नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का नेता चुन लिया गया है। मोदी 9 जून को प्रधानमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। इससे पहले एनडीए के सभी सहयोगी दलों के बीच कैबिनेट में किसको कितनी सीटें मिलेंगी, इस पर रस्साकशी जारी है। एनडीए में शामिल सभी पार्टियां अपने-अपने समीकरण साधने में लगी हैं। हालांकि, अभी किसी भी पार्टी ने आधिकारिक घोषणा नहीं की है।
अभी तक सस्पेंस बरकरार है। इस बीच मंत्री पद के संभावित चेहरों के नाम की चर्चा तेजी हो रही है। आइए हम आपको विस्तार से बताते हैं कि मोदी सरकार 3.0 के मंत्रिमंडल में किन नए चेहरों को जगह मिल सकती है तो कौन-से पुराने चेहरे रिपीट होंगे...
क्या ये महिला सांसद बनेंगी मोदी 3.0 की टीम का हिस्सा?
1. बांसुरी स्वराज: पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी सोमनाथ का मात देकर सांसद चुनी गई हैं। चर्चा है कि नई दिल्ली से पहली बार सांसद चुनकर संसद पहुंचने वाली बांसुरी स्वराज को मोदी के नए मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है।
2. लता वानखेड़े: मध्यप्रदेश की सागर लोकसभा सीट से कांग्रेस के चंद्रभूषण सिंह बुंदेला उर्फ गुड्डू राजा को 4.71 लाख से ज्यादा वोट से मात देने वाली डॉ. लता वानखेड़े के नाम पर सुगबुगाहट है। डॉ. लता सागर सीट से दूसरी महिला चुनी गई हैं। लता वानखेड़े ने अर्थशास्त्र, समाज शास्त्र और पत्रकारिता विषय से पोस्ट ग्रेजुएशन किया। इतना ही नहीं उन्होंने ग्रामीण महिलाओं के सामाजिक उत्थान में पत्रकारिता की भूमिका पर पीएचडी भी की।
डॉ. लता ने साल 1995 में राजनीति में कदम रखा। 1995 में ग्राम पंचायत मकरोनिया बुजुर्ग (अब मकरोनिया नगर पालिका है) से पंच का चुनाव लड़ा था और जीती थीं। पांच साल पंच रहने के बाद साल 2000 में मकरोनिया बुजुर्ग ग्राम पंचायत से सरपंच का चुनाव लड़ा और यहां भी जीतीं। इसके बाद वह लगातार 2015 तक सरपंच रहीं। सरपंच पद पर रहते हुए वह तीन बार त्रिस्तरीय पंचायती राज्य महासंघ की प्रदेश अध्यक्ष भी रहीं। मौजूदा वक्त में वह भाजपा में प्रदेश मंत्री, जिला विदिशा भाजपा की संगठन मंत्री का पद संभाल रही हैं।
3. सावित्री ठाकुर: मध्यप्रदेश की धार लोकसभा सीट से दूसरी बार सांसद चुनी गई भाजपा नेता सावित्री ठाकुर के नाम पर भी चर्चा जारी है। सावित्री ने कांग्रेस प्रत्याशी राधेश्याम मुवेल को 2 लाख 18 हजार वोट से हराया है। इससे पहले वह 2014 में भी इस सीट से चुनकर संसद पहुंची थीं। 2019 में उन्हें टिकट नहीं दिया था।
अनुसूचित जनजाति वर्ग से आने वाली सावित्री ठाकुर की पहचान उन नेताओं के तौर पर होती है, जिन्होंने अपने बलबूते समाज और राजनीति में पहचान बनाई। लोकसभा चुनाव लड़ने से पहले साल 2004 से 2009 के बीच जिला पंचायत अध्यक्ष भी रह चुकी हैं। राजनीति में कदम रखने से पहले सावित्री एक सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर काम करती थीं।
मोदी मंत्रिमंडल के ये हो सकते हैं नए चेहरे
1. शिवराज सिंह चौहान: विदिशा लोकसभा सीट से बंपर जीत हासिल करने वाले शिवराज सिंह चौहान को मोदी के मंत्रिमंडल बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। शिवराज सिंह चौहान 1991 में पहली बार लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे। चार बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में जीतने के बाद भी सीएम पद नहीं मिला। फिर भी उन्होंने लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए जमकर प्रचार किया। कई सभाएं कीं। वह प्रदेश का लोकप्रिय चेहरा हैं।
नरेंद्र मोदी ने हरदा में सभा को संबोधित करते हुए कहा भी था, ''संगठन में मैंने और शिवराज सिंह चौहान ने साथ काम किया। उस वक्त हम दोनों सीएम थे। जब वे संसद गए तो वहां भी मैंने महामंत्री के नाते साथ काम किया। अब फिर मैं उनको दिल्ली ले जाना चाहता हूं।''
2. वीडी शर्मा: वीडी शर्मा मध्यप्रदेश भाजपा के अध्यक्ष हैं। इनके अध्यक्ष रहते हुए पार्टी ने विधानसभा चुनाव में 163 सीटें जीतीं थीं। अब पार्टी ने लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश में क्लीन स्वीप किया है। मोदी ने दमोह में एक सभा को संबोधित करते वीडी शर्मा के कामकाज की तारीफ भी की थी। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि वीडी शर्मा भी मंत्रिमंडल का चेहरा बन सकते हैं।
3. नित्यानंद राय: बिहार से लगातार तीसरी बार चुनाव जीतने वाले भाजपा सांसद नित्यानंद राय (Nityanand Rai) को मोदी मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। राय छात्र जीवन से ही आरएसएस और फिर एबीवीपी में खासा सक्रिय रहे। इसके बाद साल 2000 से लगातार चार बार हाजीपुर से चुनकर विधानसभा पहुंचे। नित्यानंद राय साल 2014 से लगातार सांसद हैं। नित्यानंद राय को अमित शाह का भरोसेमंद माना जाता है।
4. जनार्दन सिंह सिग्रीवाल: बिहार की महाराजगंज लोकसभा सीट से एक लाख से अधिक वोटों से जीतकर आए जनार्दन सिंह सिग्रीवाल भी मोदी के मंत्रिमंडल का हिस्सा हो सकते हैं। लगातार तीसरी बार चुनकर संसद पहुंचने वाले जनार्दन बिहार भाजपा में राजपूत चेहरा हैं। इसके साथ ही उन्हें भाजपा का वफादार सिपाही माना जाता है।
5. ललन सिंह: मुंगेर लोकसभा सीट से राजद प्रत्याशी अनिता कुमार को 80 हजार वोटों से मात देकर चौथी बार संसद पहुंचने वाले जदयू नेता राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह को भी मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। जेपी आंदोलन से राजनीति में कदम रखने वाले ललन सिंह को जदूय का दिग्गज नेता माना जाता है। वह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं और नीतीश के करीबी हैं।
6. जीतन राम मांझी: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और गया से एक लाख वोटों से चुनाव जीतने वाले हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के नेता जीतन राम मांझी के नाम पर भी चर्चा है। मांझी एनडीए के नेता हैं।
7. चिराग पासवान: लोजपा के संस्थापक रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान (Chirag Paswan) को भी मोदी के मंत्रिमंडल में अहम पद मिल सकता है। लोजपा (R) के सुप्रीमो चिराग पासवान ने इस बार हाजीपुर से चुनाव जीता है। उनकी पार्टी से पांच प्रत्याशी मैदान में उतरे थे और पांचों चुनाव जीत गए हैं। चिराग 2014 से लगातार तीसरी बार चुनाव जीते हैं। कहा जा रहा है कि चिराग को मोदी के हनुमान बनने का लाभ मिलेगा।
8. जयंत चौधरी: एनडीए के सहयोगी दल रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) को भी मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। चुनाव से ठीक पहले जयंत चौधरी एनडीए में शामिल हुए। यूपी में दो सीटों पर उनके प्रत्याशी उतारे और दोनों ही जीत गए। जयंत पश्चिमी यूपी से आते हैं, उन्हें जाट और किसान नेता माना जाता है। इस बार भाजपा का जाट चेहरा माने जाने वाले केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान चुनाव हार गए। ऐसे में माना जा रहा है कि भाजपा इस समुदाय को साधने के लिए जयंत को मंत्री बना सकती है।
क्या NDA के इन चेहरों को भी मिलेगी मंत्रिमंडल में जगह?
मध्यप्रदेश: फग्गन सिंह कुलस्ते, वीरेंद्र कुमार खटीक।
बिहार: विवेक ठाकुर , ठाकुर जी प्रसाद, उपेंद्र कुशवाहा, संजय झा और डॉ. संजय जयसवाल।
उत्तर प्रदेश: डॉ. महेश शर्मा, जितिन प्रसाद, सत्यपाल सिंह बघेल और डॉ. विनोद कुमार बिंद।
छत्तीसगढ़: विजय बघेल, बृजमोहन अग्रवाल और संतोष पांडेय।
झारखंड: निशिकांत दुबे, अन्नपूर्णा देवी, विद्युत वरण महतो और संजय सेठ।
हरियाणा: मनोहर लाल खट्टर, चौधरी धर्मबीर।
नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का नेता चुन लिया गया है। मोदी 9 जून को प्रधानमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। इससे पहले एनडीए के सभी सहयोगी दलों के बीच कैबिनेट में किसको कितनी सीटें मिलेंगी, इस पर रस्साकशी जारी है। एनडीए में शामिल सभी पार्टियां अपने-अपने समीकरण साधने में लगी हैं। हालांकि, अभी किसी भी पार्टी ने आधिकारिक घोषणा नहीं की है।
अभी तक सस्पेंस बरकरार है। इस बीच मंत्री पद के संभावित चेहरों के नाम की चर्चा तेजी हो रही है। आइए हम आपको विस्तार से बताते हैं कि मोदी सरकार 3.0 के मंत्रिमंडल में किन नए चेहरों को जगह मिल सकती है तो कौन-से पुराने चेहरे रिपीट होंगे...
क्या ये महिला सांसद बनेंगी मोदी 3.0 की टीम का हिस्सा?
1. बांसुरी स्वराज: पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी सोमनाथ का मात देकर सांसद चुनी गई हैं। चर्चा है कि नई दिल्ली से पहली बार सांसद चुनकर संसद पहुंचने वाली बांसुरी स्वराज को मोदी के नए मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है।
2. लता वानखेड़े: मध्यप्रदेश की सागर लोकसभा सीट से कांग्रेस के चंद्रभूषण सिंह बुंदेला उर्फ गुड्डू राजा को 4.71 लाख से ज्यादा वोट से मात देने वाली डॉ. लता वानखेड़े के नाम पर सुगबुगाहट है। डॉ. लता सागर सीट से दूसरी महिला चुनी गई हैं। लता वानखेड़े ने अर्थशास्त्र, समाज शास्त्र और पत्रकारिता विषय से पोस्ट ग्रेजुएशन किया। इतना ही नहीं उन्होंने ग्रामीण महिलाओं के सामाजिक उत्थान में पत्रकारिता की भूमिका पर पीएचडी भी की।
डॉ. लता ने साल 1995 में राजनीति में कदम रखा। 1995 में ग्राम पंचायत मकरोनिया बुजुर्ग (अब मकरोनिया नगर पालिका है) से पंच का चुनाव लड़ा था और जीती थीं। पांच साल पंच रहने के बाद साल 2000 में मकरोनिया बुजुर्ग ग्राम पंचायत से सरपंच का चुनाव लड़ा और यहां भी जीतीं। इसके बाद वह लगातार 2015 तक सरपंच रहीं। सरपंच पद पर रहते हुए वह तीन बार त्रिस्तरीय पंचायती राज्य महासंघ की प्रदेश अध्यक्ष भी रहीं। मौजूदा वक्त में वह भाजपा में प्रदेश मंत्री, जिला विदिशा भाजपा की संगठन मंत्री का पद संभाल रही हैं।
3. सावित्री ठाकुर: मध्यप्रदेश की धार लोकसभा सीट से दूसरी बार सांसद चुनी गई भाजपा नेता सावित्री ठाकुर के नाम पर भी चर्चा जारी है। सावित्री ने कांग्रेस प्रत्याशी राधेश्याम मुवेल को 2 लाख 18 हजार वोट से हराया है। इससे पहले वह 2014 में भी इस सीट से चुनकर संसद पहुंची थीं। 2019 में उन्हें टिकट नहीं दिया था।
अनुसूचित जनजाति वर्ग से आने वाली सावित्री ठाकुर की पहचान उन नेताओं के तौर पर होती है, जिन्होंने अपने बलबूते समाज और राजनीति में पहचान बनाई। लोकसभा चुनाव लड़ने से पहले साल 2004 से 2009 के बीच जिला पंचायत अध्यक्ष भी रह चुकी हैं। राजनीति में कदम रखने से पहले सावित्री एक सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर काम करती थीं।
मोदी मंत्रिमंडल के ये हो सकते हैं नए चेहरे
1. शिवराज सिंह चौहान: विदिशा लोकसभा सीट से बंपर जीत हासिल करने वाले शिवराज सिंह चौहान को मोदी के मंत्रिमंडल बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। शिवराज सिंह चौहान 1991 में पहली बार लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे। चार बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में जीतने के बाद भी सीएम पद नहीं मिला। फिर भी उन्होंने लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए जमकर प्रचार किया। कई सभाएं कीं। वह प्रदेश का लोकप्रिय चेहरा हैं।
नरेंद्र मोदी ने हरदा में सभा को संबोधित करते हुए कहा भी था, ''संगठन में मैंने और शिवराज सिंह चौहान ने साथ काम किया। उस वक्त हम दोनों सीएम थे। जब वे संसद गए तो वहां भी मैंने महामंत्री के नाते साथ काम किया। अब फिर मैं उनको दिल्ली ले जाना चाहता हूं।''
2. वीडी शर्मा: वीडी शर्मा मध्यप्रदेश भाजपा के अध्यक्ष हैं। इनके अध्यक्ष रहते हुए पार्टी ने विधानसभा चुनाव में 163 सीटें जीतीं थीं। अब पार्टी ने लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश में क्लीन स्वीप किया है। मोदी ने दमोह में एक सभा को संबोधित करते वीडी शर्मा के कामकाज की तारीफ भी की थी। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि वीडी शर्मा भी मंत्रिमंडल का चेहरा बन सकते हैं।
3. नित्यानंद राय: बिहार से लगातार तीसरी बार चुनाव जीतने वाले भाजपा सांसद नित्यानंद राय (Nityanand Rai) को मोदी मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। राय छात्र जीवन से ही आरएसएस और फिर एबीवीपी में खासा सक्रिय रहे। इसके बाद साल 2000 से लगातार चार बार हाजीपुर से चुनकर विधानसभा पहुंचे। नित्यानंद राय साल 2014 से लगातार सांसद हैं। नित्यानंद राय को अमित शाह का भरोसेमंद माना जाता है।
4. जनार्दन सिंह सिग्रीवाल: बिहार की महाराजगंज लोकसभा सीट से एक लाख से अधिक वोटों से जीतकर आए जनार्दन सिंह सिग्रीवाल भी मोदी के मंत्रिमंडल का हिस्सा हो सकते हैं। लगातार तीसरी बार चुनकर संसद पहुंचने वाले जनार्दन बिहार भाजपा में राजपूत चेहरा हैं। इसके साथ ही उन्हें भाजपा का वफादार सिपाही माना जाता है।
5. ललन सिंह: मुंगेर लोकसभा सीट से राजद प्रत्याशी अनिता कुमार को 80 हजार वोटों से मात देकर चौथी बार संसद पहुंचने वाले जदयू नेता राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह को भी मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। जेपी आंदोलन से राजनीति में कदम रखने वाले ललन सिंह को जदूय का दिग्गज नेता माना जाता है। वह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं और नीतीश के करीबी हैं।
6. जीतन राम मांझी: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और गया से एक लाख वोटों से चुनाव जीतने वाले हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के नेता जीतन राम मांझी के नाम पर भी चर्चा है। मांझी एनडीए के नेता हैं।
7. चिराग पासवान: लोजपा के संस्थापक रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान (Chirag Paswan) को भी मोदी के मंत्रिमंडल में अहम पद मिल सकता है। लोजपा (R) के सुप्रीमो चिराग पासवान ने इस बार हाजीपुर से चुनाव जीता है। उनकी पार्टी से पांच प्रत्याशी मैदान में उतरे थे और पांचों चुनाव जीत गए हैं। चिराग 2014 से लगातार तीसरी बार चुनाव जीते हैं। कहा जा रहा है कि चिराग को मोदी के हनुमान बनने का लाभ मिलेगा।
8. जयंत चौधरी: एनडीए के सहयोगी दल रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) को भी मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। चुनाव से ठीक पहले जयंत चौधरी एनडीए में शामिल हुए। यूपी में दो सीटों पर उनके प्रत्याशी उतारे और दोनों ही जीत गए। जयंत पश्चिमी यूपी से आते हैं, उन्हें जाट और किसान नेता माना जाता है। इस बार भाजपा का जाट चेहरा माने जाने वाले केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान चुनाव हार गए। ऐसे में माना जा रहा है कि भाजपा इस समुदाय को साधने के लिए जयंत को मंत्री बना सकती है।
क्या NDA के इन चेहरों को भी मिलेगी मंत्रिमंडल में जगह?
मध्यप्रदेश: फग्गन सिंह कुलस्ते, वीरेंद्र कुमार खटीक।
बिहार: विवेक ठाकुर , ठाकुर जी प्रसाद, उपेंद्र कुशवाहा, संजय झा और डॉ. संजय जयसवाल।
उत्तर प्रदेश: डॉ. महेश शर्मा, जितिन प्रसाद, सत्यपाल सिंह बघेल और डॉ. विनोद कुमार बिंद।
छत्तीसगढ़: विजय बघेल, बृजमोहन अग्रवाल और संतोष पांडेय।
झारखंड: निशिकांत दुबे, अन्नपूर्णा देवी, विद्युत वरण महतो और संजय सेठ।
हरियाणा: मनोहर लाल खट्टर, चौधरी धर्मबीर।