भोपाल नगर निगम के रिटायर्ड अफसर के ठिकानों पर छापा, आय से अधिक संपति को लेकर जांच कर रही लोकायुक्त की टीम:

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भोपाल ।   राजधानी भोपाल में लोकायुक्त की टीम की छापामार कार्रवाई जारी है। यह कार्रवाई नगर निगम के सेवानिवृत्त अधीक्षण यंत्री पीके जैन के निवास और कार्यालय पर की जा रही है। यह कार्रवाई आय से अधिक संपत्ति के मामले में की जा रही है। पीके जैन सेवानिवृत होने के बाद संविदा पर स्मार्ट सिटी कार्यालय में पदस्थ हैं। जानकारी के अनुसार शुक्रवार सुबह लोकायुक्त की टीम सेवानिवृत्त अधीक्षण यंत्री पीके जैन के निवास और कार्यालय पर पहुंची और जांच शुरू की। टीम के सदस्यों जैन के घर और कार्यालय से दस्तावेजों और अन्य महत्वपूर्ण सामग्री को जब्त किया है। प्रारंभिक जांच में संपत्ति का ब्यौरा और आय के स्रोतों की जांच की जा रही है। लोकायुक्त के अधिकारियों का कहना है कि अभी दस्तावेजों की जांच की जा रही है।

जांच के बाद ही साफतौर पर कुछ कहा जा सकता है। पीके जैन विवादित अधिकारी रहे हैं। बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की अनुमति के बिना स्मार्ट सिटी में नियुक्ति दी गई थी। इस दौरान ईओडब्ल्यू में शिकायत को भी छिपाया, सेवानिवृत्त के अगले दिन प्रभार दे दिया गया था। इनके खिलाफ आर्थिक अपराध शाखा में दो शिकायतें पहले से लंबित है। लेकिन संविदा नियुक्ति के समय इसका जिक्र नहीं किया गया। निगम के यांत्रिक शाखा से 30 सितंबर 2023 में सेवानिवृत्त होना था, लेकिन इससे पहले ही स्मार्ट सिटी में अधीक्षण यंत्री के पद पर संविदा नियुक्ति के लिए आवेदन कर दिया गया। अधिकारियों ने भी जैन के बिना सेवानिवृत्त हुए 29 नवंबर 2023 को ही नियुक्ति के संबंध में आदेश जारी कर दिया था। ईआडब्ल्यू में दो शिकायतें की गई हैं। इनका शिकायत क्रमांक 156-19 और 107-19 है। वहीं निगम में सेवा करते हुए भी इनके खिलाफ कई शिकायतें हुईं, लेकिन संविदा नियुक्ति के आवेदन में इसका जिक्र नहीं किया गया।


भोपाल ।   राजधानी भोपाल में लोकायुक्त की टीम की छापामार कार्रवाई जारी है। यह कार्रवाई नगर निगम के सेवानिवृत्त अधीक्षण यंत्री पीके जैन के निवास और कार्यालय पर की जा रही है। यह कार्रवाई आय से अधिक संपत्ति के मामले में की जा रही है। पीके जैन सेवानिवृत होने के बाद संविदा पर स्मार्ट सिटी कार्यालय में पदस्थ हैं। जानकारी के अनुसार शुक्रवार सुबह लोकायुक्त की टीम सेवानिवृत्त अधीक्षण यंत्री पीके जैन के निवास और कार्यालय पर पहुंची और जांच शुरू की। टीम के सदस्यों जैन के घर और कार्यालय से दस्तावेजों और अन्य महत्वपूर्ण सामग्री को जब्त किया है। प्रारंभिक जांच में संपत्ति का ब्यौरा और आय के स्रोतों की जांच की जा रही है। लोकायुक्त के अधिकारियों का कहना है कि अभी दस्तावेजों की जांच की जा रही है।

जांच के बाद ही साफतौर पर कुछ कहा जा सकता है। पीके जैन विवादित अधिकारी रहे हैं। बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की अनुमति के बिना स्मार्ट सिटी में नियुक्ति दी गई थी। इस दौरान ईओडब्ल्यू में शिकायत को भी छिपाया, सेवानिवृत्त के अगले दिन प्रभार दे दिया गया था। इनके खिलाफ आर्थिक अपराध शाखा में दो शिकायतें पहले से लंबित है। लेकिन संविदा नियुक्ति के समय इसका जिक्र नहीं किया गया। निगम के यांत्रिक शाखा से 30 सितंबर 2023 में सेवानिवृत्त होना था, लेकिन इससे पहले ही स्मार्ट सिटी में अधीक्षण यंत्री के पद पर संविदा नियुक्ति के लिए आवेदन कर दिया गया। अधिकारियों ने भी जैन के बिना सेवानिवृत्त हुए 29 नवंबर 2023 को ही नियुक्ति के संबंध में आदेश जारी कर दिया था। ईआडब्ल्यू में दो शिकायतें की गई हैं। इनका शिकायत क्रमांक 156-19 और 107-19 है। वहीं निगम में सेवा करते हुए भी इनके खिलाफ कई शिकायतें हुईं, लेकिन संविदा नियुक्ति के आवेदन में इसका जिक्र नहीं किया गया।


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