छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में खेल-खेल में शराब पीने से तीन साल की मासूम बच्ची की मौत हो गई। इस घटना से पूरा परिवार सदमें में हैं। मामले में पुलिस मर्ग कायम कर जांच में जुट गई है। बलरामपुर के त्रिकुंडा थाना के डिंडो पुलिस चौकी अंतर्गत ग्राम बैकुंठपुर की तीन वर्षीय सरिता सोमवार की सुबह घर में खेल रही थी। उसकी मां सावित्री पास में ही काम कर रही थी। इस दौरान बालिका खेलते हुए अपनी दादी के कमरे में पहुंच गई जहां शराब की बोतल और गिलास रखा हुआ था।
बच्ची ने बोतल में रखी शराब को पानी समझकर पी लिया। अनजाने में शराब पीने के बाद बच्ची को नशा चढ़ने लगा तो वह अपनी मां के पास पहुंची और नहलाने के लिए कहा। वहीं थोड़ी देर में वह बेहोश हो गई। उसके मुंह से शराब की दुर्गंध आ रही थी। बच्ची के पिता रामसेवक ने अपनी मां के कमरे में जाकर देखा तो वहां शराब की बोतल और गिलास पड़ा हुआ था। गिलास में शराब भी पड़ी थी।
बच्ची की हालत ख़राब होने पर परिजन उसे वाड्रफनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। जहां चिकित्सकों ने उपचार के दौरान उसकी हालत बिगड़ता देख उसे अंबिकापुर रेफर कर दिया। बच्ची को सोमवार की शाम अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में दाखिल कराया गया जहां उपचार के बाद भी सरिता की हालत में सुधार नहीं हुआ और मंगलवार दोपहर उसकी मौत हो गई।
छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में खेल-खेल में शराब पीने से तीन साल की मासूम बच्ची की मौत हो गई। इस घटना से पूरा परिवार सदमें में हैं। मामले में पुलिस मर्ग कायम कर जांच में जुट गई है। बलरामपुर के त्रिकुंडा थाना के डिंडो पुलिस चौकी अंतर्गत ग्राम बैकुंठपुर की तीन वर्षीय सरिता सोमवार की सुबह घर में खेल रही थी। उसकी मां सावित्री पास में ही काम कर रही थी। इस दौरान बालिका खेलते हुए अपनी दादी के कमरे में पहुंच गई जहां शराब की बोतल और गिलास रखा हुआ था।
बच्ची ने बोतल में रखी शराब को पानी समझकर पी लिया। अनजाने में शराब पीने के बाद बच्ची को नशा चढ़ने लगा तो वह अपनी मां के पास पहुंची और नहलाने के लिए कहा। वहीं थोड़ी देर में वह बेहोश हो गई। उसके मुंह से शराब की दुर्गंध आ रही थी। बच्ची के पिता रामसेवक ने अपनी मां के कमरे में जाकर देखा तो वहां शराब की बोतल और गिलास पड़ा हुआ था। गिलास में शराब भी पड़ी थी।
बच्ची की हालत ख़राब होने पर परिजन उसे वाड्रफनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। जहां चिकित्सकों ने उपचार के दौरान उसकी हालत बिगड़ता देख उसे अंबिकापुर रेफर कर दिया। बच्ची को सोमवार की शाम अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में दाखिल कराया गया जहां उपचार के बाद भी सरिता की हालत में सुधार नहीं हुआ और मंगलवार दोपहर उसकी मौत हो गई।