नई दिल्ली : केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने स्वयंभू
जांचकर्ता दीप्ति आर पिन्नीति के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है, जिसमें
आरोप लगाया गया है कि उन्होंने अपने दावों का समर्थन करने के लिए एक
यूट्यूब वीडियो में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ
सिंह जैसे गणमान्य व्यक्तियों के “जाली” पत्रों का हवाला दिया था. बॉलीवुड
सुपरस्टार की पांच साल पहले दुबई में बाथटब में डूबने से मौत हो गई थी.
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, मुंबई स्थित वकील चांदनी शाह की शिकायत के
बाद पिछले साल सीबीआई ने दीप्ति और उनके वकील भरत सुरेश कामथ के खिलाफ
मामला दर्ज किया था, जिसे प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एजेंसी को भेजा
था.
वकील ने आरोप लगाया कि दीप्ति ने पीएम और रक्षा मंत्री के पत्र, सुप्रीम
कोर्ट से संबंधित दस्तावेज और यूएई सरकार के रिकॉर्ड पेश किए, जो फर्जी
प्रतीत होते हैं. अपनी जांच के आधार पर दीप्ति ने दावा किया कि यह भारत और
यूएई सरकारों के बीच “कवर-अप” है. शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में कहा,
“संदिग्ध दीप्ति रानी पिन्नीति ने बार-बार सरकार पर श्रीदेवी की मौत का
प्रायोजक होने का विचित्र आरोप लगाकर वर्तमान सरकार की छवि खराब की है.
CBI की चार्जशीट को लेकर अविश्वास- दीप्ति ने पीटीआई-भाषा से कहा कि वह सीबीआई की चार्जशीट को लेकर अविश्वास
में हैं. उसने कहा कि “यह विश्वास करना कठिन है कि सीबीआई ने मेरा बयान
दर्ज किए बिना मेरे खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है. इसके अलावा, आरोप तय
होने पर सबूत अदालत को दिए जाएंगे.जब विचाराधीन पत्र उन्हीं प्राधिकारियों
के खिलाफ़ आरोप लगाते हैं जिनके अधीन सीबीआई आती है, तो सबूत इकट्ठा करने
वाली इकाई बनने के लिए सीबीआई संघर्ष की एक पार्टी बन जाती है.”
सीबीआई ने 2 दिसंबर को उनके भुवनेश्वर स्थित आवास पर तलाशी ली और फोन और
लैपटॉप जब्त कर लिए. दीप्ति श्रीदेवी के साथ-साथ सुशांत सिंह राजपूत की
मौत पर सोशल मीडिया चर्चाओं में सक्रिय भागीदार रही हैं.
नई दिल्ली : केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने स्वयंभू
जांचकर्ता दीप्ति आर पिन्नीति के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है, जिसमें
आरोप लगाया गया है कि उन्होंने अपने दावों का समर्थन करने के लिए एक
यूट्यूब वीडियो में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ
सिंह जैसे गणमान्य व्यक्तियों के “जाली” पत्रों का हवाला दिया था. बॉलीवुड
सुपरस्टार की पांच साल पहले दुबई में बाथटब में डूबने से मौत हो गई थी.
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, मुंबई स्थित वकील चांदनी शाह की शिकायत के
बाद पिछले साल सीबीआई ने दीप्ति और उनके वकील भरत सुरेश कामथ के खिलाफ
मामला दर्ज किया था, जिसे प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एजेंसी को भेजा
था.
वकील ने आरोप लगाया कि दीप्ति ने पीएम और रक्षा मंत्री के पत्र, सुप्रीम
कोर्ट से संबंधित दस्तावेज और यूएई सरकार के रिकॉर्ड पेश किए, जो फर्जी
प्रतीत होते हैं. अपनी जांच के आधार पर दीप्ति ने दावा किया कि यह भारत और
यूएई सरकारों के बीच “कवर-अप” है. शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में कहा,
“संदिग्ध दीप्ति रानी पिन्नीति ने बार-बार सरकार पर श्रीदेवी की मौत का
प्रायोजक होने का विचित्र आरोप लगाकर वर्तमान सरकार की छवि खराब की है.
CBI की चार्जशीट को लेकर अविश्वास- दीप्ति ने पीटीआई-भाषा से कहा कि वह सीबीआई की चार्जशीट को लेकर अविश्वास
में हैं. उसने कहा कि “यह विश्वास करना कठिन है कि सीबीआई ने मेरा बयान
दर्ज किए बिना मेरे खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है. इसके अलावा, आरोप तय
होने पर सबूत अदालत को दिए जाएंगे.जब विचाराधीन पत्र उन्हीं प्राधिकारियों
के खिलाफ़ आरोप लगाते हैं जिनके अधीन सीबीआई आती है, तो सबूत इकट्ठा करने
वाली इकाई बनने के लिए सीबीआई संघर्ष की एक पार्टी बन जाती है.”
सीबीआई ने 2 दिसंबर को उनके भुवनेश्वर स्थित आवास पर तलाशी ली और फोन और
लैपटॉप जब्त कर लिए. दीप्ति श्रीदेवी के साथ-साथ सुशांत सिंह राजपूत की
मौत पर सोशल मीडिया चर्चाओं में सक्रिय भागीदार रही हैं.