वाराणसी: सावन का पवित्र महीना शुरू होने वाला है. इस पवित्र महीने में नाग पंचमी का पर्व भी मनाया जाता है.वैदिक पंचाग के अनुसार, हर साल सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को यह पर्व मनाते है. इस दिन शिव मंदिरों में पूजा के साथ नाग देवता के पूजन का विधान है.धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, इस दिन नागों की पूजा से कई तरह के दोष समाप्त हो जाते हैं.
काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि सनातन धर्म में नाग पंचमी का विशेष महत्व है. इस दिन भगवान शिव के गले की शोभा बढ़ाने वाले वासुकी नाग और शेषनाग की पूजा की जाती है. इन्हें दूध, लावा चढ़ाया जाता है. कहा जाता है कि इससे मनुष्य के कुंडली का राहु दोष और कालसर्प दोष समाप्त होता है और नाग दंश के भय से भी मुक्ति मिलती है. काशी में नाग पंचमी के दिन पूजा के लिए एक विशेष तीर्थ भी है जिसे लोग नागकूप के नाम से जानते हैं.
9 अगस्त को मनाया जाएगा नाग पंचमी
इस बार नाग पंचमी तिथि की शुरुआत 8 अगस्त रात 9 बजकर 56 मिनट से हो रहा है जो अगले दिन यानी 9 अगस्त को रात्रि 11 बजकर 58 मिनट तक रहेगा.ऐसे में नागपंचमी के पर्व 9 अगस्त के दिन मनाया जाएगा.
बन रहे 2 अद्भुत संयोग
नागपंचमी के दिन इस बार ग्रहों का अद्भुत संयोग भी बन रहा है. इस बार सिद्ध और साध्य योग में नाग पंचमी का पर्व मनाया जाएगा. इस समय में भगवान शिव और नाग देवता के पूजा से रोगों से भी मुक्ति मिलेगी.
वाराणसी: सावन का पवित्र महीना शुरू होने वाला है. इस पवित्र महीने में नाग पंचमी का पर्व भी मनाया जाता है.वैदिक पंचाग के अनुसार, हर साल सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को यह पर्व मनाते है. इस दिन शिव मंदिरों में पूजा के साथ नाग देवता के पूजन का विधान है.धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, इस दिन नागों की पूजा से कई तरह के दोष समाप्त हो जाते हैं.
काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि सनातन धर्म में नाग पंचमी का विशेष महत्व है. इस दिन भगवान शिव के गले की शोभा बढ़ाने वाले वासुकी नाग और शेषनाग की पूजा की जाती है. इन्हें दूध, लावा चढ़ाया जाता है. कहा जाता है कि इससे मनुष्य के कुंडली का राहु दोष और कालसर्प दोष समाप्त होता है और नाग दंश के भय से भी मुक्ति मिलती है. काशी में नाग पंचमी के दिन पूजा के लिए एक विशेष तीर्थ भी है जिसे लोग नागकूप के नाम से जानते हैं.
9 अगस्त को मनाया जाएगा नाग पंचमी
इस बार नाग पंचमी तिथि की शुरुआत 8 अगस्त रात 9 बजकर 56 मिनट से हो रहा है जो अगले दिन यानी 9 अगस्त को रात्रि 11 बजकर 58 मिनट तक रहेगा.ऐसे में नागपंचमी के पर्व 9 अगस्त के दिन मनाया जाएगा.
बन रहे 2 अद्भुत संयोग
नागपंचमी के दिन इस बार ग्रहों का अद्भुत संयोग भी बन रहा है. इस बार सिद्ध और साध्य योग में नाग पंचमी का पर्व मनाया जाएगा. इस समय में भगवान शिव और नाग देवता के पूजा से रोगों से भी मुक्ति मिलेगी.