डायबिटीज के मरीजों को अक्सर यह शिकायत रहती है कि उन्हें खाने के बाद भी संतुष्टि नहीं मिलती। उन्हें खाने के बाद भी भूख महसूस होती है और अधिक खाने की क्रिविंग होती है। इस स्थिति को मेडिकल टर्म में “हाइपरफैगिया” कहा जाता है। डायबिटीज के मरीजों में यह लक्षण आम है, परंतु यदि इसे नियंत्रित न किया जाए, तो यह उनके लिए परेशानी का कारण बन सकता है। इसलिए सभी डायबिटिक पेशेंट्स को इससे जुड़ी जानकारी होनी चाहिए, ताकि वे आसानी से इस स्थिति से डील कर सकें। हेल्थ शॉट्स ने इस बारे में न्यूबर्ग डायग्नोस्टिक्स, नोएडा के कंसल्टेंट पैथोलॉजिस्ट डॉ. विज्ञान मिश्रा से बात की। तो चलिए डॉक्टर से जानते हैं इस बारे में क्या है उनकी राय।
हाइपरफैगिया क्या है -
वास्तव में हाइपरफैगिया कोई डिसऑर्डर नहीं है, बल्कि यह एक चिकित्सा स्थिति का लक्षण है। असामान्य रूप से मजबूत, लगातार भूख की अनुभूति को हाइपरफैगिया कहते है, जो खाने से संतुष्ट नहीं होती है। इससे अधिक खाने और वजन बढ़ने की समस्या हो सकती है।
एक्सपर्ट बता रहे हैं क्या है डायबिटिक हाइपरफैगिया -
डॉक्टर के अनुसार “डायबिटिक हाइपरफैगिया, एक स्थिति है जिसमें डायबिटीज के मरीजों को खाने के बाद भी अत्यधिक भूख लगती है, डायबिटीज का एक सामान्य लेकिन अक्सर गलत समझा जाने वाला लक्षण है। यह अत्यधिक भूख मुख्य रूप से इंसुलिन प्रतिरोध, टाइप 2 डायबिटीज की पहचान, या टाइप 1 डायबिटीज में अपर्याप्त इंसुलिन उत्पादन के कारण महसूस होती है।”
“जब शरीर प्रभावी रूप से इंसुलिन का उपयोग नहीं कर पाता है, या शरीर में पर्याप्त इंसुलिन की कमी होती है, तो भोजन से ग्लूकोज ऊर्जा प्रदान करने के लिए सेल्स में प्रवेश करने के बजाय ब्लड स्ट्रीम में रहता है। नतीजतन, सेल्स मस्तिष्क को संकेत देती हैं, उन्हें भूख लगी है, जिससे तीव्र भूख लगती है।” एक अन्य योगन कारक रक्त शर्करा के स्तर में उतार-चढ़ाव है। खाने के बाद, डायबिटीज के रोगी को ब्लड शुगर में तेजी से वृद्धि और उसके बाद तेज गिरावट का अनुभव हो सकता है, जिससे भूख की भावना पैदा होती है। इसके अतिरिक्त, डायबिटीज की कुछ दवाएं भूख को बढ़ा सकती हैं, जिससे हाइपरफैगिया बढ़ सकता है।”
जानिए हाइपरफैगिया के लक्षण -
नियमित रूप से खाने के बावजूद भूख लगना
खाने की तीव्र इच्छा महसूस होना
अधिक खाना
वजन बढ़ना
थकान
अत्यधिक प्यास लगना
बार-बार पेशाब आना
दस्त, मतली जैसी पाचन संबंधी समस्याएं
जानें इस स्थिति को कैसे नियंत्रित किया जा सकता है -
“इस स्थिति को प्रबंधित करने के लिए संतुलित भोजन, नियमित शुगर जांच और उचित दवा के माध्यम से ब्लड शुगर लेवल को मेंटेन रखना शामिल है। अनुकूलित आहार और उपचार योजनाओं के लिए डॉक्टर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है। डायबिटीज हाइपरफैगिया को समझना प्रभावी मधुमेह प्रबंधन और अधिक खाने और खराब ग्लाइसेमिक नियंत्रण से संबंधित जटिलताओं को रोकने के लिए आवश्यक है।”
क्या है हाइपरफैगिया से डील करने का उपाय -
इंसुलिन और एंटी डायबिटिक दवाइयों के साथ डायबिटीज पर अच्छा नियंत्रण रखें
एक हेल्दी डाइट मेंटेन करें
आहार में जटिल कार्बोहाइड्रेट के साथ बार-बार छोटे-छोटे भोजन लें
हाई प्रोटीन डाइट फॉलो करें
बीच में स्नैक्स के साथ बार-बार छोटे-छोटे भोजन लें
ब्लड शुगर की जांच करें
अच्छी नींद लेना जरूरी है
स्ट्रेस मैनेजमेंट पर ध्यान दे
शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म परेशानियों पर नज़र रखें
डायबिटीज के मरीजों को अक्सर यह शिकायत रहती है कि उन्हें खाने के बाद भी संतुष्टि नहीं मिलती। उन्हें खाने के बाद भी भूख महसूस होती है और अधिक खाने की क्रिविंग होती है। इस स्थिति को मेडिकल टर्म में “हाइपरफैगिया” कहा जाता है। डायबिटीज के मरीजों में यह लक्षण आम है, परंतु यदि इसे नियंत्रित न किया जाए, तो यह उनके लिए परेशानी का कारण बन सकता है। इसलिए सभी डायबिटिक पेशेंट्स को इससे जुड़ी जानकारी होनी चाहिए, ताकि वे आसानी से इस स्थिति से डील कर सकें। हेल्थ शॉट्स ने इस बारे में न्यूबर्ग डायग्नोस्टिक्स, नोएडा के कंसल्टेंट पैथोलॉजिस्ट डॉ. विज्ञान मिश्रा से बात की। तो चलिए डॉक्टर से जानते हैं इस बारे में क्या है उनकी राय।
हाइपरफैगिया क्या है -
वास्तव में हाइपरफैगिया कोई डिसऑर्डर नहीं है, बल्कि यह एक चिकित्सा स्थिति का लक्षण है। असामान्य रूप से मजबूत, लगातार भूख की अनुभूति को हाइपरफैगिया कहते है, जो खाने से संतुष्ट नहीं होती है। इससे अधिक खाने और वजन बढ़ने की समस्या हो सकती है।
एक्सपर्ट बता रहे हैं क्या है डायबिटिक हाइपरफैगिया -
डॉक्टर के अनुसार “डायबिटिक हाइपरफैगिया, एक स्थिति है जिसमें डायबिटीज के मरीजों को खाने के बाद भी अत्यधिक भूख लगती है, डायबिटीज का एक सामान्य लेकिन अक्सर गलत समझा जाने वाला लक्षण है। यह अत्यधिक भूख मुख्य रूप से इंसुलिन प्रतिरोध, टाइप 2 डायबिटीज की पहचान, या टाइप 1 डायबिटीज में अपर्याप्त इंसुलिन उत्पादन के कारण महसूस होती है।”
“जब शरीर प्रभावी रूप से इंसुलिन का उपयोग नहीं कर पाता है, या शरीर में पर्याप्त इंसुलिन की कमी होती है, तो भोजन से ग्लूकोज ऊर्जा प्रदान करने के लिए सेल्स में प्रवेश करने के बजाय ब्लड स्ट्रीम में रहता है। नतीजतन, सेल्स मस्तिष्क को संकेत देती हैं, उन्हें भूख लगी है, जिससे तीव्र भूख लगती है।” एक अन्य योगन कारक रक्त शर्करा के स्तर में उतार-चढ़ाव है। खाने के बाद, डायबिटीज के रोगी को ब्लड शुगर में तेजी से वृद्धि और उसके बाद तेज गिरावट का अनुभव हो सकता है, जिससे भूख की भावना पैदा होती है। इसके अतिरिक्त, डायबिटीज की कुछ दवाएं भूख को बढ़ा सकती हैं, जिससे हाइपरफैगिया बढ़ सकता है।”
जानिए हाइपरफैगिया के लक्षण -
नियमित रूप से खाने के बावजूद भूख लगना
खाने की तीव्र इच्छा महसूस होना
अधिक खाना
वजन बढ़ना
थकान
अत्यधिक प्यास लगना
बार-बार पेशाब आना
दस्त, मतली जैसी पाचन संबंधी समस्याएं
जानें इस स्थिति को कैसे नियंत्रित किया जा सकता है -
“इस स्थिति को प्रबंधित करने के लिए संतुलित भोजन, नियमित शुगर जांच और उचित दवा के माध्यम से ब्लड शुगर लेवल को मेंटेन रखना शामिल है। अनुकूलित आहार और उपचार योजनाओं के लिए डॉक्टर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है। डायबिटीज हाइपरफैगिया को समझना प्रभावी मधुमेह प्रबंधन और अधिक खाने और खराब ग्लाइसेमिक नियंत्रण से संबंधित जटिलताओं को रोकने के लिए आवश्यक है।”
क्या है हाइपरफैगिया से डील करने का उपाय -
इंसुलिन और एंटी डायबिटिक दवाइयों के साथ डायबिटीज पर अच्छा नियंत्रण रखें
एक हेल्दी डाइट मेंटेन करें
आहार में जटिल कार्बोहाइड्रेट के साथ बार-बार छोटे-छोटे भोजन लें
हाई प्रोटीन डाइट फॉलो करें
बीच में स्नैक्स के साथ बार-बार छोटे-छोटे भोजन लें
ब्लड शुगर की जांच करें
अच्छी नींद लेना जरूरी है
स्ट्रेस मैनेजमेंट पर ध्यान दे
शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म परेशानियों पर नज़र रखें