रायपुर । विधानसभा में प्रश्नकाल के बाद सदन में बलौदाबाजार कांड गूंजा। बलौदाबाजार हिंसा मामले में विपक्ष ने स्थगन प्रस्ताव पेश किया। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सदन का काम रोककर हिंसा के मामले में चर्चा की मांग की।
स्थगन पर चर्चा की मांग पर भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने आपत्ति जताई। अजय चंद्राकर ने कहा- सदन में न्यायिक प्रक्रिया के विषय में चर्चा नहीं हो सकती। बलौदाबाजार हिंसा के मामले में न्यायिक जांच चल रही है। इसलिए इस विषय पर चर्चा नहीं की जा सकती। इस पर नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने कहा- स्थगन नियम प्रक्रियाओं के अनुरूप है। इसके बाद सदन में दोनों पक्षों में बहस शुरू हो गई।
भाजपाइयों ने किया स्थगन का विरोध
भाजपा विधायक धर्मजीत सिंह ने भी सदन में चर्चा पर आपत्ति जताई। वहीं धरमलाल कौशिक ने कहा- इस मामले में जांच की घोषणा की गई है, इसलिए इस विषय पर सदन में चर्चा नहीं की जा सकती। जांच रिपोर्ट प्रस्तुत होने के बाद सदन में जरूर चर्चा की जा सकती है। इस पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा- जांच आयोग बिरकोनी में हुई घटना की जांच तक सीमित है। हमारा स्थगन बलौदाबाजार हिंसा की जांच पर केंद्रित है। श्री बघेल ने कहा कि, इस विषय में सदन में चर्चा की जा सकती है। इस पर अजय चंद्राकर ने कहा- अमरगुफा की घटना की प्रतिक्रिया में ही यह हिंसा हुई। विधानसभा की परंपरा को देखते हुए इस पर चर्चा न कराई जाए। जब न्यायिक प्रक्रिया चल रही है तो सदन में चर्चा न हो। इस पर अजय चंद्राकर और विपक्ष के सदस्यों के बीच तीखी नोंकझोंक हुई।
स्थगन की ग्राह्यता पर चर्चा
स्पीकर की व्यवस्था के बाद स्थगन प्रस्ताव की ग्राह्यता पर चर्चा शुरू हुई। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के चर्चा शुरू करते ही सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस होने लगी। सदन में घटना की चर्चा को लेकर भारी हंगामा मचा रहा। हंगामे के बीच पूर्व सीएम श्री बघेल ने कहा- सतनामी समाज के आवेदन पर भी कार्रवाई नहीं हुई। भाजपा के नेताओं ने ही धरना के लिए आवेदन दिया। बलौदाबाजार की घटना के दिन भीड़ बढ़ रही थी, पर प्रशासन सचेत नहीं हुआ। हजारों की भीड़ पहुंची लेकिन पुलिस बेहद कम संख्या में थी। उन्होंने कहा कि, भोजन और टेंट की व्यवस्था भी कलेक्टर एसपी के निर्देश पर ही की गई थी। इससे पता चलता है कि समाज को बांटने की कोशिश की जा रही है। गहरी साजिश रची गई है, इसलिए इस विषय पर चर्चा जरूरी है।
बघेल ने आगे कहा कि, इस घटना के लिए सुशासन की बात करने वाली सरकार ही जिम्मेदार है। पूरे देश में ऐसी घटना नहीं हुई है, इसका कलंक सरकार के सीने पर है। घटना के बाद सफेद कपड़ा पहने लोगों से मारपीट की गई, गलत लोगों को गिरफ्तार किया गया, चर्चा में सभी बातें सामने आएंगी।
रायपुर । विधानसभा में प्रश्नकाल के बाद सदन में बलौदाबाजार कांड गूंजा। बलौदाबाजार हिंसा मामले में विपक्ष ने स्थगन प्रस्ताव पेश किया। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सदन का काम रोककर हिंसा के मामले में चर्चा की मांग की।
स्थगन पर चर्चा की मांग पर भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने आपत्ति जताई। अजय चंद्राकर ने कहा- सदन में न्यायिक प्रक्रिया के विषय में चर्चा नहीं हो सकती। बलौदाबाजार हिंसा के मामले में न्यायिक जांच चल रही है। इसलिए इस विषय पर चर्चा नहीं की जा सकती। इस पर नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने कहा- स्थगन नियम प्रक्रियाओं के अनुरूप है। इसके बाद सदन में दोनों पक्षों में बहस शुरू हो गई।
भाजपाइयों ने किया स्थगन का विरोध
भाजपा विधायक धर्मजीत सिंह ने भी सदन में चर्चा पर आपत्ति जताई। वहीं धरमलाल कौशिक ने कहा- इस मामले में जांच की घोषणा की गई है, इसलिए इस विषय पर सदन में चर्चा नहीं की जा सकती। जांच रिपोर्ट प्रस्तुत होने के बाद सदन में जरूर चर्चा की जा सकती है। इस पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा- जांच आयोग बिरकोनी में हुई घटना की जांच तक सीमित है। हमारा स्थगन बलौदाबाजार हिंसा की जांच पर केंद्रित है। श्री बघेल ने कहा कि, इस विषय में सदन में चर्चा की जा सकती है। इस पर अजय चंद्राकर ने कहा- अमरगुफा की घटना की प्रतिक्रिया में ही यह हिंसा हुई। विधानसभा की परंपरा को देखते हुए इस पर चर्चा न कराई जाए। जब न्यायिक प्रक्रिया चल रही है तो सदन में चर्चा न हो। इस पर अजय चंद्राकर और विपक्ष के सदस्यों के बीच तीखी नोंकझोंक हुई।
स्थगन की ग्राह्यता पर चर्चा
स्पीकर की व्यवस्था के बाद स्थगन प्रस्ताव की ग्राह्यता पर चर्चा शुरू हुई। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के चर्चा शुरू करते ही सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस होने लगी। सदन में घटना की चर्चा को लेकर भारी हंगामा मचा रहा। हंगामे के बीच पूर्व सीएम श्री बघेल ने कहा- सतनामी समाज के आवेदन पर भी कार्रवाई नहीं हुई। भाजपा के नेताओं ने ही धरना के लिए आवेदन दिया। बलौदाबाजार की घटना के दिन भीड़ बढ़ रही थी, पर प्रशासन सचेत नहीं हुआ। हजारों की भीड़ पहुंची लेकिन पुलिस बेहद कम संख्या में थी। उन्होंने कहा कि, भोजन और टेंट की व्यवस्था भी कलेक्टर एसपी के निर्देश पर ही की गई थी। इससे पता चलता है कि समाज को बांटने की कोशिश की जा रही है। गहरी साजिश रची गई है, इसलिए इस विषय पर चर्चा जरूरी है।
बघेल ने आगे कहा कि, इस घटना के लिए सुशासन की बात करने वाली सरकार ही जिम्मेदार है। पूरे देश में ऐसी घटना नहीं हुई है, इसका कलंक सरकार के सीने पर है। घटना के बाद सफेद कपड़ा पहने लोगों से मारपीट की गई, गलत लोगों को गिरफ्तार किया गया, चर्चा में सभी बातें सामने आएंगी।