017 के अन्तर्गत 175 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
- प्रदेश के पावरलूम बुनकरों को रियायती दरों पर विद्युत उपलब्ध करायी जा रही है. इस के लिए 345 करोड रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
- मुख्यमंत्री
पाॅवर लूम उद्योग विकास योजना हेतु 20 करोड़ रूपये और मुख्यमंत्री बुनकर
सौर ऊर्जा योजना हेतु 10 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. - झलकारी बाई कोरी हथकरघा एवं पाॅवर लूम विकास योजना हेतु लगभग 18 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
सहकारिता
- रासायनिक उर्वरकों के अग्रिम भण्डारण के लिए 175 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
- जिला सहकारी बैंकों के वित्तीय सुदृढ़ीकरण के लिए 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
- वर्ष 2021-2022 में 7,556.91 करोड़ रूपये का ऋण वितरण किया गया है, जिससे 18.76 लाख कृषकों को लाभान्वित हुए.
- वर्ष 2022-2023 में दिनांक 30-11-2022 तक 6936.76 करोड़ रूपये का ऋण वितरित कर 15.41 लाख कृषकों को लाभान्वित किया गया.
उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण
- प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के लिए 741 करोड़ 98 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
- राष्ट्रीय औद्यानिक मिशन के लिए 206 करोड़ 27 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
- उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति, 2022 के क्रियान्वयन के लिए 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गयी है.
प्रदेश
के कृषकों को गुणवत्तापूर्ण टिश्यू कल्चर केला पौध उपलब्ध कराने हेतु ऊतक
सम्वर्धन प्रयोगशाला की स्थापना हेतु 10 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित
है. - सहारनपुर में सेन्टर आफ एक्सीलेन्स फाॅर हनी की स्थापना के लिये 10 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
दुग्ध विकास
- भारत विश्व में सर्वाधिक दुग्ध उत्पादन करने वाला देश है जिसमें
उत्तर प्रदेश सर्वाधिक दुग्ध उत्पादनकर्ता राज्य है. दिन प्रतिदिन बढ़ती हुई
जनसंख्या एवं घटती हुई कृषि योग्य भूमि के कारण दुग्ध व्यवसाय ही एकमात्र
ऐसा व्यवसाय है, जो ग्रामीण क्षेत्र के अनुसूचित जाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग
के निर्बल, भूमिहीन मजदूर, बेरोजगारों के लिए अतिरिक्त आय का लाभप्रद साधन
है. - वर्तमान दुग्ध संघों के सुदृढ़ीकरण एवं पुनर्जीवित करने की योजना के लिए 86 करोड़ 95 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
- नन्द बाबा दुग्ध मिशन के क्रियान्वयन के लिए वित्तीय वर्ष 2023-2024 में 61 करोड़ 21 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
जनपद मेरठ व वाराणसी में डेयरी परियोजनाओं हेतु 60 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. - उत्तर
प्रदेश दुग्धशाला विकास एवं दुग्ध उत्पाद प्रोत्साहन नीति, 2022 के
अन्तर्गत प्रदेश में स्थापित होने वाले दुग्ध उद्योग की इकाईयों को वित्तीय
अनुदान, रियायतें एवं अन्य सुविधाएं प्रदान किये जाने हेतु 25 करोड़ रूपये
की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है.
कृषि शिक्षा एवं अनुसन्धान
- कृषकों की आय में अभिवृद्धि हेतु कृषि शिक्षा, शोध एवं अनुसंधान के
साथ-साथ प्रसार कार्यक्रमों की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जा रही
है. - प्रदेश के 04 कृषि विश्वविद्यालयों में एग्रीटेक स्टार्टअप योजना हेतु 20 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
- महात्मा बुद्ध कृषि एवं प्रोद्योगिक विश्वविद्यालय, कुशीनगर की स्थापना के लिए 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
- कृषि विश्वविद्यालय कानपुर, अयोध्या, बाँदा तथा मेरठ में अवस्थापना कार्यों के लिए लगभग 35 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
- आचार्य
नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, अयोध्या के अन्तर्गत
कृषि महाविद्यालय (कैम्पस) आजमगढ़ में पठन- पाठन का कार्य प्रारम्भ हो चुका
है तथा जनपद गोण्डा में कृषि महाविद्यालय (कैम्पस) की स्थापना का निर्माण
कार्य प्रगति पर है.
गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग
- चीनी उद्योग, उत्तर प्रदेश का कृषि आधारित महत्वपूर्ण उद्योग है
तथा प्रदेश के लगभग 46 लाख गन्ना आपूर्तिकर्ता किसानों के परिवार की
आजीविका का मुख्य आधार है. - पेराई सत्र 2021-22 में प्रदेश में
27.60 लाख हेक्टेयर में गन्ने की खेती की गई तथा 120 चीनी मिलों द्वारा
1016 लाख टन गन्ने की पेराई कर 101.98 लाख टन चीनी का उत्पादन किया गया. - वर्तमान
पेराई सत्र 2022-23 में 117 चीनी मिलों का संचालन हुआ है एवं इस सत्र में
प्रदेश का गन्ना क्षेत्रफल 28.53 लाख हेक्टेयर है, जिससे चीनी का उत्पादन
105 लाख टन से अधिक होने का अनुमान है. - वर्तमान सरकार द्वारा
कृषकों को गन्ना मूल्य भुगतान समय से सुनिश्चित कराने हेतु वर्ष 2017 से
एस्क्रो अकाउण्ट मैकेनिज्म प्रारम्भ किया गया है जिससे गन्ना मूल्य खाता
केवल मिल प्रतिनिधि के स्थान पर अब मिल प्रतिनिधि एवं जिला गन्ना अधिकारी
तथा ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक के संयुक्त हस्ताक्षर से संचालित किया जा
रहा है. चीनी मिलों द्वारा गन्ना मूल्य मद की धनराशि के व्यावर्तन पर
पूर्ण अंकुश लगा है. - विगत पांच वर्षों में 27,531 हेक्टेयर गन्ना
खेती में ड्रिप इरीगेशन संयंत्र की स्थापना हुई है. इससे 50 प्रतिशत तक
सिंचाई जल की बचत होगी. - सिंचाई जल के साथ पोषक तत्वों के प्रयोग से
50 प्रतिशत रासायनिक उर्वरकों की बचत होगी, साथ ही ड्रिप इरीगेशन के
माध्यम से क्षारयुक्त और अल्प वर्षों वाले क्षेत्रों में भी गन्ने की खेती
सम्भव हो सकेगी.
कृषि
- कृषकों को कृषि की समग्र नवीनतम तकनीक से प्रशिक्षित करने हेतु एक
नवोन्मेषी कार्यक्रम ‘‘ द मिलियन फार्मर्स स्कूल’’ का आयोजन पूरे प्रदेश
में किया जा रहा है. - वर्ष 2023-2024 में 17000 किसान पाठशालाओं का आयोजन प्रस्तावित है.
- प्रधानमंत्री
किसान सम्मान निधि योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2022-2023 में माह
नवम्बर, 2022 तक 12 किस्तों में 51,639 करोड़ रूपये का भुगतान डीबीटी के
माध्यम से कृषकों के बैंक खातों में किया गया. - नेशनल मिशन फाॅर सस्टेनेबल एग्रीकल्चर योजना हेतु 631 करोड़ 93 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
- नेशनल
मिशन ऑन नेचुरल फार्मिग योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2022-2023 में प्रदेश
के 49 जनपदों में गौ-आधारित प्राकृतिक खेती का कार्य प्रारम्भ किया गया है
जिसमें गंगा नदी से जुडे 26 जनपद सम्मिलित हैं. - योजनान्तर्गत 1714
क्लस्टर्स आच्छादित हैं जिनका सम्मिलित क्षेत्रफल 85,710 हेक्टेयर है.
योजना के लिए 113 करोड़ 52 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. - कृषकों के निजी नलकूपों को रियायती दरों पर विद्युत आपूर्ति हेतु 1950 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
- राष्ट्रीय कृषि विकास योजना हेतु 984 करोड़ 54 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
- नेशनल क्राॅप इन्श्योरेन्स योजना के लिए 753 करोड़ 70 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
- उत्तर प्रदेश मिलेट्स पुनरूद्धार कार्यक्रम के क्रियान्वयन हेतु 55 करोड़ 60 लाख रूपये की व्यवस्था की गयी है.
- पण्डित दीन दयाल उपाध्याय किसान समृद्धि योजना हेतु 102 करोड़ 81 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
- आत्मनिर्भर कृषक समन्वित योजना हेतु 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था का प्रस्ताव है.
- दलहन और तिलहन बीज मिनी किट वितरण योजना हेतु 15-15 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
- कृषकों के डिजिटल डाटाबेस हेतु एग्री-स्टैक योजना हेतु 2 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
पंचायती राज
- स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) योजनान्तर्गत वर्ष 2023-2024 में
6,65,473 व्यक्तिगत शौचालय निर्माण तथा 330 विकास खण्डों में प्लास्टिक
मैनेजमेन्ट का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. योजना हेतु 2,288 करोड़ रूपये
की व्यवस्था प्रस्तावित है. - राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान योजना
के अन्तर्गत पंचायतों के क्षमता संवर्द्धन, प्रशिक्षण एवं पंचायतों में
संरचनात्मक ढांचे की उपलब्धता हेतु 622 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था
प्रस्तावित है. - मुख्यमंत्री पंचायत प्रोत्साहन योजनाके अन्तर्गत
2478 उत्कृष्ट ग्राम पंचायतों को प्रोत्साहित करने हेतु 85 करोड़ रूपये की
व्यवस्था प्रस्तावित है. - गाँवों में ई-गवर्नेस विस्तार करने हेतु
डाॅ0 राम मनोहर लोहिया पंचायत सशक्तिकरण योजना के लिये 04 करोड़ रूपये की
व्यवस्था प्रस्तावित है. - मैनुअल स्कैवेन्जर मृत्यु क्षतिपूर्ति योजना हेतु में 01 करोड़ 65 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
ग्राम्य विकास
- प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अन्तर्गत वर्ष 2021-2022 में
आवंटित 4,33,536 आवास निर्माण के लक्ष्य के सापेक्ष अब तक 4,24,344 आवासों
का निर्माण पूर्ण कराया जा चुका है तथा शेष आवास निर्माणाधीन है. - वित्तीय
वर्ष 2022-2023 में 8,62,767 आवासों के निर्माण का लक्ष्य प्राप्त हुआ है
जिसके सापेक्ष निर्माण कार्य प्रगति के विभिन्न चरणों पर है. वित्तीय वर्ष
2023-2024 में 12,39,877 आवासों का लक्ष्य प्रस्तावित है. योजना हेतु 9000
करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है. - प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना हेतु 5,966 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
- मुख्यमंत्री
आवास योजना-ग्रामीण के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2018-2019 से 2022-2023 तक
1,43,821 लाभार्थियों को लाभान्वित कराया जा चुका है. वित्तीय वर्ष
2023-2024 के बजट में योजना हेतु 1203 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित
है. - श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन योजना का उद्देश्य गाँवों
के मूल स्वरूप को बनाये रखते हुये ग्रामीण क्षेत्रों में शहरी सुविधाओं को
उपलब्ध कराकर ग्रामीण क्षेत्र से शहर की तरफ पलायन रोकना है. - वित्तीय वर्ष 2023-2024 में योजना हेतु 87.49 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
- वित्तीय
वर्ष 2022-2023 में प्रदेश के 5,89,189 ग्राम पंचायतों में विभिन्न
बैकोेेें के माध्यम से बैकिंग बिजनेस करेस्पाॅण्डेंट सखी की पद स्थापना का
कार्य किया जा रहा है. वर्तमान में 34,292 बीसी सखी द्वारा 7,846 करोड़
रूपये से अधिक का वित्तीय लेनदेन किया गया है. - सुदूर ग्रामों को
विकासखण्डों एवं कस्बों से जोड़ने हेतु आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजना के
अन्तर्गत 453 वाहनों का संचालन समूहों के माध्यम से किया जा रहा है.
नियोजन
- त्वरित आर्थिक विकास येाजना के लिए वित्तीय वर्ष 2023-2024 में नये कार्यों के लिए 1500 करोड रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
- बुन्देलखण्ड की विशेष योजना हेतु 600 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
- पूर्वांचल की विशेष योजनाओं हेतु 525 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
- प्रदेश
के युवाओं को सरकार के साथ नीति, प्रबन्धन, क्रियान्वयन, अनुश्रवण के
कार्यों में सहभागिता का विशिष्ट अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से प्रदेश
सरकार द्वारा मुख्यमंत्री फेलोशिप कार्यक्रम संचालित किया गया है. - कार्यक्रम
के अन्तर्गत प्रदेश के 100 आकांक्षात्मक विकास खंड़ों में केन्द्र/राज्य
सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का समवर्ती मूल्यांकन कार्य करने हेतु विधिक
प्रक्रियान्तर्गत शोधार्थियों का चयन किया गया है. योजना हेतु वित्तीय वर्ष
2023-2024 के बजट मेें 05 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
नगर विकास
- अमृत योजना के अन्तर्गत प्रदेश में जलापूर्ति एवं सीवरेज की कुल
282 परियोजनायें जिनकी कुल लागत 11,156 करोड़ रूपये है, में से पेयजल की 169
परियोजनाओं में 144 तथा सीवरेज की 113 परियोजनाओं में 77 पूर्ण परियोजनाओं
का कार्य प्रगति पर है. - स्वच्छ भारत मिशन नगरीय 1.0 के अन्तर्गत
प्रदेश के 75 नगरीय निकायों में 89 लाख 21 हजार टन लिगेसी वेस्ट एकत्रित था
जिसमें से 51 लाख 21 हजार टन के लिगेसी वेस्ट का निस्तारण कर दिया गया है.
शेष के निस्तारण हेतु कार्य प्रक्रियाधीन है. - प्रधानमंत्री आवासीय योजना (शहरी) के अन्तर्गत वर्ष 2017 से अद्यतन उत्तर प्रदेश में 17.62 लाख मकानों की स्वीकृति प्रदान की गयी है.
- प्रधानमंत्री
आवासीय योजना के अन्तर्गत लाभार्थी आधारित व्यक्तिगत आवास निर्माण घटक के
अन्तर्गत लगभग 12 लाख से अधिक लाभार्थियों को 27,748 करोड़ रूपये की धनराशि
डी0बी0टी0 के माध्यम से हस्तांतरित की गयी. - महाकुम्भ मेला, 2025 का
भव्य आयोजन विश्व स्तरीय सुविधाओं के साथ किया जाना है जिसकी तैयारी
प्रारम्भ कर दी गयी है. वर्ष 2022-2023 में प्रावधानित 621.55 करोड़ रूपये
के सापेक्ष आगामी बजट में 2,500 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. - कान्हा
गौशाला एवं बेसहारा पशु आश्रय योजना के अन्तर्गत कान्हा गौशाला के निर्माण
हेतु वित्तीय वर्ष 2023-2024 के बजट में 100 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था
प्रस्तावित है. - अमृत 2.0 के अन्तर्गत पेयजल, सीवरेज तथा वाॅटर
बाडीज हेतु वर्ष 2022-2023 में 2,000 करोड़ रूपये के बजट के सापेक्ष वित्तीय
वर्ष 2023-2024 में लगभग 180 प्रतिशत की वृद्धि करते हुये 5,616 करोड़
रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. - इसी प्रकार स्वच्छ भारत मिशन 2.0
के अन्तर्गत शौचालय, साॅलिड वेस्ट मैनेजमेन्ट, यूज्ड वाटर मैनेजमेन्ट हेतु
1,356 करोड़ 36 लाख रूपये के सापेक्ष वर्ष 2023-2024 में 2,707 करोड़ 86 लाख
रूपये की व्यवस्था की गयी है जो लगभग 100 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है. - नगर विकास विभाग की नगरीय सड़कों के समुचित विकास हेतु 500 करोड़ रूपये की व्यवस्था है.
- प्रदेश
के धार्मिक एवं ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण नगरीय निकायो में मूलभूत
अवस्थापना सुविधाओं हेतु अनुदान के रूप में 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था
प्रस्तावित है. - प्रदेश के चिन्हित नागर निकायों को आकांक्षी नागर
निकाय के रूप में विकसित करने हेतु आधारभुत संरचना के विकास हेतु अनुदान
दिये जाने के लिये प्रारम्भ की जा रही ’आकांक्षी नागर योजना’ हेतु 100
करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
आवास एवं शहरी नियोजन
- प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के एएचपी घटक के अन्तर्गत वर्तमान में 76 परियोजनाओं में लगभग 48,277 भवन निर्मित किये जा रहे हैं.
- इनमें से 22,718 भवन पूर्ण किये जा चुके हैं जबकि अवशेष भवन मार्च, 2023 तक पूर्ण कर लिया जाना लक्षित है.
- लखनऊ
विकास क्षेत्र तथा प्रदेश के समस्त विकास प्राधिकरणों के विकास क्षेत्र
तथा नगर क्षेत्र में अवस्थापना सुविधाओं का विकास तथा वाराणसी एवं अन्य
शहरों में रोप-वे सेवा विकसित किये जाने हेतु 150 करोड़ रूपये की व्यवस्था
का प्रस्ताव है. - कानपुर मेट्रो रेल परियोजना हेतु वित्तीय वर्ष 2023-2024 में 585 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था का प्रस्ताव है.
- आगरा मेट्रो रेल परियोजना हेतु 465 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था का प्रस्ताव है.
- दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ
काॅरिडोर रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम परियोजना का निर्माण कार्य प्रगति
पर है. वित्तीय वर्ष 2023-2024 में 1306 करोड़ रूपये की व्यवस्था का
प्रस्ताव है. - वाराणसी, गोरखपुर व अन्य शहरों में मेट्रो रेल परियोजना के क्रियान्वयन हेतु 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था का प्रस्ताव है.
मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण/ नये शहर प्रोत्साहन योजना हेतु 3,000 करोड़ रूपये की व्यवस्था का प्रस्ताव है. - गोरखपुर
नगर स्थित गोड़धोइया नाला एवं रामगढ़ ताल के जीर्णोद्धार तथा इण्टरसेप्शन,
डाइवर्जन एवं ट्रीटमेंट सम्बन्धी परियोजना हेतु भूमि अधिग्रहण के लिए 650
करोड़ 10 लाख रूपये की व्यवस्था का प्रस्ताव है.
अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत
- उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा नीति, 2022 के क्रियान्वयन हेतु 317 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
- नीति के अन्तर्गत 05 वर्षाें में 22000 मेगावाॅट विद्युत उत्पाादन क्षमता का लक्ष्य रखा गया है.
- नीति
के अन्तर्गत सरकारी एवं निजी भवनों पर 6000 मेगावाॅट क्षमता के सोलर
रूफटाॅप संयंत्रों की स्थापना, 14000 मेगावाॅट क्षमता यूटिलिटी स्केल सौर
पाॅवर परियोजनाओं/ सोलर पाॅवर पार्क की स्थापना करायी जायेगी 2000 मेगावाॅट
क्षमता पी0एम0 कुसुम योजनान्तर्गत निजी ऑनग्रिड पम्प का सोलराइजेशन एवं
पृथक कृषि विद्युत फीडरोंको सोलराइजेशन कराया जायेगा जिनकी सम्मिलित क्षमता
2000 मेगावाॅट होगी. - उत्तर प्रदेश राज्य जैव ऊर्जा नीति, 2022 के क्रियान्वयन हेतु 45 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
- यह
नीति आगामी 05 वर्ष तक प्रभावी रहेगी ।नीति के अन्तर्गत कृषि अपशिष्ट,
पशुधन अपशिष्ट, चीनी मिलों से प्रेसमड, नगरपालिका के ठोस अपशिष्ट इत्यादि
जैसे विभिन्न जैव अपशिष्टों का उपयोग कम्प्रेस्ड बायो-गैस प्लाण्ट,
बायो-कोल (पैलेट्स और ब्रिकेट्स) बायो-डीजल/ बायो-एथेनाॅल की स्थापना के
लिये निवेश को प्रोत्साहित किया जायेगा. - प्रदेश के लघु एवं सीमान्त
कृषकों को सिंचाई हेतु अनुदान पर सोलर पम्प स्थापित कर लाभान्वित किया गया
है. इस योजना के अन्तर्गत लगभग 29,652 सोलर पम्पों की स्थापना करायी जा
चुकी है. - प्रदेश के विभिन्न ग्रामों के गरीब परिवारों के घरों पर
प्रकाश, पंखे एवं मोबाइल चार्जिंग की सुविधा हेतु 1.93 लाख सोलर पाॅवर पैक
संयंत्रों की स्थापना करायी गयी है. - ग्रामीण क्षेत्रों में
सामुदायिक मार्ग प्रकाश की सुविधा हेतु सोलर स्ट्रीट लाईट संयंत्रों की
स्थापना की योजना क्रियान्वित की जा रही है जिसके अन्तर्गत लगभग 3.10 लाख
सोलर स्ट्रीट लाइट संयंत्रों की स्थापना करायी जा चुकी है.
नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति
- वर्ष 2022-2023 में जल जीवन मिशन के अन्तर्गत राज्य सरकार द्वारा 19,500 करोड़ रूपये का बजट प्राविधान किया गया.
- वर्ष
2023-2024 में जल जीवन मिशन के अन्तर्गत 25,350 करोड़ रूपये की बजट
व्यवस्था प्रस्तावित है. वर्ष 2023-2024 तक इन योजनाओं के अन्तर्गत प्रदेश
के समस्त 2.26 करोड़ घरों में क्रियाशील गृह नल संयोजन प्रदान कर शुद्ध एवं
सत्त पेयजल उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है. - राज्य ग्रामीण
पेयजल कार्यक्रम के अन्तर्गत 188 योजनाओं, जिनकी लागत 455.15 करोड़ रूपये
है, को पूर्ण किये जाने का लक्ष्य निर्धारित है.