बीकानेर में कई ऐसे प्राचीन मंदिर है जो काफी रहस्यमई और चमत्कारिक हैं.
ऐसा ही एक मंदिर है जो काफी चमत्कारिक है. हम बात कर रहे हैं बीकानेर से
20 किलोमीटर दूर गाढ़वाला में शिवबाड़ी नाम से प्रसिद्ध भगवान शिव के मंदिर
की. जहां रोजाना लोग दर्शन करने के लिए आते हैं.
इस मंदिर की खासियत है कि यहां मंदिर में भगवान के अवतार की पत्थर पर कई
प्रतिमाएं है. इन प्रतिमाओं को एक तरफ गिनते हैं और दूसरी तरफ से गिनते है
तो प्रतिमाओं की संख्या में अंतर आता है. यह राज आजतक सुलझ नहीं पाया है.
ग्रामीण हुक्माराम ने बताया कि यह मंदिर करीब 500 साल पुराना है. यहां
भगवान शिव का मंदिर है. इस मंदिर में सभी प्रतिमाएं देवी देवताओं की है.
यहां सभी भगवान के अवतार की प्रतिमाएं हैं. इस मंदिर में पूरी भागवत कथा
में बताए गए देवी देवताओं की प्रतिमाएं है. इस मंदिर में जो भी लोग अपनी
मनोकामना लेकर आते है वो भगवान शिव पूरी करते है. यहां हर साल शिवरात्रि पर
मेला लगता है. जहां बड़ी संख्या में ग्रामीण दर्शन करने के लिए आते है.
यहां शिवलिंग के अखिपुरी महाराज की समाधि भी है.
पत्थर से बनी हैं सभी प्रतिमाएं
हुक्माराम बताते है कि यहां सभी देवी-देवसाओं की प्रतिमाएं पत्थर पर बनी
हुई है. साथ ही इन प्रतिमाओं के नीचे उनका नाम भी लिखा हुआ है.
बीकानेर में कई ऐसे प्राचीन मंदिर है जो काफी रहस्यमई और चमत्कारिक हैं.
ऐसा ही एक मंदिर है जो काफी चमत्कारिक है. हम बात कर रहे हैं बीकानेर से
20 किलोमीटर दूर गाढ़वाला में शिवबाड़ी नाम से प्रसिद्ध भगवान शिव के मंदिर
की. जहां रोजाना लोग दर्शन करने के लिए आते हैं.
इस मंदिर की खासियत है कि यहां मंदिर में भगवान के अवतार की पत्थर पर कई
प्रतिमाएं है. इन प्रतिमाओं को एक तरफ गिनते हैं और दूसरी तरफ से गिनते है
तो प्रतिमाओं की संख्या में अंतर आता है. यह राज आजतक सुलझ नहीं पाया है.
ग्रामीण हुक्माराम ने बताया कि यह मंदिर करीब 500 साल पुराना है. यहां
भगवान शिव का मंदिर है. इस मंदिर में सभी प्रतिमाएं देवी देवताओं की है.
यहां सभी भगवान के अवतार की प्रतिमाएं हैं. इस मंदिर में पूरी भागवत कथा
में बताए गए देवी देवताओं की प्रतिमाएं है. इस मंदिर में जो भी लोग अपनी
मनोकामना लेकर आते है वो भगवान शिव पूरी करते है. यहां हर साल शिवरात्रि पर
मेला लगता है. जहां बड़ी संख्या में ग्रामीण दर्शन करने के लिए आते है.
यहां शिवलिंग के अखिपुरी महाराज की समाधि भी है.
पत्थर से बनी हैं सभी प्रतिमाएं
हुक्माराम बताते है कि यहां सभी देवी-देवसाओं की प्रतिमाएं पत्थर पर बनी
हुई है. साथ ही इन प्रतिमाओं के नीचे उनका नाम भी लिखा हुआ है.