रायपुर। विधानसभा मानसूत्र सत्र के पहले दिन स्कूलों में शिक्षकों की कमी और आदिवासी इलाकों में जमीन के पट्टे में गड़बड़ी का मुद्दा उठा। इन मामलों को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरने का प्रयास किया।
स्कूल शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बताया कि रायपुर जिला में 7939 शिक्षकों के पद हैं। इनमें 1954 पद खाली हैं। सीएम ने बताया कि पदोन्नति अंतर्गत भरे जाने वाले पदों में पदोन्नति की कार्यवाही प्रचलन में है। सीधी भर्ती के रिक्त पदों में नियमित भर्ती के लिए समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बीजेपी विधायक मोतीलाल साहू ने कहा कि मेरे क्षेत्र में 90 स्कूल है जिनमें से अधिकांश स्कूलों में शिक्षकों की कमी है कई स्कूल हैं जो शिक्षक वीहिन है। माना में एक स्कूल में केवल दो शिक्षक हैं। उन्होंने पूछा कि रायपुर के प्राथमिक/पूर्व माध्यमिक, उच्च माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक स्कूलों में मानक के आधार पर शिक्षकों के भरे एवं रिक्त पदों की संख्या कितनी है। रिक्त पदों पर नियमित भर्ती के लिए शासन क्या प्रयास कर रहा है और रिक्त पदों पर भर्ती कब तक प्रारंभ की जावेगी ? मुख्यमंत्री ने जल्द ही प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती शुरू करने की बात कही।
गरियाबंद जिला में फर्जी वन अधिकार पत्र का मामला उठा। कांग्रेस विधायक जनक ध्रुव के प्रश्न के जवाब में मंत्री टंकराम वर्मा ने बताया कि गरियाबंद जिला के सरपंच और सचिव के हस्ताक्षर और फर्जी सील लगाकर वन अधिकार पट्टा प्राप्त करने की शिकायत कलेक्टर को प्राप्त हुई थी। कलेक्टर ने इसकी जांच के निर्देश दिए थे। कलेक्टर के निर्देश पर अनुविभागीय अधिकारी ने जांच की। जांच में पाया गया कि जिस संजय नेताम पिता जौहर नेतमा और उनकी पत्नी अनिता नेताम के नाम से फर्जी पट्टा प्राप्त करने की शिकायत की गई थी। उन्होंने पट्टा के लिए किसी तरह का आवेदन नहीं दिया गया था। इसका प्रतिवेदन क्लेक्टर को भेजा गया। शिकायत को निराधार पाया गया।
जनक ध्रुव ने कहा कि मेरे पास दस्तावेज है। अपात्र लोगों ने वन भूमि हासिल किया है। वहीं, पात्रता रखने वालों का आज तक वन पट्टा नहीं मिल पा रहा है। इस पर जो दोषी लोग कार्यवाही की जाएगी। राज्य स्तरीय समिति बनाकर फिर से जांच कराने की मांग करता हूं। इस पर मंत्री ने कहा कि यदि आपके पास कुछ है तो हम उसका परीक्षण करेंगे। पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि यह प्रकरण 2018 का है। जो शिकायत मिली ग्राम वन समिति, एसडीएम स्तर और जिला स्तर की समिति ने कार्यवाही करने की मांग है। कार्यवाही करेंगे क्या। उमेश पटेल ने कहा कि यह फर्जी हस्ताक्षर का मामला है। आपने मांग पत्र वापस करा दिया। इसकी जांच होनी चाहिए।
रायपुर। विधानसभा मानसूत्र सत्र के पहले दिन स्कूलों में शिक्षकों की कमी और आदिवासी इलाकों में जमीन के पट्टे में गड़बड़ी का मुद्दा उठा। इन मामलों को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरने का प्रयास किया।
स्कूल शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बताया कि रायपुर जिला में 7939 शिक्षकों के पद हैं। इनमें 1954 पद खाली हैं। सीएम ने बताया कि पदोन्नति अंतर्गत भरे जाने वाले पदों में पदोन्नति की कार्यवाही प्रचलन में है। सीधी भर्ती के रिक्त पदों में नियमित भर्ती के लिए समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बीजेपी विधायक मोतीलाल साहू ने कहा कि मेरे क्षेत्र में 90 स्कूल है जिनमें से अधिकांश स्कूलों में शिक्षकों की कमी है कई स्कूल हैं जो शिक्षक वीहिन है। माना में एक स्कूल में केवल दो शिक्षक हैं। उन्होंने पूछा कि रायपुर के प्राथमिक/पूर्व माध्यमिक, उच्च माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक स्कूलों में मानक के आधार पर शिक्षकों के भरे एवं रिक्त पदों की संख्या कितनी है। रिक्त पदों पर नियमित भर्ती के लिए शासन क्या प्रयास कर रहा है और रिक्त पदों पर भर्ती कब तक प्रारंभ की जावेगी ? मुख्यमंत्री ने जल्द ही प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती शुरू करने की बात कही।
गरियाबंद जिला में फर्जी वन अधिकार पत्र का मामला उठा। कांग्रेस विधायक जनक ध्रुव के प्रश्न के जवाब में मंत्री टंकराम वर्मा ने बताया कि गरियाबंद जिला के सरपंच और सचिव के हस्ताक्षर और फर्जी सील लगाकर वन अधिकार पट्टा प्राप्त करने की शिकायत कलेक्टर को प्राप्त हुई थी। कलेक्टर ने इसकी जांच के निर्देश दिए थे। कलेक्टर के निर्देश पर अनुविभागीय अधिकारी ने जांच की। जांच में पाया गया कि जिस संजय नेताम पिता जौहर नेतमा और उनकी पत्नी अनिता नेताम के नाम से फर्जी पट्टा प्राप्त करने की शिकायत की गई थी। उन्होंने पट्टा के लिए किसी तरह का आवेदन नहीं दिया गया था। इसका प्रतिवेदन क्लेक्टर को भेजा गया। शिकायत को निराधार पाया गया।
जनक ध्रुव ने कहा कि मेरे पास दस्तावेज है। अपात्र लोगों ने वन भूमि हासिल किया है। वहीं, पात्रता रखने वालों का आज तक वन पट्टा नहीं मिल पा रहा है। इस पर जो दोषी लोग कार्यवाही की जाएगी। राज्य स्तरीय समिति बनाकर फिर से जांच कराने की मांग करता हूं। इस पर मंत्री ने कहा कि यदि आपके पास कुछ है तो हम उसका परीक्षण करेंगे। पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि यह प्रकरण 2018 का है। जो शिकायत मिली ग्राम वन समिति, एसडीएम स्तर और जिला स्तर की समिति ने कार्यवाही करने की मांग है। कार्यवाही करेंगे क्या। उमेश पटेल ने कहा कि यह फर्जी हस्ताक्षर का मामला है। आपने मांग पत्र वापस करा दिया। इसकी जांच होनी चाहिए।