भोपाल । राजस्व विभाग में जियो टैगिंग की सुविधा आने के बाद कार्यों में पारदर्शिता आएगी। अब राजस्व निरीक्षक और पटवारी जमीनों के बंटवारा, रिकार्ड दुरुस्ती जैसे काम दफ्तर के बजाय मौके पर जाकर करने होंगे। जिसकी जियो टैगिंग करनी होगी। इसमें सिस्टम से खुद को स्थान, समय और तारीख अंकित करेगा। यह रिकॉर्ड तुरंत ऑनलाइन होगा। वहीं कर्मचारियों द्वारा राजस्व से संबंधित कार्यों में पूरे दिन क्या-क्या करेंगे, उसकी जानकारी भी अपडेट करनी होगी। सरकार इसको अगस्त के पहले सप्ताह से नई व्यवस्था लागू करने जा रहा है। बड़ी बात यह है कि यह व्यवस्था उन क्षेत्रों में भी काम करेगी जहां नेटवर्क नहीं होगा।
असल में विभाग के पास राजस्व विभाग से जुड़ी शिकायतें लगातार आ रही हैं कि कई लोगों के काम समय पर नहीं होते, चक्कर काटने पड़ते हैं। कई काम तो आरआई और पटवारियों के मौके पर जाए बिना हो जाते हैं। बाद में विवाद की स्थिति बनती है। मामले कोर्ट में जाते हैं जो वर्षों तक चलते हैं। इसमे दोनों पक्ष परेशान होते हैं। राजस्व विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि राजस्व से जुड़े कामों में गति लाने और उनमें शुद्धता के साथ समय पर करने के लिए नई व्यवस्था लागू कर रहे हैं।
मैदान में जाएगा अमला - प्रदेशभर में पटवारियों की कमी है। आज भी पटवारियों के पास अतिरिक्त हल्कों के काम हैं। इन हल्कों के प्रभार वाले पटवारी किसी तरह काम निपटा रहे हैं। जिस दिन जियो टैगिंग लागू होगी, उस दिन से उन्हें मैदान में जाना पड़ेगा। इस व्यवस्था से अफसरों को निगरानी करने में आसानी होगी। काम में पारदर्शिता व शुद्धता रहेंगी। इस के कारण आवेदकों परेशान नहीं होंगे। आरआई, पटवारियों पर भी सवाल नहीं उठेंगे। न्यायालयीन प्रकरणों में कमी आएगी। ई-डायरी से जिम्मेदारी आएगी। वहीं सबसे ज्यादा फायदा किसान वर्ग को होगा।
भोपाल । राजस्व विभाग में जियो टैगिंग की सुविधा आने के बाद कार्यों में पारदर्शिता आएगी। अब राजस्व निरीक्षक और पटवारी जमीनों के बंटवारा, रिकार्ड दुरुस्ती जैसे काम दफ्तर के बजाय मौके पर जाकर करने होंगे। जिसकी जियो टैगिंग करनी होगी। इसमें सिस्टम से खुद को स्थान, समय और तारीख अंकित करेगा। यह रिकॉर्ड तुरंत ऑनलाइन होगा। वहीं कर्मचारियों द्वारा राजस्व से संबंधित कार्यों में पूरे दिन क्या-क्या करेंगे, उसकी जानकारी भी अपडेट करनी होगी। सरकार इसको अगस्त के पहले सप्ताह से नई व्यवस्था लागू करने जा रहा है। बड़ी बात यह है कि यह व्यवस्था उन क्षेत्रों में भी काम करेगी जहां नेटवर्क नहीं होगा।
असल में विभाग के पास राजस्व विभाग से जुड़ी शिकायतें लगातार आ रही हैं कि कई लोगों के काम समय पर नहीं होते, चक्कर काटने पड़ते हैं। कई काम तो आरआई और पटवारियों के मौके पर जाए बिना हो जाते हैं। बाद में विवाद की स्थिति बनती है। मामले कोर्ट में जाते हैं जो वर्षों तक चलते हैं। इसमे दोनों पक्ष परेशान होते हैं। राजस्व विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि राजस्व से जुड़े कामों में गति लाने और उनमें शुद्धता के साथ समय पर करने के लिए नई व्यवस्था लागू कर रहे हैं।
मैदान में जाएगा अमला - प्रदेशभर में पटवारियों की कमी है। आज भी पटवारियों के पास अतिरिक्त हल्कों के काम हैं। इन हल्कों के प्रभार वाले पटवारी किसी तरह काम निपटा रहे हैं। जिस दिन जियो टैगिंग लागू होगी, उस दिन से उन्हें मैदान में जाना पड़ेगा। इस व्यवस्था से अफसरों को निगरानी करने में आसानी होगी। काम में पारदर्शिता व शुद्धता रहेंगी। इस के कारण आवेदकों परेशान नहीं होंगे। आरआई, पटवारियों पर भी सवाल नहीं उठेंगे। न्यायालयीन प्रकरणों में कमी आएगी। ई-डायरी से जिम्मेदारी आएगी। वहीं सबसे ज्यादा फायदा किसान वर्ग को होगा।