भिलाई । दुर्ग जिले के जामुल में गुरुवार को एनआईए की टीम के पहुंचने से हड़कंप मच गया है। जामुल लेबर कैंप वार्ड नंबर 12 में एनआईए की टीम श्रमिक नेता कलादास डहरिया के घर पहुंची है। सीआईएसएफ की मौजूदगी के साथ कलादास डहरिया के घर पर जांच की जा रही है। बताया जा रहा है कि यह पूरा मामला रेला NGO से जुड़ा हुआ है। एनआईए की टीम ने कलादास डहरिया से नक्सली कनेक्शन को लेकर भी पूछताछ की।
मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार की सुबह छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा मजदूर कार्यकर्ता समिति के सदस्य व श्रमिक नेता कलादास डहरिया से पूछताछ करने एनआईए (NIA) की टीम पहुंची है। जामुल लेबर कैम्प में कलादास डहरिया का निवास है। कालादास डहरिया रेला एनजीओ से जुड़े हुए हैं। वे छत्तीसगढ़ में यह एनजीओ चलाते हैं। यह संस्था किसान, आदिवासी और मजदूरों के संगठन के लिए काम करता है। रेला एनजीओ (NGO) को देशभर से फंडिंग होती है। बताया जा रहा है कि लगभग पांच गाड़ियों में अलग अलग टीमें पहुंची और रेड की। इस दौरान आसपास के लोगों को भी रोक दिया गया।
सुबह 5:30 बजे पहुंची थी टीम
एनआईए की टीम जामुल में कलादास डहरिया के घर पर संबह 5:30 बजे पहुंची थी। लगभग 5 गाड़ियों में पहुंची टीम ने पहले बाहर घेराबंदी की और आसपास के लोगों को रोक दिया। एनआईए की टीम ने घर में घुसने ही कलादास व उसके परिवार वालों का मोबाइल बंद कर दिया। इसके बाद घर के भीतर जाकर एक-एक सामान चेक किया। एनआईए को कलादास के घर से कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली है। इस दौरान एनआईए ने एक पेनड्राइव, मोबाइल फोन और कलादास डहरिया की बेटी का लैपटॉप जब्त किया। इसके बाद एनआईए की टीम ने पूछताछ के लिए कलादास डहरिया को रांची बुलाया है। 1 अगस्त को कलादास डहरिया को पूछताछ के लिए रांची बुलाया गया।
मजदूरों के लिए काम करता हूं : कलादास
एनआईए की कार्रवाई पर कलादास डहरिया का कहना है कि यह पूरी कार्रवाई सरकार के इशारे पर हो रही है। उनका कहना है कि वे 90 से छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा से जुड़े हुए हैं और लगातार मजदूरों के हितों के लिए काम करते हैं। एसीसी कंपनी अड़ानी के हाथों में जाने के बाद भी हमने मजदूरों के हक की बात की उसके आवास व सुविधाओं की बात की। कलादास का कहना है कि सरकार उसका मुंह बंद करना चाहती है इसलिए यह छापेमारी की गई है। कलादास ने कहा कि उन्हें 1 अगस्त को रांची बुलाया गया है। रेला संगठन को लेकर लेकर उन्होंने कहा कि यह हमारा सांस्कृतिक काम है।
नक्सलियों से सांठगांठ का आरोप गलत
कलादास डहरिया ने कहा कि एनआईए की टीम ने नक्सलियों से सांठगांठ को लेकर भी सवाल किया है। माओवादियों से संपर्क को लेकर पूछताछ की है। एनआईए ने कहा कि माआवादियों से संपर्क की सूचना है। झारखंड के कुछ संदिग्ध संस्थाओं से संपर्क की बात भी की। कलादास का कहना है नक्सलियों से सांठगांठ की बात सही नहीं है। श्रमिक नेता होने के कारण श्रमिकों के हक की बात करते हैं। हसदेव अरण्य की बात की, एसीसी जामुल में मजदूर विरोधी गतिविधियों के खिलाफ आवाज उठाते हैं। कई लोगों के पास हमारा नंबर हो सकता है कि इसका मतलब यह नहीं कि नक्सलियों से संपर्क है।
जांच में हमने किया सहयोग
कलादास ने कहा कि हमने एनआईए की टीम का पूरा सहयोग किया है। एनआईए की टीम ने एक पेनड्राइव और उसकी बेटी का लेपटॉप जब्त किया है। पेनड्राइव में जनआंदोलन से जुड़ा एक पर्चा है। उस पर्चे में झारखंड से जुड़े कुछ लोगों के नाम भी हैं जो आंदोलन से जुड़े थे। इसके अलावा एनआईएक को घर से कुछ भी नहीं मिला। और एक अगस्त को रांची जाएंगे और जो भी पूछताछ करेंगे उसका जवाब देंगे। कलादास डहरिया ने बताया कि एनआईए की टीम के साथ जामुल थाने की पुलिस, दुर्ग कलेक्टर ऑफिस से अधिकारी व तहसीलदार भी पहुंचे थे।
भिलाई । दुर्ग जिले के जामुल में गुरुवार को एनआईए की टीम के पहुंचने से हड़कंप मच गया है। जामुल लेबर कैंप वार्ड नंबर 12 में एनआईए की टीम श्रमिक नेता कलादास डहरिया के घर पहुंची है। सीआईएसएफ की मौजूदगी के साथ कलादास डहरिया के घर पर जांच की जा रही है। बताया जा रहा है कि यह पूरा मामला रेला NGO से जुड़ा हुआ है। एनआईए की टीम ने कलादास डहरिया से नक्सली कनेक्शन को लेकर भी पूछताछ की।
मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार की सुबह छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा मजदूर कार्यकर्ता समिति के सदस्य व श्रमिक नेता कलादास डहरिया से पूछताछ करने एनआईए (NIA) की टीम पहुंची है। जामुल लेबर कैम्प में कलादास डहरिया का निवास है। कालादास डहरिया रेला एनजीओ से जुड़े हुए हैं। वे छत्तीसगढ़ में यह एनजीओ चलाते हैं। यह संस्था किसान, आदिवासी और मजदूरों के संगठन के लिए काम करता है। रेला एनजीओ (NGO) को देशभर से फंडिंग होती है। बताया जा रहा है कि लगभग पांच गाड़ियों में अलग अलग टीमें पहुंची और रेड की। इस दौरान आसपास के लोगों को भी रोक दिया गया।
सुबह 5:30 बजे पहुंची थी टीम
एनआईए की टीम जामुल में कलादास डहरिया के घर पर संबह 5:30 बजे पहुंची थी। लगभग 5 गाड़ियों में पहुंची टीम ने पहले बाहर घेराबंदी की और आसपास के लोगों को रोक दिया। एनआईए की टीम ने घर में घुसने ही कलादास व उसके परिवार वालों का मोबाइल बंद कर दिया। इसके बाद घर के भीतर जाकर एक-एक सामान चेक किया। एनआईए को कलादास के घर से कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली है। इस दौरान एनआईए ने एक पेनड्राइव, मोबाइल फोन और कलादास डहरिया की बेटी का लैपटॉप जब्त किया। इसके बाद एनआईए की टीम ने पूछताछ के लिए कलादास डहरिया को रांची बुलाया है। 1 अगस्त को कलादास डहरिया को पूछताछ के लिए रांची बुलाया गया।
मजदूरों के लिए काम करता हूं : कलादास
एनआईए की कार्रवाई पर कलादास डहरिया का कहना है कि यह पूरी कार्रवाई सरकार के इशारे पर हो रही है। उनका कहना है कि वे 90 से छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा से जुड़े हुए हैं और लगातार मजदूरों के हितों के लिए काम करते हैं। एसीसी कंपनी अड़ानी के हाथों में जाने के बाद भी हमने मजदूरों के हक की बात की उसके आवास व सुविधाओं की बात की। कलादास का कहना है कि सरकार उसका मुंह बंद करना चाहती है इसलिए यह छापेमारी की गई है। कलादास ने कहा कि उन्हें 1 अगस्त को रांची बुलाया गया है। रेला संगठन को लेकर लेकर उन्होंने कहा कि यह हमारा सांस्कृतिक काम है।
नक्सलियों से सांठगांठ का आरोप गलत
कलादास डहरिया ने कहा कि एनआईए की टीम ने नक्सलियों से सांठगांठ को लेकर भी सवाल किया है। माओवादियों से संपर्क को लेकर पूछताछ की है। एनआईए ने कहा कि माआवादियों से संपर्क की सूचना है। झारखंड के कुछ संदिग्ध संस्थाओं से संपर्क की बात भी की। कलादास का कहना है नक्सलियों से सांठगांठ की बात सही नहीं है। श्रमिक नेता होने के कारण श्रमिकों के हक की बात करते हैं। हसदेव अरण्य की बात की, एसीसी जामुल में मजदूर विरोधी गतिविधियों के खिलाफ आवाज उठाते हैं। कई लोगों के पास हमारा नंबर हो सकता है कि इसका मतलब यह नहीं कि नक्सलियों से संपर्क है।
जांच में हमने किया सहयोग
कलादास ने कहा कि हमने एनआईए की टीम का पूरा सहयोग किया है। एनआईए की टीम ने एक पेनड्राइव और उसकी बेटी का लेपटॉप जब्त किया है। पेनड्राइव में जनआंदोलन से जुड़ा एक पर्चा है। उस पर्चे में झारखंड से जुड़े कुछ लोगों के नाम भी हैं जो आंदोलन से जुड़े थे। इसके अलावा एनआईएक को घर से कुछ भी नहीं मिला। और एक अगस्त को रांची जाएंगे और जो भी पूछताछ करेंगे उसका जवाब देंगे। कलादास डहरिया ने बताया कि एनआईए की टीम के साथ जामुल थाने की पुलिस, दुर्ग कलेक्टर ऑफिस से अधिकारी व तहसीलदार भी पहुंचे थे।