भोपाल। मप्र में विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने संगठन को मजबूत करने के लिए जो सेक्टर फॉर्मूला लागू किया था, वह पूरी तरह फेल हो गया है। इसलिए पार्टी के रणनीतिकारों ने मप्र में नई व्यवस्था लागू करने की रणनीति बनाई है। सूत्रों का कहना है कि प्रदेश संगठन के गठन के बाद मप्र में सेक्टर व्यवस्था को खत्म कर उसकी जगह समितियों का गठन किया जाएगा। अब पंचायत और वार्ड स्तरीय समिति बनाई जाएंगी।
गौरतलब है कि कांग्रेस को मप्र में विधानसभा और लोकसभा चुनाव में मिली बड़ी हार के बाद पार्टी लगातार मंथन कर रही है। भोपाल में लगातार बैठकों का दौर चला अब दिल्ली में 13 अगस्त को कांग्रेस की बैठक होने वाली है। जिसमे पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े, राहुल गांधी, पीसीसी चीफ जीतू पटवारी, भंवर जीतेन्द्र सिंह सहित कई दिग्गज शामिल होंगे। इस दौरान पिछले कुछ महीनों में हुए कामकाज का फीडबैक लेने के उद्देश्य से इस बैठक का आयोजन किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार जीतू पटवारी और जीतेन्द्र सिंह मप्र में कांग्रेस के द्वारा किये गए अब तक के कामकाज की जानकारी दी जाएगी। साथ ही किये गए कार्यों के क्या फीडबैक मिले है इसकी पूरी रिपोर्ट बैठक में दी जाएगी।
विधानसभा और लोकसभा चुनाव में भाजपा से करारी हार मिलने के बाद अब प्रदेश कांग्रेस के संगठन में परिवर्तन होगा। इसमें सेक्टर व्यवस्था समाप्त कर पंचायत और वार्ड स्तर पर समितियां बनाई जाएंगी। इनमें स्थानीय वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्य बनाया जाएगा। इसी तरह अनुसूचित जाति जनजाति और पिछड़ा वर्ग के जो विभिन्न प्रकोष्ठ बनाए गए थे उन्हें भी विभागों में समायोजित किया जाएगा। प्रदेश कार्यकारिणी के गठन के साथ नई व्यवस्था लागू कर दी जाएगी। कमल नाथ के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए प्रदेश में बूथ, सेक्टर और मंडलम पर सर्वाधिक ध्यान दिया गया था। इनके अध्यक्षों से ही प्रदेश कांग्रेस सभी जानकारियां लिया करती थी। विधानसभा के बाद लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद चले मंथन में यह बात निकलकर आई कि स्थानीय स्तर पर कार्यकर्ताओं की नाराजगी रही। वरिष्ठों को दरकिनार करके नए लोगों को संगठन की जिम्मेदारी दी गई पर उन्होंने काम नहीं किया। पंचायत और वार्ड स्तर पर अधिक से अधिक लोगों को अवसर मिलना चाहिए। इस सुझाव पर प्रदेश इकाई सैद्धांतिक तौर पर सहमत है और यह तय किया है कि सेक्टर व्यवस्था को समाप्त करके पंचायत और वार्ड स्तरीय समिति बनाई जाएंगी। इससे प्रत्येक गांव और वार्ड में पार्टी का नेटवर्क तैयार हो जाएगा और स्थानीय कार्यकर्ताओं की पूछपरख भी होगी।
प्रदेश कांग्रेस के संगठन में दशकों बाद बड़ा बदलाव होने जा रहा है। इसमें पंचायत से लेकर प्रदेश स्तर तक युवा चेहरे दिखाई देंगे। पार्टी ने पीढ़ी परिवर्तन का संदेश तो जीतू पटवारी को प्रदेश अध्यक्ष, उमंग सिंघार को विधानसभा का नेता प्रतिपक्ष और हेमंत कटारे को उप नेता बनाकर दे दिया पर अब इसका विस्तार प्राथमिक इकाई तक किया जाएगा। ऐसे युवाओं को आगे बढ़ाया जाएगा जो किसी गुट से नहीं बल्कि वैचारिक रूप से कांग्रेस के साथ हैं। प्रदेश में कांग्रेस का संगठन दशकों तक श्यामाचरण शुक्ल, अर्जुन सिंह, दिग्विजय सिंह, कमल नाथ के ईद-गिर्द घुमता रहा है। सभी नेता अपने समर्थकों को आगे बढ़ाते रहे। इसमें ऐसे कार्यकर्ता पीछे छूट गए जो किसी गुट मेंं नहीं बल्कि वैचारिक रूप से कांग्रेस के साथ थे। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने संगठन में युवाओं को आगे बढ़ाने की शुरुआत की। अरुण यादव, कमलेश्वर पटेल, जीतू पटवारी, उमंग सिंघार को केंद्रीय संगठन में जिम्मेदारी देकर आगे बढ़ाया और अब इसे और विस्तार दिया जा रहा है।
हर स्तर से फीडबैक
दरअसल, विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद कार्यकर्ताओं में आई निराशा को दूर करने के लिए तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ को हटाकर चुनाव हराने के बावजूद जीतू पटवारी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया। अजय सिंह जैसे वरिष्ठ नेताओं के रहते हुए भी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार और उपनेता हेमंत कटारे को बनाकर पीढ़ी परिवर्तन का संदेश दिया। अब इसे और आगे बढ़ाने की तैयारी है। इसके लिए पंचायत से लेकर प्रदेश स्तर तक मंथन किया गया है। हर स्तर से फीडबैक लेकर नई टीम का खाका तैयार होगा। प्रत्येक स्तर पर 50 प्रतिशत तक युवाओं को मौका मिलेगा। पदाधिकारी भी सीमित ही बनाए जाएंगे। प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी जितेंद्र सिंह का कहना है कि हर स्तर पर चर्चा कर संगठन को मजबूत किया जाएगा। युवाओं को अनुभवी व्यक्तियों के मार्गदर्शन में आगे बढ़ाया जाएगा। कमल नाथ ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुए संगठन की मजबूती के लिए भाजपा की तर्ज पर जिलों में संगठन मंत्री नियुक्त किए थे। इन्हें जिले में पार्टी के सभी संगठनों के साथ समन्वय बनाकर काम करने का दायित्व दिया था। इस प्रयोग को आगे बढ़ाया जाएगा। जिला प्रभारी की व्यवस्था के साथ-साथ कोर कमेटी भी बनाई जाएगी। इसे द्वारा लिए जाने वाले निर्णय सभी संगठनों पर लागू होंगे। प्रदेश कांग्रेस के साथ-साथ सभी सहयोगी संगठनों में भी बदलाव होगा। युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को प्रदेश कांग्रेस में स्थान मिलेगा। वहीं, युवा कांग्रेस की नई टीम भी बनेगी। महिला कांग्रेस भी पदाधिकारियों के काम का आकलन करके संगठन में परिवर्तन करेगी।
भोपाल। मप्र में विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने संगठन को मजबूत करने के लिए जो सेक्टर फॉर्मूला लागू किया था, वह पूरी तरह फेल हो गया है। इसलिए पार्टी के रणनीतिकारों ने मप्र में नई व्यवस्था लागू करने की रणनीति बनाई है। सूत्रों का कहना है कि प्रदेश संगठन के गठन के बाद मप्र में सेक्टर व्यवस्था को खत्म कर उसकी जगह समितियों का गठन किया जाएगा। अब पंचायत और वार्ड स्तरीय समिति बनाई जाएंगी।
गौरतलब है कि कांग्रेस को मप्र में विधानसभा और लोकसभा चुनाव में मिली बड़ी हार के बाद पार्टी लगातार मंथन कर रही है। भोपाल में लगातार बैठकों का दौर चला अब दिल्ली में 13 अगस्त को कांग्रेस की बैठक होने वाली है। जिसमे पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े, राहुल गांधी, पीसीसी चीफ जीतू पटवारी, भंवर जीतेन्द्र सिंह सहित कई दिग्गज शामिल होंगे। इस दौरान पिछले कुछ महीनों में हुए कामकाज का फीडबैक लेने के उद्देश्य से इस बैठक का आयोजन किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार जीतू पटवारी और जीतेन्द्र सिंह मप्र में कांग्रेस के द्वारा किये गए अब तक के कामकाज की जानकारी दी जाएगी। साथ ही किये गए कार्यों के क्या फीडबैक मिले है इसकी पूरी रिपोर्ट बैठक में दी जाएगी।
विधानसभा और लोकसभा चुनाव में भाजपा से करारी हार मिलने के बाद अब प्रदेश कांग्रेस के संगठन में परिवर्तन होगा। इसमें सेक्टर व्यवस्था समाप्त कर पंचायत और वार्ड स्तर पर समितियां बनाई जाएंगी। इनमें स्थानीय वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्य बनाया जाएगा। इसी तरह अनुसूचित जाति जनजाति और पिछड़ा वर्ग के जो विभिन्न प्रकोष्ठ बनाए गए थे उन्हें भी विभागों में समायोजित किया जाएगा। प्रदेश कार्यकारिणी के गठन के साथ नई व्यवस्था लागू कर दी जाएगी। कमल नाथ के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए प्रदेश में बूथ, सेक्टर और मंडलम पर सर्वाधिक ध्यान दिया गया था। इनके अध्यक्षों से ही प्रदेश कांग्रेस सभी जानकारियां लिया करती थी। विधानसभा के बाद लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद चले मंथन में यह बात निकलकर आई कि स्थानीय स्तर पर कार्यकर्ताओं की नाराजगी रही। वरिष्ठों को दरकिनार करके नए लोगों को संगठन की जिम्मेदारी दी गई पर उन्होंने काम नहीं किया। पंचायत और वार्ड स्तर पर अधिक से अधिक लोगों को अवसर मिलना चाहिए। इस सुझाव पर प्रदेश इकाई सैद्धांतिक तौर पर सहमत है और यह तय किया है कि सेक्टर व्यवस्था को समाप्त करके पंचायत और वार्ड स्तरीय समिति बनाई जाएंगी। इससे प्रत्येक गांव और वार्ड में पार्टी का नेटवर्क तैयार हो जाएगा और स्थानीय कार्यकर्ताओं की पूछपरख भी होगी।
प्रदेश कांग्रेस के संगठन में दशकों बाद बड़ा बदलाव होने जा रहा है। इसमें पंचायत से लेकर प्रदेश स्तर तक युवा चेहरे दिखाई देंगे। पार्टी ने पीढ़ी परिवर्तन का संदेश तो जीतू पटवारी को प्रदेश अध्यक्ष, उमंग सिंघार को विधानसभा का नेता प्रतिपक्ष और हेमंत कटारे को उप नेता बनाकर दे दिया पर अब इसका विस्तार प्राथमिक इकाई तक किया जाएगा। ऐसे युवाओं को आगे बढ़ाया जाएगा जो किसी गुट से नहीं बल्कि वैचारिक रूप से कांग्रेस के साथ हैं। प्रदेश में कांग्रेस का संगठन दशकों तक श्यामाचरण शुक्ल, अर्जुन सिंह, दिग्विजय सिंह, कमल नाथ के ईद-गिर्द घुमता रहा है। सभी नेता अपने समर्थकों को आगे बढ़ाते रहे। इसमें ऐसे कार्यकर्ता पीछे छूट गए जो किसी गुट मेंं नहीं बल्कि वैचारिक रूप से कांग्रेस के साथ थे। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने संगठन में युवाओं को आगे बढ़ाने की शुरुआत की। अरुण यादव, कमलेश्वर पटेल, जीतू पटवारी, उमंग सिंघार को केंद्रीय संगठन में जिम्मेदारी देकर आगे बढ़ाया और अब इसे और विस्तार दिया जा रहा है।
हर स्तर से फीडबैक
दरअसल, विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद कार्यकर्ताओं में आई निराशा को दूर करने के लिए तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ को हटाकर चुनाव हराने के बावजूद जीतू पटवारी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया। अजय सिंह जैसे वरिष्ठ नेताओं के रहते हुए भी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार और उपनेता हेमंत कटारे को बनाकर पीढ़ी परिवर्तन का संदेश दिया। अब इसे और आगे बढ़ाने की तैयारी है। इसके लिए पंचायत से लेकर प्रदेश स्तर तक मंथन किया गया है। हर स्तर से फीडबैक लेकर नई टीम का खाका तैयार होगा। प्रत्येक स्तर पर 50 प्रतिशत तक युवाओं को मौका मिलेगा। पदाधिकारी भी सीमित ही बनाए जाएंगे। प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी जितेंद्र सिंह का कहना है कि हर स्तर पर चर्चा कर संगठन को मजबूत किया जाएगा। युवाओं को अनुभवी व्यक्तियों के मार्गदर्शन में आगे बढ़ाया जाएगा। कमल नाथ ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुए संगठन की मजबूती के लिए भाजपा की तर्ज पर जिलों में संगठन मंत्री नियुक्त किए थे। इन्हें जिले में पार्टी के सभी संगठनों के साथ समन्वय बनाकर काम करने का दायित्व दिया था। इस प्रयोग को आगे बढ़ाया जाएगा। जिला प्रभारी की व्यवस्था के साथ-साथ कोर कमेटी भी बनाई जाएगी। इसे द्वारा लिए जाने वाले निर्णय सभी संगठनों पर लागू होंगे। प्रदेश कांग्रेस के साथ-साथ सभी सहयोगी संगठनों में भी बदलाव होगा। युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को प्रदेश कांग्रेस में स्थान मिलेगा। वहीं, युवा कांग्रेस की नई टीम भी बनेगी। महिला कांग्रेस भी पदाधिकारियों के काम का आकलन करके संगठन में परिवर्तन करेगी।